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'जंगली फल लगाओ फसलों को बचाओ' अभियान की शुरुआत, न्यायाधीश तरलोक सिंह ने किया पौधरोपण - shimla plantation drive news

'जंगली फल लगाओ फसलों को बचाओ' अभियान' के तहत शिमला के बनुटी में विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से पौधरोपण किया गया. इस दौरान न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान अगर जानवरों को जंगल में ही भोजन मिले तो वे शहर की तरफ नहीं आएंगे और न ही किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाएंगे. इसलिए समय-समय पर फलदार पौधे रोपने चाहिए.

Save the crops plant fruits trees
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Published : Aug 23, 2020, 4:06 PM IST

शिमलाः प्रदेश में 'जंगली फल लगाओ फसलों को बचाओ' अभियान शुरू किया गया है. इस अभियान का मकसद है कि पंचायतों के साथ लगते वन क्षेत्रों में जंगली फल देने वाले पेड़-पौधे लगाए जाएं ताकि जंगली जानवरों को भोजन मिल सके. हिमाचल प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से पर्यावरण को स्वच्छ और जावरों को भोजन उपलब्ध करवाने के लिए ये अभियान शुरू किया गया है.

इस नई पहल के लिए लोगों से भी इस अभियान में शामिल होने की अपील की गई है. पूरे प्रदेश में वन्यजीवों से खेती योग्य भूमि को बचाने के लिए अभियान शुरू किया गया है. इसी के तहत शिमला के बनुटी में विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से सोशल डिस्टनसिंग की पालना करते हुए पौधरोपण किया गया.

वीडियो.

इस दौरान न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेकर पौधा रोपा और अभियान की शुरुआत की. न्यायाधीश ने कहा कि कोरोना के कारण लगाए गए लॉकडाउन में जंगली जानवर जंगलों में भोजन नहीं मिलने के कारण शहरों में आ गए थे.

मनुष्य और जानवर के बीच जो संघर्ष देखने को मिल रहा है. उस संघर्ष को खत्म करने के लिए जंगलों में फलदार पौधे रोपित करने का अभियान शुरू किया गया है. अगर जानवरों को जंगल में ही भोजन मिल जाएगा तो वे शहर की तरफ नहीं आएंगे और न ही किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाएंगे. इसलिए समय-समय पर इस तरह के पौधे रोपने चाहिए. इससे प्रकृति भी साफ और स्वच्छ बनी रहेगी.

कुल मिला कर 'जंगली फल लगाओ फसलों को बचाओ' अभियान एक साथ कई हितों का पूरा करता है. इससे फसलों का भी बचाव होगा, जानवरों को भोजन भी मिल पाएगा और पर्यावरण भी स्वच्छ रहेगा. इसी को लेकर लोगों से बढ़चढ़ कर इस अभियान में शामिल होने की अपील की गई है.

ये भी पढ़ें- सतपाल सत्ती को मिला कैबिनेट रैंक, बने राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष

ये भी पढ़ें- हिमाचल में 22 पुलिस अधिकारियों के तबादले, मोहित चावला होंगे एसपी शिमला

शिमलाः प्रदेश में 'जंगली फल लगाओ फसलों को बचाओ' अभियान शुरू किया गया है. इस अभियान का मकसद है कि पंचायतों के साथ लगते वन क्षेत्रों में जंगली फल देने वाले पेड़-पौधे लगाए जाएं ताकि जंगली जानवरों को भोजन मिल सके. हिमाचल प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से पर्यावरण को स्वच्छ और जावरों को भोजन उपलब्ध करवाने के लिए ये अभियान शुरू किया गया है.

इस नई पहल के लिए लोगों से भी इस अभियान में शामिल होने की अपील की गई है. पूरे प्रदेश में वन्यजीवों से खेती योग्य भूमि को बचाने के लिए अभियान शुरू किया गया है. इसी के तहत शिमला के बनुटी में विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से सोशल डिस्टनसिंग की पालना करते हुए पौधरोपण किया गया.

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इस दौरान न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेकर पौधा रोपा और अभियान की शुरुआत की. न्यायाधीश ने कहा कि कोरोना के कारण लगाए गए लॉकडाउन में जंगली जानवर जंगलों में भोजन नहीं मिलने के कारण शहरों में आ गए थे.

मनुष्य और जानवर के बीच जो संघर्ष देखने को मिल रहा है. उस संघर्ष को खत्म करने के लिए जंगलों में फलदार पौधे रोपित करने का अभियान शुरू किया गया है. अगर जानवरों को जंगल में ही भोजन मिल जाएगा तो वे शहर की तरफ नहीं आएंगे और न ही किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाएंगे. इसलिए समय-समय पर इस तरह के पौधे रोपने चाहिए. इससे प्रकृति भी साफ और स्वच्छ बनी रहेगी.

कुल मिला कर 'जंगली फल लगाओ फसलों को बचाओ' अभियान एक साथ कई हितों का पूरा करता है. इससे फसलों का भी बचाव होगा, जानवरों को भोजन भी मिल पाएगा और पर्यावरण भी स्वच्छ रहेगा. इसी को लेकर लोगों से बढ़चढ़ कर इस अभियान में शामिल होने की अपील की गई है.

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