शिमला: राजधानी शिमला के रिज मैदान पर अंग्रेजों के समय के बने पानी के टैंक की जल निगम द्वारा वीरवार को सफाई की गई है. छह महीने के भीतर दूसरी बार इसकी सफाई शिमला जल प्रबंधन निगम ने करवाई है. राजधानी में अधिकतर हिस्से में इसी टैंक से पानी की सप्लाई दी जाती है. वीरवार सुबह ही शिमला जल प्रबंधन निगम की टीम ने टैंक को साफ करने का काम शुरू कर दिया था. दोपहर बाद तक इसके कुछ चैंबर को साफ करने का काम पूरा कर लिया था.
नगर निगम की महापौर सत्या कौंडल और उप महापौर शैलेंद्र चौहान ने निरीक्षण किया और तीन चैम्बरों की मरम्मत करने के निर्देश दिए. महापौर सत्या कौंडल ने कहा कि हर 6 महीने बाद इस पानी के टैंक की सफाई की जाती है (Shailendra Chauhan inspected ridge tank) और इस टैंक में 9 चैम्बर हैं. इनमें से कुछ चैम्बरों में दरारें आई थी. जिसके बाद एक करोड़ की राशि जल निगम को दी गई थी और 5 चैम्बरों की मरम्मत करवा दी गई है. तीन चैम्बरों की मरम्मत नहीं हुई है.
आने वाले दिनों में होने वाली शिमला जल प्रबंधन निगम की निदेशक मंडल की बैठक में यह मामला उठाया जाएगा. इसके लिए बजट बचा हुआ है. विदेश से सामान और तकनीक लाई गई थी, वह भी सभी के लिए लाई गई थी. इसका (Mayor satya kaundal inspected ridge tank) बेहतर इस्तेमाल हो सके और ज्यादा समय के लिए टैंक को सुरक्षित और मजबूत बनाया जा सके. इसके लिए निर्देश जारी कर दिए जाएंगे.
वहीं, जल निगम के एसडीओ आदर्श चौहान ने कहा कि रिज के नीचे सौ साल पुराना पानी स्टोरेज टैंक है और इस टैंक से शिमला शहर के कई हिस्सों में पानी की सप्लाई की जाती है. जल निगम हर 6 महीने बाद इस टैंक की सफाई करता है और आज इस टैंक की सुबह से सफाई की जा रही है.
वहीं, कुछ क्षेत्रों में पानी की सप्लाई नहीं हो पाई है और जहां पानी की सप्लाई नहीं हुई है वहां सुबह पानी की सप्लाई दी जाएगी. उन्होंने कहा कि टैंक अग्रेजों के समय का बना है और इसमें 9 चैंबर हैं और इसके 6 चैबरों की मरम्मत करवा दी गई है और तीन चैबरों की मरम्मत करके भी जल्द उन्हें शुरू किया जाएगा.
बता दें कि अंग्रेजों के जमाने का वाटर स्टोरेज टैंक रिज मैदान के बीचोंबीच स्थित है, जिसका 1924 में निर्माण किया गया है. जिसमें हर वक्त करीब 5 एमएलडी पानी को स्टोर करने की क्षमता है. यहां से शहर के पॉश क्षेत्रों यूएस क्लब, राम बाजार, लोअर बाजार और चौड़ा मैदान और नाभा, फागली, टूटीकंडी,रामनगर, कृष्णा नगर, कैथू क्षेत्रों में वितरित किया जाता है. टैंक के भीतर नौ चैंबर हैं, जिसमें चार चैंबरों में दरारें पड़ चुकी हैं. 2017 में पहली बार इस टैंक के भीतर टैंक की सफाई के दौरान दरारें नजर आई थी. जिसका मुरम्मत कार्य शुरू किया गया है.
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