शिमला: नीट पीजी काउंसलिंग (NEET PG Counselling 2021) को अस्थायी तौर पर आगे बढ़ाने के खिलाफ रेजिडेंट डॉक्टरों ने एक बार फिर मोर्चा खोल दिया है. रेजिडेंट डॉक्टर ने सोमवार से पूरे दिन की हड़ताल करने (Resident doctors strike in Shimla) का फैसला लिया है. 400 रेजिडेंट डॉक्टर के हड़ताल पर जाने से अब स्वास्थ्य सेवाएं काफी ज्यादा चरमरा सकती है. यह हड़ताल तब तक जारी रहेंगी जब तक सरकार उनकी मांगे पूरी नहीं करती है. रेजिडेंट डॉक्टर के पूरे दिन हड़ताल पर चले जाने से मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि अस्पताल में सारा जिम्मा (Resident doctors strike on 20th december) इन्हीं डॉक्टरों पर होता है.
हड़ताल के दौरान सिर्फ सीनियर डॉक्टर ही सेवाएं देंगे. सीनियर डॉक्टरों पर ही अब सारा जिम्मा है. ऐसे में मरीजों को अपना उपचार करवाने में काफी ज्यादा दिक्क्तें आ सकती हैं. कुछ दिन पहले रेजिडेंट डॉक्टर ने दो घंटे की हड़ताल की थी, उसके बाद दो दिन तक पूरे दिन की हड़ताल की थी, लेकिन उस दौरान केंद्र कार्यकारिणी के आश्वासन के बाद उन्होंने हड़ताल को सस्थगित कर दिया था और 19 दिसंबर तक का अल्टीमेटम दिया था.सरकार द्वारा मांगे पूरी न होने पर अब फिर से डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं.
हिमाचल रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (Himachal Resident Doctors Association) के महासचिव डॉ. अक्षित पूरी ने कहा कि डॉक्टर नीट पी.जी. (IGMC resident doctors strike) की काउंसलिंग को अस्थायी तौर पर आगे बढ़ाने के बाद देशभर में फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के समर्थन में आईजीएमसी रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आर.डी.ए.) भी हड़ताल कर रही है. सरकार से मांग है कि काउंसलिंग को जल्द से जल्द करवाया जाए, ताकि नया बैच आए. पहले ही हमारा एक बैच जुलाई में जा चुका है. ऐसे में यहां पर एक बैच की कमी है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगें पूरी ही नहीं करती है तो आगामी दिनों में (full day strike in igmc) आंदोलन तेज भी हो सकता है.
अक्षित पूरी ने कहा कि रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल (Resident Doctors Association of IGMC) के दौरान आपातकालीन सेवाओं को जारी रखेंगे. ताकि गंभीर मरीजों को ज्यादा दिक्कत न आए. उन्होंने कहा कि सरकार आगामी दिनों में अगर मांगें नहीं मानती तो आपातकालीन सेवाएं भी बंद की जा सकती हैं. बता दें कि आईजीएमसी में रोजाना 3 से 4 हजार मरीजों की ओपीडी रहती है. ऐसे में डॉक्टरों की हड़ताल से मरीजों को काफी परेशानी पेश आ सकती है.
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