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श्री नैना देवी में चढ़ा लाखों का चढ़ावा, श्रद्धालुओं ने विदेशी डॉलर्स भी किए अर्पित

बिलासपुर उत्तरी भारत का प्रसिद्ध विश्व विख्यात शक्तिपीठ श्री नैना देवी में श्रावण अष्टमी नवरात्रों के दूसरे नवरात्रे के दौरान लाखों के चढ़ावे समेत विदेशी डॉलर भी चढ़े. ये जानकारी मंदिर न्यास अधीक्षक तुलसी राम ने दी.

शक्तिपीठ श्री नैना देवी
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Published : Aug 4, 2019, 7:58 AM IST

बिलासपुर: उत्तरी भारत का प्रसिद्ध विश्व विख्यात शक्तिपीठ श्री नैना देवी में श्रावण अष्टमी नवरात्रों के दौरान भारी संख्या में श्रद्धालुओं पहुंच रहे हैं. दूसरे नवरात्रे पर मंदिर न्यास को चढ़ावे के रूप में 12 लाख 22 हजार 799 रुपये नगद, सोना-चांदी समेत बाहरी कई देशों के डॉलर चढ़े.

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मंदिर में सोना 14 ग्राम 100 मिलीग्राम, चांदी 4 किलो 337 ग्राम,1 यूएसए डॉलर, 5 कनाडा डॉलर, 51 ऑस्ट्रेलिया डॉलर चढ़ावे के रूप में हासिल हुए हैं. मंदिर न्यास के आंकड़ों के मुताबिक दूसरे नवरात्रों पर 20 हजार श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचे. ये जानकारी मंदिर न्यास अधीक्षक तुलसी राम ने दी.

ये भी पढ़ें-बल्ह पंचायत में क्षतिग्रस्त सड़क से ग्रामीण परेशान, आंदोलन की चेतावनी

बिलासपुर: उत्तरी भारत का प्रसिद्ध विश्व विख्यात शक्तिपीठ श्री नैना देवी में श्रावण अष्टमी नवरात्रों के दौरान भारी संख्या में श्रद्धालुओं पहुंच रहे हैं. दूसरे नवरात्रे पर मंदिर न्यास को चढ़ावे के रूप में 12 लाख 22 हजार 799 रुपये नगद, सोना-चांदी समेत बाहरी कई देशों के डॉलर चढ़े.

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मंदिर में सोना 14 ग्राम 100 मिलीग्राम, चांदी 4 किलो 337 ग्राम,1 यूएसए डॉलर, 5 कनाडा डॉलर, 51 ऑस्ट्रेलिया डॉलर चढ़ावे के रूप में हासिल हुए हैं. मंदिर न्यास के आंकड़ों के मुताबिक दूसरे नवरात्रों पर 20 हजार श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचे. ये जानकारी मंदिर न्यास अधीक्षक तुलसी राम ने दी.

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Intro:हि.प्र. विश्वविद्यालय को बनाया जाएगा उच्च शिक्षा का उत्कृष्ट केंद्र : राज्यपाल

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सिकंदर कुमार ने आज राजभवन में राज्यपाल कलराज मिश्र से भेंट कर उन्हें विश्वविद्यालय से संबंधित विभिन्न गतिविधियों और भावी योजनाओं की जानकारी दी। राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अनेक उपलब्धियां हासिल की हैं और यहां से शिक्षा प्राप्त कर निकले अनेक उत्कृष्ट विद्यार्थी देश भर में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर तथा अन्य स्थानों पर योजनाबद्ध तरीके से गुणवत्तापरक निर्माण के साथ-साथ छात्रावासों की मुरम्मत का कार्य किया जाए, जिससे विद्यार्थियों को पढ़ाई के लिए उचित सुविधाएं मिल सकें। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में और छात्रावास, शैक्षणिक ब्लॉक तथा शिक्षक व गैर शिक्षक आवसीय परिसर के निर्माण की संभावनाओं का पता लगाया जाए।
कलराज मिश्र ने कहा कि राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद् (नैक) तथा राष्ट्रीय संस्थागत ढांचा श्रेणी (एन.आई.आर.एफ.) में रैंकिंग सुधार के लिए कार्य किया जाए ताकि विश्वविद्यालय की बेहतर छवि बनी रहे। इसके अतिरिक्त, परिसर को साफ-सुथरा बनाए रखने के लिए ठोस पहल की जाए ताकि विश्वविद्यालय से स्वच्छता का संदेश जा सके। उन्होंने सुझाव दिया कि अगले शैक्षणिक सत्र से नए शैक्षणिक विभाग खोले जाएं, जिनमें गुणात्मक एवं रोज़गारपरक शिक्षा पर विशेष बल दिया जाए। उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर को वाई-फाई परिसर बनाने के प्रयास करने के निर्देश दिए। उन्होंने विश्वविद्यालय स्तर पर खेल गतिविधियों को व्यापक स्तर पर बढ़ावा देने पर भी बल दिया तथा निर्देश दिए कि इसके लिए समुचित अधोसंरचना विकास पर जोर दिया जाए।Body:उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय स्तर पर ऐसे कार्यक्रम एवं सम्मेलनों का आयोजन भी होता रहना चाहिए जिससे विद्यार्थियों में राष्ट्रीयता की भावना का संचार हो और वह अपने प्रदेश व देश के लिए और समर्पित भाव से कार्य कर महत्वपूर्ण योगदान दे सकें।
कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय को उच्च शिक्षा के सर्वश्रेष्ठ केंद्र के रूप में विकसित करने के प्रयास किए जा रहे हैं और यहां अध्ययनरत विद्यार्थियों को शिक्षण से लेकर अन्य सुविधाओं को और प्रभावी करने के ठोस प्रयास किए जा रहे हैं।Conclusion:प्रो. सिकंदर ने कहा कि विश्वविद्यालय का अधिकतम कार्य ऑनलाईन (ईआरपी) के माध्यम से आरम्भ करवा दिया गया है तथा इस शैक्षणिक सत्र में पहली बार बी.एड की काउंसलिंग ऑनलाईन की गई है। इसके अतिरिक्त, फीस जमा करने का कार्य भी लगभग कैशलेस कर दिया गया है तथा ऑनलाईन ही फीस जमा कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय सूचना एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (यूआईआईटी) में तीन नए कोर्स, जिसमें सिविल, इलैक्ट्रिकल, इलैक्ट्रॉनिकस एवं कॉम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग इसी सत्र से आरम्भ किए जा रहे हैं और 39 प्राध्यापकों के पद तथा 16 गैर शिक्षक कर्मचारियों के पद भी स्वीकृत किए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार व ज़िला प्रशासन के सहयोग से यूनिवर्सिटी इंस्टीटयूट ऑफ लिगल स्टड्ीज़, यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ बिज़नेस स्कूल तथा डिपार्टमेंट ऑफ इवनिंग स्टडीज़ की ज़मीन को विश्वविद्यालय के नाम करवाया गया है और कुछ पर कार्य चल रहा है।
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