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नाबालिग छात्रा के खुदकुशी का मामला, पुलिस ने स्कूल स्टाफ से की पूछताछ - Shimla

पुलिस मामले की जांच कर रही है और घटना से जुड़े तथ्यों का पता लगाने की कोशिश कर रही है. एएसपी प्रवीर ठाकुर ने बताया कि घटना की हर पहलू से जांच की जा रही है.

Police questioned the school staff in the suicide case of minor girl
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Published : Jun 26, 2019, 7:35 PM IST

Updated : Jun 26, 2019, 8:44 PM IST

शिमला: राजधानी में बीते शनिवार को 7वीं कक्षा की छात्रा के फंदा लगाकर आत्महत्या करने के मामले में पुलिस ने बुधवार को छात्रा के स्कूल जाकर पूछताछ की. पुलिस मामले की जांच कर रही है और घटना से जुड़े तथ्यों का पता लगाने की कोशिश कर रही है.

पुलिस इस एंगल से भी छात्रा के खुदकुशी के मामले की जांच कर रही है कि कहीं छात्रा ने पढ़ाई के दबाव के कारण खुदकुशी तो नहीं की है या कोई अन्य वजह है. पुलिस ने छात्रा के स्कूल पहुंचकर स्टाफ से बातचीत कर तथ्य जुटाएं है.

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक शनिवार स्कूल में छुट्टी थी और 13 साल की 7वीं कक्षा में पढ़ने वाली नाबालिग छात्रा अपने कमरे में टीवी देख रही थी. शाम तक कमरा न खुलने पर पिता ने जब दरवाजा जोर से खोला तो देखा कि उनकी बेटी दुपट्टे से फंदा लगा कर झूल रही थी.

सूचना मिलते ही पुलिस घटना स्थल पर पहुंची और छात्रा को फंदे से उतारकर आईजीएमसी ले गए. जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. एएसपी प्रवीर ठाकुर ने बताया कि घटना की हर पहलू से जांच की जा रही है.

शिमला: राजधानी में बीते शनिवार को 7वीं कक्षा की छात्रा के फंदा लगाकर आत्महत्या करने के मामले में पुलिस ने बुधवार को छात्रा के स्कूल जाकर पूछताछ की. पुलिस मामले की जांच कर रही है और घटना से जुड़े तथ्यों का पता लगाने की कोशिश कर रही है.

पुलिस इस एंगल से भी छात्रा के खुदकुशी के मामले की जांच कर रही है कि कहीं छात्रा ने पढ़ाई के दबाव के कारण खुदकुशी तो नहीं की है या कोई अन्य वजह है. पुलिस ने छात्रा के स्कूल पहुंचकर स्टाफ से बातचीत कर तथ्य जुटाएं है.

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक शनिवार स्कूल में छुट्टी थी और 13 साल की 7वीं कक्षा में पढ़ने वाली नाबालिग छात्रा अपने कमरे में टीवी देख रही थी. शाम तक कमरा न खुलने पर पिता ने जब दरवाजा जोर से खोला तो देखा कि उनकी बेटी दुपट्टे से फंदा लगा कर झूल रही थी.

सूचना मिलते ही पुलिस घटना स्थल पर पहुंची और छात्रा को फंदे से उतारकर आईजीएमसी ले गए. जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. एएसपी प्रवीर ठाकुर ने बताया कि घटना की हर पहलू से जांच की जा रही है.

Intro:धर्मशाला- गुनहगारों में शामिल हूं गुनाहों से नहीं वाकिफ हूं सजा तो जानता हूं मैं खुदा जाने खता क्या। यह लाइन शान्ता कुमार ने आपातकाल के दौरान जेल में बिताए गए वक्त पर केहि। शान्ता कुमार ने आज आपतकाल को याद करते हुए कहा कि में उस वक्त एक कमेटी की बैठक में गया था और घर पर कह कर गया था कि में परसो आऊंगा उन्होंने कहा कि परसो 19 महीने के बाद आया था । उन्होंने कहा कि न सजा के पता था कितनी है और न यह पता था कि कब छुटे गए।


Body:शान्ता कुमार ने कहा कि जेल में जब जाते है तो कैदी पूछते है कि क्या गुनाह किया है तो हमने कहा कि हमने गुनाह किया नही है और कब तक जेल में रेहयगे यह पता नही है। उन्होंने कहा कि जेल के दौरान उन्होंने भगवत गीता को पढा है उन्होंने कहा कि जेल के जीवन को उन्होंने उस वक्त मंजूर किया है। उन्होंने कहा कि गीता में लिखा है कर्म करो फल इच्छा न करो। उन्होंने कहा की प्रभु की इच्छा थी कि हमे जेल में रहना है और जेल के जीवन को हमने वहां पर अपनाया ।


Conclusion:शान्ता कुमार ने कहा कि जेल में बिताया गया वक्त के दौरान उन्होंने सोचा कि एक लंबा वक्त जेल में बीतना है तो क्यों न कुछ लिखा जाए। उन्होंने कहा कि उनके दोबार लिखे गए 5 उपन्यास में उन्होंने 3 जेल में लिखे थे। शान्ता कुमार ने कहा की नजर बदल जाये तो नजारा बदल जाता है। उन्होंने कहा कि दृष्टि बदल जाए तो सृष्टि बदल जाती हैं । उन्होंने कहा कि उनके जीवन मे उनके दोबारा लिखी गई किताबो में 5 पुस्तकें उन्होंने जेल में बिताए गए समय में लिखी है।
Last Updated : Jun 26, 2019, 8:44 PM IST
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