किन्नौर: भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल की 17वीं वाहिनी को रिकांगपिओ से पर्वतारोहण अभियान योद्धा-2020 के लिए रवाना किया गया. भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस के इस दल को उप महानिरीक्षक प्रेम सिंह ने हरी झंडी दिखाकर लियो पारगिल चोटी के लिए रवाना किया. इस पर्वतारोहण अभियान का आयोजन आईटीबीपी मुख्यालय शिमला की ओर से किया गया है.
22,222 फुट पारगिल चोटी के लिए रवाना हुए दल में 16 पर्वतारोही शामिल हैं. इसके अलावा 12 अन्य सदस्य इस दल को सहायता प्रदान करेंगे. मुख्य अतिथि उप-महानिरीक्षक प्रेम सिंह ने पर्वतारोहण अभियान दल के लीडर कुलदीप सिंह को तिरंगा व बल ध्वज दिया. साथ ही पर्वतारोहण अभियान दल को शुभकामनाएं दीं.
प्रेम सिंह ने इस अवसर पर कहा कि लियो पारगिल चोटी पर पहली बार आईटीबीपी के पर्वतारोही दल की ओर से वर्ष 1971 में झंडा फहराया गया था. इस पर्वतारोही दल में भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस बल के विभिन्न वाहिनियों के 16 सदस्य शामिल हैं, जिनमें 5 ऐसे सदस्य है, जो पहले भी कई पर्वतारोही अभियान में शामिल रहें हैं. जबकि 11 सदस्य नए हैं. उन्होंने विश्वास जताया कि कुलदीप सिंह के नेतृत्व में दल अपना अभियान पूरा करेगा और लियो पारगिल चोटी का आरोहण करेगा. इस दौरान अभियान दल के नए सदस्यों को पुराने सदस्यों से सीखने का भी अवसर प्राप्त होगा.
इस दल में शामिल हवलदार प्रदीप नेगी भी दो बार माउंट एवरेस्ट चोटी को फतेह कर चुकें हैं. दल के डिप्टी लीडर धर्मेन्द्र ठाकुर हैं, जबकि दल को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए डॉ. सुरेश कुमार रेड्डी भी साथ हैं.
यह दल लगभग 20 दिन में 22,222 फुट की चढ़ाई कर लियो पारगिल चोटी पर चढ़ाई करेगा. दल के सदस्य रिकांगपिओ से नाको तक वाहनों में जाएंगे इसके बाद नाको से चोटी पर चढ़ाई शुरू करेंगे. माउंट लियो पारगिल को हिमाचल प्रदेश की सबसे चुनौतीपूर्ण और तकनीकी रूप से कठिन चोटी माना जाता है. यह चोटी किन्नौर जिला के जांस्कर रेंज में स्थित है.
बता दें कि उप महानिरीक्षक प्रेम सिंह खुद एक प्रसिद्ध पर्वतारोही हैं, जो दो बार माउंट एवरेस्ट को फतेह कर चुकें हैं. इसके अलावा भी उन्होंने अनेक पर्वतारोहण अभियान में भाग लिया है. उन्हें वर्ष 2013 में तेनजिंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवॉर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है. इस अवसर पर अपने अनुभवों को सांझा करते हुए प्रेम सिंह ने अभियान दल का मार्गदर्शन किया.
प्रेम सिंह ने कहा कि पर्वतारोहण अभियान का मुख्य उद्देश्य पर्वतारोहण दल के जवानों में कठिन भौगोलिक व तकनीकी रूप से कठिन परिस्थितियों में भी जवाबदेही एवं पहल के साथ सामना करना हैं. साथ ही जवानों में नेतृत्व, अनुशासन एवं आत्मविश्वास की भावना को विकसित करना है.
प्रेम सिंह ने कहा कि आईटीबीपी विश्व की अनेक प्रसिद्ध चोटियों माउंट एवरेस्ट, धौलागिरी, कचंन जंघा, नन्दादेवी एवं गंगोत्री समेत 200 से अधिक चोटियों पर सफलता हासिल कर चुकी है. सत्रहवीं