शिमला: राष्ट्रीय महत्व की बल्क ड्रग पार्क परियोजना की डीपीआर केंद्र सरकार ने मंजूर (Bulk Drug Park in Una) कर दी है. सीएम जयराम ठाकुर ने इस पर खुशी प्रकट करते हुए केंद्र का आभार जताया है. सीएम ने कहा कि यह परियोजना राज्य में विशेष रूप से फार्मास्युटिकल क्षेत्र में दूसरी औद्योगिक क्रांति की शुरुआत करेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला ऊना के हरोली में बनने वाले बल्क ड्रग पार्क की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) को केंद्र सरकार ने अंतिम मंजूरी प्रदान कर दी है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की योजना संचालन समिति ने शनिवार को इस मेगा प्रोजेक्ट की डीपीआर को अपनी अंतिम स्वीकृति दी.
उन्होंने कहा कि यह (cm jairam thakur on Bulk Drug Park) परियोजना केंद्र और राज्य की ‘डबल इंजन’ सरकार का महत्व बयान करती है. उन्होंने कहा कि बल्क ड्रग पार्क न केवल राज्य में मौजूदा फार्मा फॉर्मूलेशन इकाइयों के लिए मददगार साबित होगा, बल्कि एपीआई क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी एक क्रांतिकारी कदम होगा. मुख्यमंत्री ने बल्क ड्रग पार्क की डीपीआर को रिकॉर्ड समय में तैयार करने तथा इसे मंजूर करवाने के लिए उद्योग विभाग और ईएंडवाई कंसल्टेंट्स की टीम के कार्य की भी सराहना की.
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परियोजना हिमाचल प्रदेश बल्क ड्रग इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के माध्यम से कार्यान्वित की जाएगी, जो राज्य कार्यान्वयन एजेंसी (एसआईए) होगी. उन्होंने कहा कि बल्क ड्रग पार्क परियोजना की कुल अनुमानित लागत 1923 करोड़ रुपये है, जिसमें भारत सरकार की अनुदान राशि 1118 करोड़ रुपये है और शेष 804.54 करोड़ रुपये की राशि राज्य सरकार द्वारा वहन की जाएगी. उन्होंने कहा कि यह मेगा परियोजना अपने आस-पास के क्षेत्र में कई आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देगी. इससे संबद्ध उद्योग, आवास, शिक्षा, व्यावसायिक, सामाजिक-आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने कहा कि यह परियोजना युवा उद्यमियों को नए अवसर प्रदान करेगी और इससे आस-पास के पांच जिलों ऊना, बिलासपुर, कांगड़ा, सोलन और हमीरपुर में रहने वाले लोगों के जीवन स्तर में बदलाव आएगा.
उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के गतिशील नेतृत्व में प्रदेश सरकार के उद्योग विभाग ने प्रदेश में औद्योगिक विकास को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा कि उद्योग विभाग ने 3 अक्तूबर, 2022 को भारत सरकार के फार्मास्युटिकल विभाग को बल्क ड्रग पार्क की डीपीआर प्रस्तुत की थी. उन्होंने कहा कि सचिव, फार्मास्युटिकल विभाग की अध्यक्षता में योजना संचालन समिति की बैठक में डीपीआर पर व्यापक चर्चा करने के उपरांत इसे अंतिम मंजूरी प्रदान की गई. इस समिति में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफसीसी), उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी), स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार, महानिदेशक ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया और भारतीय औद्योगिक वित्त निगम (आईएफसीआई) के प्रतिनिधि उपस्थित थे.
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