ऊना: अर्जुन अवार्ड और पद्मश्री से अलंकृत किए गए दिवंगत पूर्व ओलंपियन चरणजीत सिंह वीरवार देर शाम पंचतत्व में विलीन हुए. इससे पूर्व वह अपने पीर निगाह रोड स्थित आवास से अंतिम यात्रा पर निकले. वहीं, जिला मुख्यालय के मोक्ष धाम में उनके पुत्र वीपी सिंह और परिवार के अन्य सदस्यों ने भारत के इस महान खिलाड़ी को मुखाग्नि दी.
गौरतलब है कि वीरवार तड़के करीब 5:00 बजे भारत के इस महान (hockey legend charanjit singh) खिलाड़ी ने अपने आवास में अंतिम सांस ली थी. वहीं, चरणजीत सिंह के निधन की खबर सुनने के बाद सैकड़ों की संख्या में खेल प्रेमी उनके आवास पर पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते रहे.
पद्मश्री चरणजीत सिंह के अंत्येष्टि संस्कार में हिमाचल प्रदेश के कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर, वित्त आयोग के अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती, एचपीएसआईडीसी उपाध्यक्ष प्रोफेशनल रामकुमार, कांग्रेसी विधायक सतपाल सिंह रायजादा, डीसी राघव शर्मा, एसपी अर्जित सेन ठाकुर (charanjit singh passes away) ने पुष्प चक्र के साथ भारत के इस महान खिलाड़ी को श्रद्धा सुमन अर्पित किए.
मौके पर खेल विभाग समेत समेत तमाम विभागों के अधिकारी (former captain of indian hockey team) कर्मचारी और खेल प्रेमी भी अंत्येष्टि में भाग लेने के लिए मोक्ष धाम पहुंचे थे. नम आंखों के साथ सैकड़ों लोगों ने पद्मश्री चरणजीत सिंह को अंतिम विदाई दी. विधिवत मंत्रोच्चारण के बीच चरणजीत सिंह के परिजनों ने उन्हें पंचतत्व में विलीन किया.
इस मौके पर पहुंचे गणमान्य व्यक्तियों व खेल प्रेमियों ने चरणजीत सिंह के निधन को देश के लिए अपूरणीय क्षति बताया है. गौरतलब है कि चरणजीत सिंह ने वर्ष 1964 में टोक्यो में ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेल प्रतियोगिता के दौरान हॉकी में भारत को स्वर्ण पदक दिलाया था. चरणजीत सिंह इस टीम के कप्तान रहे थे.
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