पीरियड्स के दौरान पेट और पीठ दर्द जैसे शारीरिक दर्द होना स्वाभाविक है. लेकिन कुछ लोग दर्द गंभीर होने पर दर्दनिवारक दवाएं लेते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि इन गोलियों का लगातार सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. इनके सेवन से कई बीमारियों की चपेट में आने की आशंका बढ़ जाती है.
पीरियड्स में दर्द क्यों होता है?
आईएएनएस ने मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में प्रसूति एवं स्त्री रोग में सीनियर कंसल्टेंट डॉ. अर्पणा हरितवाल ने बताया कि पीरियड्स के दौरान हमारा शरीर प्रोस्टाग्लैंडीन नामक पदार्थ छोड़ता है, जो गर्भाशय पर दबाव डालता है और रक्त को ब्लीडिंग के रूप में बाहर भेजता है. यह प्रक्रिया पेट के निचले हिस्से में दर्द, पीठ के निचले हिस्से में दर्द और अन्य शारीरिक दर्द का कारण बनती है. लेकिन ज्यादातर महिलाओं में यह दर्द कम और कुछ में ज्यादा होता है. यदि दर्द गंभीर है तो स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श करने और उचित उपचार लेने की सलाह दी जाती है.
क्या पीरियड्स के दौरान दर्द निवारक दवाओं का इस्तेमाल किया जा सकता है?
कुछ लोगों को पीरियड्स के दौरान पहले दो या तीन दिनों तक दर्द आमतौर पर गंभीर होता है. बहुत से लोगों को इस दर्द से राहत पाने के लिए दर्द निवारक दवाएं लेने की आदत होती है. लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी स्व-दवा के बजाय डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही इनका इस्तेमाल करना बेहतर है. इसका प्रयोग बहुत ही कम मात्रा में करना चाहिए अन्यथा अधिक मात्रा या बार-बार सेवन से पाचन संबंधी समस्याएं और अन्य दुष्प्रभाव हो सकते हैं.
जब आप दर्द निवारक दवाएं लेते हैं तो क्या होता है?
डॉ. अर्पणा हरितवाल के मुताबिक, पीरियड्स के दौरान हार्मोनल असंतुलन पाचन तंत्र पर नकारात्मक प्रभाव डालता है. कब्ज हो सकता है. ऐसे समय में अगर आप दर्दनिवारक दवाएं लेंगे तो समस्या बढ़ जाएगी. दर्द निवारक दवाएं भी कुछ लोगों में दस्त का कारण बन सकती हैं.
यदि दर्द निवारक दवाओं का अधिक प्रयोग किया जाए तो पेट में अम्लता बढ़ जाती है. इसके साथ ही सीने में जलन, सीने में जलन, मतली, पेट में दर्द बढ़ना और सीने में जकड़न जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं.
अगर आप इस दर्द से राहत पाने के लिए दर्दनिवारक दवाएं लेते हैं तो शरीर कमजोर होने का खतरा रहता है.
दर्दनिवारकों का अधिक प्रयोग लिवर की कार्यप्रणाली को नुकसान पहुंचा सकता है. जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंड ट्रांसलेशनल हेपेटोलॉजी द्वारा 2018 में प्रकाशित अध्ययन "एसिटामिनोफेन-प्रेरित लिवर इंजरी: मैकेनिज्म एंड क्लिनिकल इंप्लीकेशंस" में यह मामला है.
विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि हर बार दर्द होने पर दर्द निवारक दवा लेने से पेट में अल्सर हो सकता है.
कुछ प्रकार की दर्द निवारक दवाएं उनींदापन और चिंता जैसी मनोवैज्ञानिक समस्याएं पैदा कर सकती हैं.
दर्द निवारक दवाएं भी भूख को प्रभावित करती हैं. भूखे न रहने और उचित भोजन न लेने का खतरा रहता है.
इसके अलावा, यह फेफड़ों के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालता है. इसके साथ ही सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या भी कम हो जाती है और कुछ लोगों में त्वचा संबंधी समस्याएं भी कम देखने को मिलती हैं.
राहत कैसे पाएं?
दर्द निवारक दवाएं अस्थायी राहत प्रदान कर सकती हैं लेकिन प्राकृतिक उपचार से इस दर्द से छुटकारा पाना बेहतर है. इससे छुटकारा पाने के उपाय इस प्रकार हैं:-
- कई लोग पीरियड्स के दर्द से राहत पाने के लिए हीट पैड का इस्तेमाल करते हैं. इसके अलावा वर्तमान में बाजार में उपलब्ध हीट पैड भी तुरंत राहत प्रदान करते हैं.
- कभी-कभी पेट का दर्द भी पीरियड्स के दर्द को बढ़ा देता है. गर्म पानी पीने से शरीर में रक्त संचार बेहतर होता है और दर्द से राहत मिलती है. इसलिए गर्म पानी पिएं.
- व्यायाम करने से शरीर में एंडोर्फिन रिलीज होता है. यह पीरियड्स के दौरान प्राकृतिक दर्द निवारक के रूप में काम करता है. इसीलिए आजकल विशेषज्ञ कहते हैं कि जो भी व्यायाम शरीर के लिए आरामदायक हो उसे आधे घंटे तक करना चाहिए.
- सुगंधित आवश्यक तेलों से शरीर की मालिश करने से भी दर्द से राहत मिल सकती है. इस क्रम से शरीर में रक्त संचार बेहतर होगा और दर्द से राहत मिलेगी. यह बात भी सामने आई है कि इस तेल की महक दिमाग को उत्तेजित करती है.
- थके हुए शरीर और दिमाग को उत्तेजित करने के लिए एक कप चाय या कॉफी पियें. नियमित चाय की जगह हर्बल चाय पीरियड्स के दर्द को कम करने में प्रभावी रूप से काम करती है. अदरक, सौंफ, कैमोमाइल और हिबिस्कस चाय के सूजनरोधी गुण तुरंत दर्द से राहत देते हैं.