बिलासपुर: जिला प्रशासन की आधी-अधूरी जानकारी के कारण बिलासपुर शहर में सोमवार को बार्बर की दुकानें नहीं खुल पाई. शहर में सिर्फ एक दुकान खुली थी, जिसे एसोसिएशन की ओर से बंद करवा दिया गया. बार्बर एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष सोहन सिंह चंदेल ने प्रशासन की ओर से उन्हें जानकारी नहीं देने पर नाराजगी जताई. उन्होंने बताया जिला प्रशासन की ओर से उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई थी कि सोमवार को दुकानें खोली जा सकेंगी. सोमवार सुबह ही उन्होंने यह जानकारी मिली की दुकानों को खोला जा सकता है.
बार्बर एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष सोहन सिंह चंदेल ने जिला प्रशासन से नाराजगी जाहिर करते हुए बताया कि उपायुक्त महोदय को एक बार एसोसिएशन के किसी भी सदस्य को इसकी सूचना देनी चाहिए थी, ताकि दुकानों को पूरी तैयारी के साथ खोला जा सकता.
पूंजी खत्म हो गई
प्रदेशाध्यक्ष ने बताया कि लाॅकडाउन के चलते उनके पास जितनी भी जमापूंजी थी सारी खर्च हो चुकी है. प्रशासन की ओर से जारी गाइडलाइन में बहुत सी बातों का शामिल किया गया है. कई उपकरणों का जिक्र गाइडलाइन में है. सोशल डिस्टेंसिंग सहित कई बातों का ख्याल रखकर दुकानें खोलना होगी. हमारी जिला प्रशासन से मांग है कि हमारी बातों को भी प्रमुखता से लिया जाए. दो महीने से दुकानें बंद होने से काफी नुकसान हुआ है.
पांच-पांच हजार देने की मांग
उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से भी मांग की है कि केरल व दिल्ली सरकार की तर्ज पर हिमाचल के बार्बर कर्मचारियों को पांच-पांच हजार की आर्थिक मदद की जाए, ताकि वह अपनी दुकानों में काम करने के लिए पीपीई किट फेस शील्ड, दस्ताने और मास्क ले सकें. उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से उन्हें विशेष टेनिंग भी दी गई है, लेकिन दुकानें कब खोलनी है इसके बारे जिला प्रशासन ने उन्हें कोई सूचना नहीं दी थी.
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