सोलन: जिला मुख्यालय सोलन में बुधवार से हिमाचल किसान सभा (Himachal Kisan Sabha) दो दिवसीय 16वां राज्य सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें प्रदेश भर के 200 से अधिक किसान भाग ले रहे (Program of Himachal Kisan Sabha) हैं. इस सम्मेलन में हिमाचल प्रदेश में किसान बागवानों को पेश आ रही समस्याओं को लेकर चर्चा की जाएगी. वहीं आगामी दिनों में किस तरह से किसान आंदोलन को मजबूत किया जाए इसको लेकर भी रणनीति बनाई जाएगी. वहीं इन सम्मेलन में किसान सभा के राष्ट्रीय महासचिव हनन मौला भी पहुंचे, जिन्होंने पदाधिकारियों का मार्गदर्शन किया.
इस मौके पर हिमाचल किसान सभा के अध्यक्ष कुलदीप तंवर ने बताया कि अखिल भारतीय किसान सभा किसानों का देश का सबसे बड़ा संगठन (Himachal Kisan Sabha in Solan) है, जो लगातार किसान की आवाज को उठाता आया है. वहीं किसानों के साथ होने वाले शोषण के खिलाफ भी आवाज को लगातार बुलंद करता रहा है. उन्होंने कहा कि हर 3 साल बाद किसान सभा द्वारा राज्य सम्मेलन आयोजित करवाया जाता है, लेकिन कोरोना के चलते ये सम्मेलन आयोजित नहीं करवाया जा सका.
कुलदीप तंवर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के सभी जिलों में किसान सभा का संगठन है और आज इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य संगठन का विस्तार और विस्तार से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करना है. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में आज किसान बागवान सरकार की अनदेखी का सामना कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार लगातार हिमाचल में नकदी फसलों पर समर्थन मूल्य देने की बात करती है, लेकिन वह आजतक नहीं हो पाया है.
इन दिनों हिमाचल प्रदेश में सेब के कार्टन महंगा होने पर लगातार किसान बागवान आंदोलनरत है, लेकिन सरकार उस पर ध्यान नहीं दे पा रही है. एक सेब की पेटी पर कार्टन महंगा होने से 300 से 400 रुपए खर्च आ रहा है, लेकिन मंडी में वही एक सेब की पेटी 700 से 800 रुपए में बिक रही है. ऐसे में किसान बागवान इन दिनों बेहद परेशान है. उन्होंने कहा कि टमाटर हिमाचल प्रदेश में एक नकदी फसल है जिसका समर्थन मूल्य निर्धारित किया जाना चाहिए, लेकिन सरकार इस पर कुछ भी नहीं कर पाई.
तंवर ने कहा कि हिमाचल में होने वाले सब्जी फल पर भी हिमाचल किसान सभा समर्थन मूल्य देने की बात करती है. वहीं स्वास्थ्य,शिक्षा में जिस तरह से निजीकरण किया जा रहा है, उसको भी बंद करने को लेकर हिमाचल किसान सभा लगातार आवाज उठाती रहती है. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों-बागवानों की बात को अगर नहीं सुनती है तो हिमाचल किसान सभा हिमाचल में आंदोलन करके राज्य सचिवालय और विधानसभा का घेराव करेगी.