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कोविड-19: हिमाचल में बढ़ते कोरोना मरीजों के लिए IGMC में बनेगा प्री फेब्रिकेटेड स्ट्रक्चर

हिमाचल में बढ़ते कोरोना मरीजों को रखने के लिए आईजीएमसी प्री फेब्रिकेटेड स्ट्रक्चर बनाया जाएगा. आईजीएमसी के प्रधानाचार्य ने कहा कि शुरूआत में यहां पर 50 बैड का स्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा. अगर जरूरत पड़ती है ताे इसे बढ़ा दिया जाएगा.

covid19 patients in himachal
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Published : Sep 15, 2020, 10:30 PM IST

शिमलाः राजधानी शिमला के आईजीएमसी में अब काेराेना मरीजाें काे रखने के लिए प्रशासन प्री फेब्रिकेटेड स्ट्रक्चर तैयार करने जा रहा है. इसके लिए प्रशासन परिसर में ही जगह चिन्हित करेगा. जल्द ही इस स्ट्रक्चर निर्माण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा. इस स्ट्रक्चर के तैयार हाेने से काेराेना मरीजाें काे इसी में रखा जाएगा.

यहां पर उनके लिए सभी तरह की व्यवस्थाएं की जाएंगी. इसमें बैड से लेकर ऑक्सीजन और वेंटीलेटर फिट किए जाएंगे. मरीजाें काे इमरजेंसी में भी यहां रखा जा सकेगा. इस बारे में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी प्रशासन को आदेश दिए थे. उन्हाेंने प्रशासन काे काेराेना से निपटने के लिए एडवांस तैयारी रखने के लिए कहा है.

प्री फेब्रिकेटेड स्ट्रक्चर में लगाए जाएंगे 50 बैड

आईजीएमसी में तैयार किए जाने वाले प्री फेब्रिकेटेड स्ट्रक्चर में शुरूआत में 50 बैड लगाए जाएंगे. हालांकि यहां पर इमरजेंसी के लिए भी पूरी सुविधा हाेगी, लेकिन यहां पर हल्के लक्षण वाले नार्मल मरीजाें रखने का प्लान है. वहीं, अगर जरूरी पड़ती है ताे यहां पर बैड की संख्या भी बढ़ाई जाएगी. स्ट्रक्चर तैयार हाेने के बाद प्रशासन के पास करीब 150 मरीजाें काे एक साथ रखने की क्षमता हाे जाएगी. माैजूदा समय में भी काेराेना के आईजीएमसी में 50 से ज्यादा मरीज ट्राइज और आइसाेलेशन में एडमिट हैं.

अभी 80 बैड की सुविधा है आईजीएमसी में

आईजीएमसी में माैजूदा समय में 80 बैड काेराेना मरीजाें के लिए लगाए गए हैं. यह बैड ट्राइज और आइसाेलेशन वार्ड में लगाए गए हैं. प्रदेशभर से जाे मरीज अन्य बीमारियाें के लिए आईजीएमसी आ रहे हैं या फिर फ्लू ओपीडी में आते हैं, ताे उनका सबसे पहले काेराेना टेस्ट हाे रहा है.

अगर वह पाॅजिटिव आते हैं ताे उन्हें यहां पर बनाए गए आइसाेलेशन वार्ड में रखा जाता है, ताकि काेराेना के साथ-साथ उनका दूसरी बीमारी का इलाज भी चल सके. अब काेराेना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. आईजीएमसी की मेडिसन, सर्जरी, ट्रामा, ईएनटी समेत कई वार्डाें में अब तक मरीज पाॅजिटिव आ चुके हैं. जिन्हें आसाेलेशन वार्ड में शिफ्ट किया जाता है.

आईजीएमसी के प्रधानाचार्य डाॅ. रजनीश पठानिया ने कहा कि मुख्यमंत्री के आदेशाें के बाद अब आईजीएमसी प्रशासन एडवांस तैयारी कर रहा है. यहां पर मरीजाें काे रखने के लिए प्री फेब्रिकेटेड स्क्रक्चर तैयार किया जाएगा. शुरूआत में यहां पर 50 बैड का स्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा. अगर जरूरत पड़ती है ताे इसे बढ़ा दिया जाएगा. इसमें काेराेना मरीजाें के लिए सभी सुविधाएं हाेंगी. इसके लिए परिसर में ही जगह चिन्हित की जाएगी. जल्द ही यह स्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा.

ये भी पढ़ें- XEN वाहन खरीद मामला: राठौर का सरकार पर हमला, लगाए 'अय्याशी' के आरोप

ये भी पढ़ें- खुद को बताया पेटीएम कर्मचारी...एप डाउनलोड करवाकर खाते से उड़ाए 84 हजार

शिमलाः राजधानी शिमला के आईजीएमसी में अब काेराेना मरीजाें काे रखने के लिए प्रशासन प्री फेब्रिकेटेड स्ट्रक्चर तैयार करने जा रहा है. इसके लिए प्रशासन परिसर में ही जगह चिन्हित करेगा. जल्द ही इस स्ट्रक्चर निर्माण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा. इस स्ट्रक्चर के तैयार हाेने से काेराेना मरीजाें काे इसी में रखा जाएगा.

यहां पर उनके लिए सभी तरह की व्यवस्थाएं की जाएंगी. इसमें बैड से लेकर ऑक्सीजन और वेंटीलेटर फिट किए जाएंगे. मरीजाें काे इमरजेंसी में भी यहां रखा जा सकेगा. इस बारे में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी प्रशासन को आदेश दिए थे. उन्हाेंने प्रशासन काे काेराेना से निपटने के लिए एडवांस तैयारी रखने के लिए कहा है.

प्री फेब्रिकेटेड स्ट्रक्चर में लगाए जाएंगे 50 बैड

आईजीएमसी में तैयार किए जाने वाले प्री फेब्रिकेटेड स्ट्रक्चर में शुरूआत में 50 बैड लगाए जाएंगे. हालांकि यहां पर इमरजेंसी के लिए भी पूरी सुविधा हाेगी, लेकिन यहां पर हल्के लक्षण वाले नार्मल मरीजाें रखने का प्लान है. वहीं, अगर जरूरी पड़ती है ताे यहां पर बैड की संख्या भी बढ़ाई जाएगी. स्ट्रक्चर तैयार हाेने के बाद प्रशासन के पास करीब 150 मरीजाें काे एक साथ रखने की क्षमता हाे जाएगी. माैजूदा समय में भी काेराेना के आईजीएमसी में 50 से ज्यादा मरीज ट्राइज और आइसाेलेशन में एडमिट हैं.

अभी 80 बैड की सुविधा है आईजीएमसी में

आईजीएमसी में माैजूदा समय में 80 बैड काेराेना मरीजाें के लिए लगाए गए हैं. यह बैड ट्राइज और आइसाेलेशन वार्ड में लगाए गए हैं. प्रदेशभर से जाे मरीज अन्य बीमारियाें के लिए आईजीएमसी आ रहे हैं या फिर फ्लू ओपीडी में आते हैं, ताे उनका सबसे पहले काेराेना टेस्ट हाे रहा है.

अगर वह पाॅजिटिव आते हैं ताे उन्हें यहां पर बनाए गए आइसाेलेशन वार्ड में रखा जाता है, ताकि काेराेना के साथ-साथ उनका दूसरी बीमारी का इलाज भी चल सके. अब काेराेना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. आईजीएमसी की मेडिसन, सर्जरी, ट्रामा, ईएनटी समेत कई वार्डाें में अब तक मरीज पाॅजिटिव आ चुके हैं. जिन्हें आसाेलेशन वार्ड में शिफ्ट किया जाता है.

आईजीएमसी के प्रधानाचार्य डाॅ. रजनीश पठानिया ने कहा कि मुख्यमंत्री के आदेशाें के बाद अब आईजीएमसी प्रशासन एडवांस तैयारी कर रहा है. यहां पर मरीजाें काे रखने के लिए प्री फेब्रिकेटेड स्क्रक्चर तैयार किया जाएगा. शुरूआत में यहां पर 50 बैड का स्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा. अगर जरूरत पड़ती है ताे इसे बढ़ा दिया जाएगा. इसमें काेराेना मरीजाें के लिए सभी सुविधाएं हाेंगी. इसके लिए परिसर में ही जगह चिन्हित की जाएगी. जल्द ही यह स्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा.

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