नई दिल्ली: पंजाब और हरियाणा के बीच खनौरी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल आज सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त उच्चस्तरीय समिति से मुलाकात करेगा. पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को यह जानकारी दी. किसान पिछले साल 13 फरवरी से शंभू बॉर्डर पर अपनी फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं.
यह मामला जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ के समक्ष आया. पंजाब सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पीठ को दोपहर 3 बजे होने वाली बैठक के बारे में जानकारी दी. पीठ ने कहा, "हमें उम्मीद है कि इससे कुछ सकारात्मक निकलेगा."
सिब्बल ने कहा कि वह प्रदर्शनकारी किसानों को जस्टिस (रिटायर) नवाब सिंह से मिलने के लिए राजी करने में सफल रहे, जो समिति के अध्यक्ष हैं. प्रदर्शनकारी किसानों में 70 वर्षीय जगजीत सिंह दल्लेवाल भी शामिल हैं, जो पिछले 40 दिनों से अनिश्चितकालीन अनशन पर हैं. इस बीच पीठ ने समिति और अन्य को परिणाम से अवगत कराने को कहा. साथ ही मामले पर 10 जनवरी को विचार करने की तारीख निर्धारित की.
नवाब सिंह की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय पैनल का गठन
बता दें कि पिछले साल सितंबर में सुप्रीम कोर्ट ने किसानों से बातचीत करने के लिए पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस नवाब सिंह की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय पैनल का गठन किया था. लाभ सिंह नाम के एक व्यक्ति ने सुप्रीम कोर्ट के 20 दिसंबर के आदेश के अनुसार भूख हड़ताल पर बैठे दल्लेवाल को चिकित्सा सहायता मुहैया कराने में पंजाब सरकार की विफलता के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की थी.
भूख हड़ताल पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल
पंजाब सरकार ने 31 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि प्रदर्शनकारी किसानों की ओर से प्रस्ताव आया है कि अगर केंद्र सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी समेत किसानों की मांगों को लेकर बातचीत के लिए तैयार है तो भूख हड़ताल पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल मेडिकल मदद लेने के लिए तैयार हैं.
यह भी पढ़ें- अमेजन फ्लिपकार्ट पर CCI की जांच आदेश: SC ने याचिकाएं कर्नाटक हाईकोर्ट ट्रांसफर की