पालमपुर: सीएसआईआर-हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान, पालमपुर में वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सी.एस.आई.आर.) का 80वां स्थापना दिवस समारोह रविवार को बडे़ हर्षोल्लास से मनाया गया. सन 1942 में 26 सितम्बर के ऐतिहासिक दिन को भारत की सबसे बड़ी परिषद की स्थापना हुई थी. सीएसआईआर को विभिन्न क्षेत्रों में अत्याधुनिक ज्ञान-विज्ञान के लिए विश्व भर में जाना जाता है. संपूर्ण भारत में सीएसआईआर की 37 राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं का एक प्रभावी नेटवर्क है. वर्तमान में, परिषद में लगभग 12,500 वैज्ञानिक, तकनीकी और प्रशासनिक कर्मी हैं जो राष्ट्र की सेवा कर रहे हैं.
समारोह के मुख्य अतिथि प्रो. आर. के. खाण्डल, फेलो, रॉयल सोसाइटी ऑफ केमिस्ट्री, लंदन, अध्यक्ष आर एंड डी और व्यवसाय विकास, इंडिया ग्लाइकोल्स लिमिटेड, नोएडा ने परिवर्तित होता औद्योगिक प्रचलन अक्षय रसायनों की बढ़ती मांग विषय पर स्थापना दिवस संभाषण दिया. उन्होंने अपने संबोधन में स्वच्छ ऊर्जा, पर्यावरणीय अनुकूल प्रौद्योगिकी, व्यर्थ पदार्थों के उपयोग से नवीन और अक्षय रसायनों के निर्माण पर विस्तार से व्याख्यान दिया. उन्होंने संस्थान द्वारा हिमालयी जैवसंपदा से प्रौद्योगिकियों के विकास से ग्रामीण आर्थिकी को सुदृढ़ करनें के कार्य को भी सराहा. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि आने वाले समय के लिए कृषि की सततता बहुत आवश्यक है.
उन्होंने कहा कि हरित एवं स्वच्छ प्रौद्योगिकी का अपनाते हुए बायोमास से जैवइंधन बायोइथेनॉल बनाने की दिशा में आगे बढ़ना होगा. उन्होंने भारत में प्रचूर मात्रा में उपलब्ध अपशिष्ट जैव संसाधनों से 'पर्पल इथेनॉल' निर्माण पर भी जोर दिया. उन्होंने पराली से इस प्रौद्योगिकी के बनाने पर भी विस्तार से समझाया. उन्होंने सीएसआईआर से रसायनों के सदुपयोग की दिशा में और तीव्रता से आगे बढ़ने के लिए आह्वान किया.
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