शिमला: देश में आज से सिंगल यूज प्लास्टिक से बनी चीजों पर प्रतिबंध लग गया है. सरकार ने अभी सिंगल यूज प्लास्टिक से बनी 19 चीजों पर रोक लगाई है. आज से इन चीजों को बनाने, बेचने, इस्तेमाल करने, स्टोर करने और एक्सपोर्ट करने पर प्रतिबंध लग गया है. ये प्रतिबंध इसलिए लगाया गया है, ताकि सिंगल यूज प्लास्टिक के कचरे से होने वाले प्रदूषण को कम किया जा सके.
केंद्र सरकार के आदेशों के बाद हिमाचल प्रदेश में भी सिंगल यूज प्लास्टिक (single use plastic ban in Himachal) को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है. शिमला के उपायुक्त आदित्य नेगी ने कहा कि सरकार के आदेशों के बाद 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल पूर्णतः प्रतिबंध लगा दिया गया है. उन्होंने कहा कि इसे लेकर व्यापार मंडल के साथ पहले भी कार्यशाला का आयोजन किया गया.
इसके अलावा व्यापारियों को नोटिस देकर भी सिंगल यूज प्लास्टिक को डिस्पोज करने के आदेश जारी किए गए थे. उन्होंने कहा कि 1 जुलाई से सिंगल उस प्लास्टिक को पूरी तरीके से प्रतिबंधित कर दिया गया है. यदि कोई व्यापारी सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल करते हुए पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
वहीं, शहर में दुकानों में अभी भी सिंगल यूज प्लास्टिक (single use plastics) की चीजें बेची जा रही हैं. व्यापारियों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत तो किया, लेकिन और समय देने की उन्होंने मांग की. शिमला के थोक विक्रेताओं का कहना है कि सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने का सरकार का फैसला सही है, लेकिन अभी तक थोक विक्रेताओं और दुकानदारों के पास काफी सामान बचा हुआ है. ऐसे में सरकार और प्रशासन उन्हें और समय दे, ताकि वह इस सामान को बेच सकें.
बता दें कि सिंगल यूज प्लास्टिक पर्यावरण के लिए बेहद खतरनाक है. ऐसे प्लास्टिक न तो डिकंपोज होते हैं और न ही इन्हें जलाया जा सकता है. इनके टुकड़े पर्यावरण में जहरीले रसायन छोड़ते हैं, जो इंसानों और जानवरों के लिए खतरनाक होते हैं. इसके अलावा सिंगल यूज प्लास्टिक का कचरा बारिश के पानी को जमीन के नीचे जाने से रोकता है, जिससे ग्राउंड वॉटर लेवल में कमी आती है.
सिंगल यूज प्लास्टिक क्या है?: सिंगल यूज प्लास्टिक (plastic pollution in india) की कोई परिभाषा नहीं है, लेकिन ये ऐसा प्लास्टिक होता है, जिसे सिर्फ एक बार इस्तेमाल करने के लिए बनाया जाता है या जिसे एक बार इस्तेमाल कर फेंक देते हैं.
इन चीजों पर लगा प्रतिबंध: देश भर में प्लास्टिक स्टिक वाले ईयर बड्स गुब्बारों के लिए प्लास्टिक स्टिक , प्लास्टिक के झंडे, कैंडी स्टिक, आइसक्रीम स्टिक, थर्मोकोल, प्लास्टिक की प्लेट, कप, गिलास, फोर्क, चम्मच, चाकू, स्ट्रॉ, ट्रे, मिठाई के डिब्बों को रैप या पैक करने वाली फिल्म, इन्विटेशन कार्ड, सिगरेट के पैकेट, 100 माइक्रोन से कम के प्लास्टिक या पीवीसी बैनर और स्टिरर पर बैन लगा दिया गया है.
सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन क्यों जरूरी?: देश में (why india bans single use plastic) प्रदूषण फैलाने में सिंगल यूज प्लास्टिक सबसे बड़ा कारण है. केंद्र सरकार के मुताबिक देश में 2018-19 में 30.59 लाख टन और 2019-20 में 34 लाख टन से ज्यादा सिंगल यूज प्लास्टिक कचरा जेनरेट हुआ था. सिंगल यूज प्लास्टिक से बनी चीजें न तो डी-कंपोज होती हैं और न ही इन्हें जलाया जा सकता है, क्योंकि इससे जहरीले धुएं से हानिकारक गैस निकलती है. ऐसे में रिसाइक्लिंग के अलावा स्टोरेज करना ही एकमात्र उपाय होता है.