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जिंदगी से खिलवाड़! दवा दुकानदार के पास ना लाइसेंस...ना कोई डिग्री - Chemist selling medicines without degree and license

मल्यावर में बिना लाइसेंस और डिग्री के एलोपैथिक दवाइयां बेचने पर स्वास्थ्य विभाग ने कार्रवाई की है. टीम ने दुकान को सीज कर दिया है. विभाग की ओर से इस बात की भी जांच की जा रही है कि इतने समय से वह कहां से दवाइयां खरीदकर लाता था.

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Published : May 29, 2021, 1:05 PM IST

बिलासपुर: जिला बिलासपुर के मल्यावर में बिना लाइसेंस और डिग्री के एलोपैथिक दवाइयां बेचने का मामला सामने आया है. विभाग की टीम ने दुकान को सील कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है. स्वास्थ्य विभाग घुमारवीं की दवा निरीक्षक कुमारी अंजना देवी ने दबिश देकर मेडिकल स्टोर को सील कर दिया है.

दवा निरीक्षक कुमारी अंजना देवी ने बताया कि टीम को सूचना मिली थी कि मल्यावर कस्बे में एक मेडिकल स्टोर में बिना लाइसेंस और डिग्री दवाइयां बेची जा रही हैं. इस मामले में पुलिस के सहयोग से स्टोर का सारा रिकॉर्ड कब्जे में ले लिया गया है.

न कोई डिग्री और न ही लाइसेंस

संचालक से डिग्री मांगने पर वह हड़बड़ा गया. उसके पास न कोई डिग्री थी और न ही कोई लाइसेंस था. इसके अलावा पिछले 3 साल की सेल का कोई भी बिल टीम को नहीं दिखा सका. उसके पास केवल पिछले 3 सालों के खरीद बिल ही पाए गए. विभाग की ओर से इस बात की भी जांच की जा रही है कि इतने समय से वह कहां से दवाइयां खरीदकर लाता था.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में फिलहाल बस संचालन को लेकर कोई फैसला नहीं, अभी करना होगा इंतजार

बिलासपुर: जिला बिलासपुर के मल्यावर में बिना लाइसेंस और डिग्री के एलोपैथिक दवाइयां बेचने का मामला सामने आया है. विभाग की टीम ने दुकान को सील कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है. स्वास्थ्य विभाग घुमारवीं की दवा निरीक्षक कुमारी अंजना देवी ने दबिश देकर मेडिकल स्टोर को सील कर दिया है.

दवा निरीक्षक कुमारी अंजना देवी ने बताया कि टीम को सूचना मिली थी कि मल्यावर कस्बे में एक मेडिकल स्टोर में बिना लाइसेंस और डिग्री दवाइयां बेची जा रही हैं. इस मामले में पुलिस के सहयोग से स्टोर का सारा रिकॉर्ड कब्जे में ले लिया गया है.

न कोई डिग्री और न ही लाइसेंस

संचालक से डिग्री मांगने पर वह हड़बड़ा गया. उसके पास न कोई डिग्री थी और न ही कोई लाइसेंस था. इसके अलावा पिछले 3 साल की सेल का कोई भी बिल टीम को नहीं दिखा सका. उसके पास केवल पिछले 3 सालों के खरीद बिल ही पाए गए. विभाग की ओर से इस बात की भी जांच की जा रही है कि इतने समय से वह कहां से दवाइयां खरीदकर लाता था.

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