सोलन: गर्मी बढ़ने के साथ ही हिमाचल प्रदेश के जंगलों में आग लगने की घटनाएं आए दिन सामने आ रही है. आगजनी की घटनाओं के कारण स्थानीय लोगों और वन विभाग भी मुश्किलें भी बढ़ गई हैं. वहीं, वन विभाग सोलन (Forest Department Solan) आगजनी की घटनाओं से निपटने को तैयार है. समय-समय पर विभाग द्वारा पेट्रोलिंग की जा रही (incident of forest fire in solan) है. वन विभाग द्वारा करीब 12 ऐसी जगह पहले जीआई सॉफ्टवेयर से चिन्हित की गई,जहां पर पिछले कुछ सालों से लगातार आग लगने की घटनाएं सामने आ रही है.
वन वृत्त सोलन के वन अरण्यपाल विक्रम ने बताया कि गर्मियों में अक्सर देखा जाता है कि लोगों द्वारा खेतों को साफ करने के दौरान आग लगाई जाती है, लेकिन कई बार आग इतनी भड़क जाती है कि बेकाबू होकर फैल जाती (Forest department ready to deal with fire)है.उन्होंने बताया कि 90% मामलों में प्राइवेट और शामलात जमीन पर ही आग लगने की घटनाएं सामने आती है.अभी तक इस साल आगजनी की घटनाओं में करीब 6 बार जंगलों में आगजनी की घटना सामने आ चूकी है. नुकसान की बात की जाए तो करीब 90 हजार का नुकसान वन संपदा का हो चुका है.
विक्रम ने कहा की वन विभाग द्वारा जिले के सभी 5 ब्लॉक स्तर पर 2-2 रैपिड रिस्पांस टीमें बनाई गई हैं, जो आग लगने की सूचना मिलते ही समय पर पहुंचती (fire incident in solan) है. उनके पास टेक्निक और बेसिक टूल है जिसके माध्यम से वे आग पर काबू पा सकते हैं. उन्होंने कहा कि रोड साइड पर यदि आग लगती है तो वहां पर फायर विभाग की मदद लेकर आग बुझाने का कार्य किया जाता है.
वन अरण्यपाल ने बताया कि बीते दिनों जिले के सभी 240 ग्राम पंचायतों की ग्राम सभाओं में फॉरेस्ट अधिकारियों ने जाकर लोगों से आग्रह किया है कि जब भी कभी जंगलों में आग लगती है तो वे भी विभाग की मदद करें ,ताकि आग को समय से बुझाया जा (forest fire in solan) सके. उन्होंने कहा कि इसको लेकर डीसी सोलन ने भी जिले के सभी प्रधानों को कहा है कि आग लगने की स्थिति में वन विभाग के अधिकारियों का साथ दें, ताकि समय से आग पर काबू पाया जा सके.
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