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आईजीएमसी शिमला में पेन डाउन हड़ताल पर एनएचएम कर्मचारी, मरीजों को ही परेशानी

शिमला में एनएचएम कर्मचारियों ने 1 दिन की सांकेतिक पेन डाउन स्ट्राइक रखी. इस दौरान आईजीएमसी में (strike in igmc shimla) किसी भी मरीज की जांच नहीं की गई. संघ की सलाहकार, संगीता चंदेल और सुलोचना ने कहा कि हड़ताल को लेकर सरकार को पांच जनवरी तक का अल्टीमेटम दे दिया था.

pen down strike in himachal
पेन डाउन हड़ताल पर एनएचएम कर्मचारी
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Published : Feb 2, 2022, 12:16 PM IST

Updated : Feb 2, 2022, 1:00 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश राज्य एनएचएम अनुबंध कर्मचारी संघ ने सरकार के खिलाफ (nhm employees protest in hp) मोर्चा खोल दिया है. बुधवार को एनएचएम कर्मचारियों ने 1 दिन की सांकेतिक पेन डाउन स्ट्राइक रखी. इस दौरान आईजीएमसी में (strike in igmc shimla) किसी भी मरीज की जांच नहीं की गई. आईजीएमसी में प्रतिदिन 60 से 70 मरीजों के टेस्ट किए जाते हैं. मरीजों के टेस्ट एनएचएम कर्मचारी ही करते हैं. कर्मचारियों ऑफिस के बाहर असुविधा के लिए खेद है का पोस्टर लगा कर रखा और किसी भी मरीज की जांच नहीं की.

कर्मचारियों का कहना है कि गुरुवार से 2 घंटे की पेन डाउन हड़ताल करेंगे, जो 7 तारीख तक जारी रहेगी. तब भी यदि सरकार उनकी मांग नहीं मानती है तो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे. संघ की सलाहकार, संगीता चंदेल और सुलोचना ने कहा कि हड़ताल को लेकर सरकार को पांच जनवरी तक का अल्टीमेटम दे दिया था. सभी जिला के एनएचएम कर्मचारियों ने सीएमओ के माध्यम से भी सचिव स्वास्थ्य मिशन निदेशक, निदेशक स्वास्थ्य सहित सभी अधिकारियों को ज्ञापन भेजा गया.

पेन डाउन हड़ताल पर एनएचएम कर्मचारी

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में राज्य स्वास्थ्य समिति (एनएचएम) के तहत 1996 से कुष्ठ रोग कार्यक्रम की शुरुआत हुई. क्षय रोग कार्यक्रम (tuberculosis program in hp) के तहत साल 1998 से कर्मचारियों की नियुक्तियां हुई और अब तक प्रदेश में विभिन कार्यक्रमों के तहत विभिन्न पदों पर कर्मचारियों की नियुक्ति हुई है. जिनको अपनी सेवाएं देते हुए लगभग 23 वर्ष हो गए हैं. इनमें से कई कर्मचारी रिटायर्ड भी हो चुके हैं.

सेवा काल के दौरान 4 कर्मचारियों की मृत्यु भी हो चुकी है. जो कर्मचारी रिटार्यड हुए हैं, उनको कोई ग्रेच्युटी का लाभ भी नहीं दिया गया है. सरकार 23 वर्षों से कोई भी स्थाई नीति नहीं बना पाई है. ऐसे में अब कर्मचारियों के पास कोई रास्ता नहीं बचा है. अगर अब भी मांग पूरी नहीं की जाती है, तो मजबूरन हड़ताल पर जाना पड़ेगा.

ये भी पढ़ें: Union Budget 2022: किसान-बागवान निराश, भाजपा को भाया...कांग्रेस ने कहा- बजट में सिर्फ आंकड़े

शिमला: हिमाचल प्रदेश राज्य एनएचएम अनुबंध कर्मचारी संघ ने सरकार के खिलाफ (nhm employees protest in hp) मोर्चा खोल दिया है. बुधवार को एनएचएम कर्मचारियों ने 1 दिन की सांकेतिक पेन डाउन स्ट्राइक रखी. इस दौरान आईजीएमसी में (strike in igmc shimla) किसी भी मरीज की जांच नहीं की गई. आईजीएमसी में प्रतिदिन 60 से 70 मरीजों के टेस्ट किए जाते हैं. मरीजों के टेस्ट एनएचएम कर्मचारी ही करते हैं. कर्मचारियों ऑफिस के बाहर असुविधा के लिए खेद है का पोस्टर लगा कर रखा और किसी भी मरीज की जांच नहीं की.

कर्मचारियों का कहना है कि गुरुवार से 2 घंटे की पेन डाउन हड़ताल करेंगे, जो 7 तारीख तक जारी रहेगी. तब भी यदि सरकार उनकी मांग नहीं मानती है तो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे. संघ की सलाहकार, संगीता चंदेल और सुलोचना ने कहा कि हड़ताल को लेकर सरकार को पांच जनवरी तक का अल्टीमेटम दे दिया था. सभी जिला के एनएचएम कर्मचारियों ने सीएमओ के माध्यम से भी सचिव स्वास्थ्य मिशन निदेशक, निदेशक स्वास्थ्य सहित सभी अधिकारियों को ज्ञापन भेजा गया.

पेन डाउन हड़ताल पर एनएचएम कर्मचारी

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में राज्य स्वास्थ्य समिति (एनएचएम) के तहत 1996 से कुष्ठ रोग कार्यक्रम की शुरुआत हुई. क्षय रोग कार्यक्रम (tuberculosis program in hp) के तहत साल 1998 से कर्मचारियों की नियुक्तियां हुई और अब तक प्रदेश में विभिन कार्यक्रमों के तहत विभिन्न पदों पर कर्मचारियों की नियुक्ति हुई है. जिनको अपनी सेवाएं देते हुए लगभग 23 वर्ष हो गए हैं. इनमें से कई कर्मचारी रिटायर्ड भी हो चुके हैं.

सेवा काल के दौरान 4 कर्मचारियों की मृत्यु भी हो चुकी है. जो कर्मचारी रिटार्यड हुए हैं, उनको कोई ग्रेच्युटी का लाभ भी नहीं दिया गया है. सरकार 23 वर्षों से कोई भी स्थाई नीति नहीं बना पाई है. ऐसे में अब कर्मचारियों के पास कोई रास्ता नहीं बचा है. अगर अब भी मांग पूरी नहीं की जाती है, तो मजबूरन हड़ताल पर जाना पड़ेगा.

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Last Updated : Feb 2, 2022, 1:00 PM IST
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