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शिक्षा नीति 2020 के बेहतर क्रियान्वयन को लेकर रामपुर में कार्यशाला का आयोजन - Himachal Latest News

आर्यव्रत एजुकेशनल वेलफेयर एंड चैरिटेबल सोसाइटी द्वारा नई शिक्षा नीति को लेकर आयोजित की गई कार्यशाला में पूर्व कुलपति हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय प्रोफेसर सुनील कुमार गुप्ता ने कहा कि, शिक्षा किसी भी समाज का एक महत्वपूर्ण प्रतिबिंब है, जिससे व्यक्ति के साथ-साथ संपूर्ण राष्ट्र का विकास किया जा सकता है.

Workshop organized in Rampur
शिक्षा नीति पर रामपुर में कार्यशाला
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Published : Oct 4, 2021, 8:13 PM IST

रामपुर: नई शिक्षा नीति को लेकर रामपुर में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में मुख्यतिथि के तौर पर पूर्व कुलपति हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय प्रोफेसर सुनील कुमार गुप्ता ने शिरकत की. वहीं, विशेष अतिथि के तौर पर हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ सुरेश कुमार सोनी मौजूद रहे. कार्यशाला में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 गुणवत्ता युक्त शिक्षा पर चर्चा की गई जिसमें रामपुर, ननखरी व आसपास के क्षेत्र से सैकड़ों की संख्या में अध्यापक मौजूद रहे.

आर्यव्रत एजुकेशनल वेलफेयर एंड चैरिटेबल सोसाइटी द्वारा आयोजित की गई इस कार्यशाला में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के बेहतर कार्यान्वयन पर चर्चा की गई . इस दौरान प्रोफेसर सुनील कुमार गुप्ता ने कहा कि शिक्षा किसी भी समाज का एक महत्वपूर्ण प्रतिबिंब है, जिससे व्यक्ति के साथ-साथ संपूर्ण राष्ट्र का विकास किया जा सकता है. लगभग 34 वर्ष बाद नई शिक्षा नीति को लाया गया, जिससे‌ 21वीं सदी की जरूरतों को पूरा किया जा सके.उन्होंने कहा कि, इस शिक्षा नीति में सभी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करके एक न्याय संगत और जीवंत‌ ज्ञान समाज विकसित करने की दृष्टि निर्धारित करता है. सभी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करके एक समतामूलक और जीवंत रूप से शिक्षित समाज विकसित करने की सोच का निर्धारण यह नई शिक्षा नीति करती है.

वीडियो.

प्रोफेसर सुनील कुमार गुप्ता ने बताया की नई शिक्षा नीति में छात्रों को पहले ही गुणवत्ता के आधार पर शिक्षा प्रदान की जाएगी जिसके आधार पर वह आगे जाकर आत्मनिर्भर बन सकें. उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति के तहत बड़े छात्रों को 20 प्रतिशत के करीब सिलेबस ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से करवाया जाएगा. उन्होंने बताया कि इसके लिए पहले ही छात्रों को तैयार रहने की आवश्यकता है.

वहीं, इस दौरान डॉक्टर सुरेश कुमार सोनी ने बताया कि नई शिक्षा नीति के तहत निजी व सरकारी स्कूलों में एक जैसे मापदंड होंगे. सरकारी स्कूलों में भी 3 साल से लेकर बच्चों को शिक्षा प्रदान की जाएगी. उन्होंने बताया कि शिक्षा के साथ-साथ अन्य एक्टिविटी पर भी अधिक ध्यान दिया गया है. योगा व स्पोर्ट्स को अधिक बढ़ावा दिया गया है. सोनी ने यह भी बताया कि छात्र हर तरह की जानकारी प्राप्त कर सकता है अपने कल्चर से संबंधित, ऐतिहासिक, पूर्वजों की पौराणिक कथाएं, मंदिर इत्यादि की जानकारी भी प्राप्त की जा सकती है. इसको लेकर छात्र खुद विषय चुन कर अपनी स्टोरी भी बना सकते हैं. वहीं, उन्होंने बताया कि छात्रों को नई शिक्षा नीति के तहत पढ़ाई का बोझ कम कर दिया गया है इसमें छात्र को अधिक किताबों को पढ़ने की आवश्यकता नहीं होगी. इस नीति के तहत प्रैक्टिकल के आधार पर अधिक कार्य किया जाएगा.

वहीं इस दौरान आर्यव्रत एजुकेशनल वेलफेयर चैरिटेबल सोसायटी के अध्यक्ष कौल नेगी ने बताया कि नई शिक्षा नीति एक बेहतरीन नीति है इसको अपनाने से हमारे समाज व छात्रों को लाभ मिलेगा.

ये भी पढ़ें : BJP मंडी से कंगना को टिकट देकर चल सकती है ट्रंप कार्ड ! रानी V/S 'क्वीन' के बीच मुकाबला होने की संभावना

रामपुर: नई शिक्षा नीति को लेकर रामपुर में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में मुख्यतिथि के तौर पर पूर्व कुलपति हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय प्रोफेसर सुनील कुमार गुप्ता ने शिरकत की. वहीं, विशेष अतिथि के तौर पर हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ सुरेश कुमार सोनी मौजूद रहे. कार्यशाला में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 गुणवत्ता युक्त शिक्षा पर चर्चा की गई जिसमें रामपुर, ननखरी व आसपास के क्षेत्र से सैकड़ों की संख्या में अध्यापक मौजूद रहे.

आर्यव्रत एजुकेशनल वेलफेयर एंड चैरिटेबल सोसाइटी द्वारा आयोजित की गई इस कार्यशाला में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के बेहतर कार्यान्वयन पर चर्चा की गई . इस दौरान प्रोफेसर सुनील कुमार गुप्ता ने कहा कि शिक्षा किसी भी समाज का एक महत्वपूर्ण प्रतिबिंब है, जिससे व्यक्ति के साथ-साथ संपूर्ण राष्ट्र का विकास किया जा सकता है. लगभग 34 वर्ष बाद नई शिक्षा नीति को लाया गया, जिससे‌ 21वीं सदी की जरूरतों को पूरा किया जा सके.उन्होंने कहा कि, इस शिक्षा नीति में सभी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करके एक न्याय संगत और जीवंत‌ ज्ञान समाज विकसित करने की दृष्टि निर्धारित करता है. सभी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करके एक समतामूलक और जीवंत रूप से शिक्षित समाज विकसित करने की सोच का निर्धारण यह नई शिक्षा नीति करती है.

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प्रोफेसर सुनील कुमार गुप्ता ने बताया की नई शिक्षा नीति में छात्रों को पहले ही गुणवत्ता के आधार पर शिक्षा प्रदान की जाएगी जिसके आधार पर वह आगे जाकर आत्मनिर्भर बन सकें. उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति के तहत बड़े छात्रों को 20 प्रतिशत के करीब सिलेबस ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से करवाया जाएगा. उन्होंने बताया कि इसके लिए पहले ही छात्रों को तैयार रहने की आवश्यकता है.

वहीं, इस दौरान डॉक्टर सुरेश कुमार सोनी ने बताया कि नई शिक्षा नीति के तहत निजी व सरकारी स्कूलों में एक जैसे मापदंड होंगे. सरकारी स्कूलों में भी 3 साल से लेकर बच्चों को शिक्षा प्रदान की जाएगी. उन्होंने बताया कि शिक्षा के साथ-साथ अन्य एक्टिविटी पर भी अधिक ध्यान दिया गया है. योगा व स्पोर्ट्स को अधिक बढ़ावा दिया गया है. सोनी ने यह भी बताया कि छात्र हर तरह की जानकारी प्राप्त कर सकता है अपने कल्चर से संबंधित, ऐतिहासिक, पूर्वजों की पौराणिक कथाएं, मंदिर इत्यादि की जानकारी भी प्राप्त की जा सकती है. इसको लेकर छात्र खुद विषय चुन कर अपनी स्टोरी भी बना सकते हैं. वहीं, उन्होंने बताया कि छात्रों को नई शिक्षा नीति के तहत पढ़ाई का बोझ कम कर दिया गया है इसमें छात्र को अधिक किताबों को पढ़ने की आवश्यकता नहीं होगी. इस नीति के तहत प्रैक्टिकल के आधार पर अधिक कार्य किया जाएगा.

वहीं इस दौरान आर्यव्रत एजुकेशनल वेलफेयर चैरिटेबल सोसायटी के अध्यक्ष कौल नेगी ने बताया कि नई शिक्षा नीति एक बेहतरीन नीति है इसको अपनाने से हमारे समाज व छात्रों को लाभ मिलेगा.

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