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पॉलीहाउस लोन घोटाला: विजिलेंस की टीम ने महिला मैनेजर समेत तीन लोगों को किया गिरफ्तार

ऊना में कांगड़ा बैंक से संबंधित पॉलीहाउस लोन घोटाले में विजिलेंस की टीम ने बैंक की रिटायर्ड महिला मैनेजर समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने लाखों रुपये का लोन तो ले लिया, लेकिन पॉलीहाउस का निर्माण नहीं किया.

UNA
ऊना
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Published : Jul 24, 2020, 4:18 PM IST

ऊना: जिला में पॉलीहाउस लोन घोटाला होने का मामला सामने आया है. कांगड़ा बैंक से संबंधित इस मामले में विजिलेंस की टीम ने बैंक की रिटायर्ड महिला मैनेजर समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. विजिलेंस के मुताबिक पॉलीहाउस लगाने के लिए मिलीभगत से बैंक द्वारा लाखों रुपये का लोन जारी तो किया गया, लेकिन धरातल पर पॉलीहाउस नहीं बना. ऐसे में लोगों के साथ धोखाधड़ी करके लोन में फर्जीवाड़ा किया गया है.

एएसपी विजिलेंस सागर चंद्र ने बताया कि केसीसी बैंक से रिटायर मैनेजर सुरिंद्र कुमारी, कुलदीप चंद और वरूण शर्मा को इस संबंध में गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने बताया कि तीनों आरोपियों ने षड़यंत्र रचकर लोहारली निवासी गुरचरण सिंह व गगरेट के नवीन पठानिया के पॉलीहाउस के नाम पर लोन के कागज भरवाए. जिससे आरोपियों ने गुरचरण के नाम पर 12 लाख रुपये और नवीन पठानिया के नाम पर 15 लाख रुपये का लोन लिया.

वीडियो

सागर चंद्र ने बताया कि इन दोनों के पास लोन के लिए जमीन नहीं थी. जिससे आरोपियों ने कुठेडा जसवाला उपरला में जंगल के इलाके की सस्ते दाम की जमीन इन दोनों के नाम करवाकर उनके नाम पर लोन ले लिया, लेकिन उस जमीन पर पॉलीहाउस नहीं बना. उन्होंने बताया कि ऋण राशि का सारा पैसा एक ही बार में कुलदीप चंद व वरुण शर्मा के खाते में डाल दिया गया. गुरचरण सिंह के लोन केस में जिस जमीन पर पॉलीहाउस प्रस्तावित किया गया. वो जमीन उसके नाम पर नहीं है.

बताया जा रहा है कि जब ये लोन दिए गए उस समय पंडित दीन दयाल किसान बागवान समृद्धि योजना लागू थी, लेकिन मैनेजर सुरिंद्रा कुमारी ने इस योजना के तहत कागजात न भरवाकर केसीसी बैंक की ऋण योजना की अन्य संबंधित गतिविधियों के तहत कागजात भरवाए. जिसमें कोई भी सब्सिडी नहीं थी.

ये भी पढ़ें: IIM मैदान में शराब पीने से रोकने पर गुस्साए युवक, गार्ड की पिटाई के बाद जलाई बाइक

ऊना: जिला में पॉलीहाउस लोन घोटाला होने का मामला सामने आया है. कांगड़ा बैंक से संबंधित इस मामले में विजिलेंस की टीम ने बैंक की रिटायर्ड महिला मैनेजर समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. विजिलेंस के मुताबिक पॉलीहाउस लगाने के लिए मिलीभगत से बैंक द्वारा लाखों रुपये का लोन जारी तो किया गया, लेकिन धरातल पर पॉलीहाउस नहीं बना. ऐसे में लोगों के साथ धोखाधड़ी करके लोन में फर्जीवाड़ा किया गया है.

एएसपी विजिलेंस सागर चंद्र ने बताया कि केसीसी बैंक से रिटायर मैनेजर सुरिंद्र कुमारी, कुलदीप चंद और वरूण शर्मा को इस संबंध में गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने बताया कि तीनों आरोपियों ने षड़यंत्र रचकर लोहारली निवासी गुरचरण सिंह व गगरेट के नवीन पठानिया के पॉलीहाउस के नाम पर लोन के कागज भरवाए. जिससे आरोपियों ने गुरचरण के नाम पर 12 लाख रुपये और नवीन पठानिया के नाम पर 15 लाख रुपये का लोन लिया.

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सागर चंद्र ने बताया कि इन दोनों के पास लोन के लिए जमीन नहीं थी. जिससे आरोपियों ने कुठेडा जसवाला उपरला में जंगल के इलाके की सस्ते दाम की जमीन इन दोनों के नाम करवाकर उनके नाम पर लोन ले लिया, लेकिन उस जमीन पर पॉलीहाउस नहीं बना. उन्होंने बताया कि ऋण राशि का सारा पैसा एक ही बार में कुलदीप चंद व वरुण शर्मा के खाते में डाल दिया गया. गुरचरण सिंह के लोन केस में जिस जमीन पर पॉलीहाउस प्रस्तावित किया गया. वो जमीन उसके नाम पर नहीं है.

बताया जा रहा है कि जब ये लोन दिए गए उस समय पंडित दीन दयाल किसान बागवान समृद्धि योजना लागू थी, लेकिन मैनेजर सुरिंद्रा कुमारी ने इस योजना के तहत कागजात न भरवाकर केसीसी बैंक की ऋण योजना की अन्य संबंधित गतिविधियों के तहत कागजात भरवाए. जिसमें कोई भी सब्सिडी नहीं थी.

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