शिमला: हिमाचल प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा पेपर (police recruitment exam paper leak)लीक होने के बाद सरकार ने परीक्षा रद्द कर दी है. विपक्ष ने इसको लेकर सरकार पर निशाना साधा और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से इस्तीफा देने की मांग (Congress demands Jairam resignation)की है. इसके अलावा कांग्रेस ने सभी भर्तियों की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है. नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने भाजपा सरकार पर प्रदेश के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया.
74 हजार युवाओं के साथ फरेब: मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश में पुलिस भर्ती 74 हजार युवाओं ने पुलिस भर्ती परीक्षा दी थी. अब इस सरकार ने परीक्षा रद्द कर दी, जोंकि हिमाचल के बेरोजगारों के साथ बड़ा फरेब है. 2020 में पुलिस भर्ती हुई थी उस समय भी हेराफेरी हुई थी. यदि उस समय भर्ती की जांच होती तो आज यह दिन देखना नहीं पड़ता. उन्होंने कहा कि सरकार ने पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले को दबाने की कोशिश की है. पेपर लीक के खिलाफ आवाज उठाने वालों पर ही मामले दर्ज किए गए.
मेरिट के आधार पर नहीं होता काम: मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश के बेरोजगार युवाओं ने पुलिस में भर्ती होने के लिए कड़ी मेहनत की और परीक्षा दी ,लेकिन इस सरकार ने पर्चे ही बेच दिए. यह पर्चे चुनिंदा लोगों के पास पहुंच गए युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया. सरकार में मेरिट के आधार पर भर्ती नहीं हो रही. पब्लिक सर्विस कमीशन भर्तियां नहीं हो रही , बल्कि धांधली करके अपने चहेतों को नौकरियां दी जा रही है. इस सरकार में मेरिट के आधार पर काम नहीं हो रहा है. जिसे प्रदेश का युवा निराश और हताश हो गया.
जयराम से इस्तीफे की मांग: मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि भर्तियों में हो रहे घोटाले को लेकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को इस्तीफा देना चाहिए ,क्योंकि मुख्यमंत्री के पास ही गृह मंत्री का विभाग भी है. उनके विभाग में यह दूसरी बार बड़ा घोटाला सामने आया है. सरकार मामले को दबाने में जुटी गई है. ऐसे में सरकार को सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि अब तक प्रदेश सरकार ने जो भर्तियों की उनकी जांच सीबीआई से कराई जाना चाहिए.
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