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साउथ एशिया का एकमात्र सेमी नेचुरल आइस स्केटिंग रिंक, शिमला में बर्फ पर स्केटिंग के रोमांच का सफर शुरू

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Published : Dec 9, 2019, 1:39 PM IST

शिमला में आइस स्केटिंग रिंक में बर्फ पर स्केटिंग का पहला मॉर्निंग सेशन सोमवार सुबह आयोजित किया गया. क्लब के सदस्यों ने मैदान पर जमी बर्फ की परत पर स्केटिंग करने का लुत्फ उठाया.

ice skating rink shimla
शिमला आइस स्केटिंग

शिमला: राजधानी शिमला में बर्फ पर स्केटिंग के रोमांच का सफर शुरू हो चुका है. ऐतिहासिक आइस स्केटिंग रिंक में सीजन का पहला मॉर्निंग सेशन सोमवार सुबह आयोजित किया गया. इस सेशन में क्लब के सदस्य जिसमें बच्चे और अन्य लोग शामिल हुए.

क्लब के सदस्यों ने मैदान पर जमी बर्फ की परत पर स्केटिंग करने का लुत्फ उठाया. बता दें कि रविवार को स्केटिंग का ट्रायल सफल रहने के बाद स्केटिंग क्लब की ओर से सुबह के सत्र शुरू कर दिए गए हैं. स्केटर्स ने स्केटिंग के मैदान में स्केटिंग का मजा लिया. क्लब ने अभी दोपहर और शाम के सत्र मैदान में शुरू नहीं किए है.

वीडियो रिपोर्ट

बता दें कि तापमान में थोड़ी और अधिक गिरावट आने पर मैदान में और बर्फ जमती है जिसके बाद शाम के सत्र में स्केटिंग शुरू की जाएगी. यह साउथ एशिया का एकमात्र सेमी नेचुरल आइस स्केटिंग रिंक है जहां पर पूरी तरह से प्राकृतिक तरीके से ही बर्फ जमाई जाती है.

1920 से चल रहे इस स्केटिंग रिंक में सर्दियों के दिनों में पानी मिट्टी के मैदान में छिड़का जाता है जिसके बाद तापमान की गिरावट के चलते पानी बर्फ की एक परत में तब्दील हो जाता है जिस पर लोग स्केटिंग करते हैं. इसके साथ ही स्केटिंग से जुड़ी कई तरह की प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती हैं लेकिन बीते कुछ वर्षों से मौसम की वजह से जिमखाना और विंटर कार्निवाल का आयोजन नहीं हो पा रहा है.

ये भी पढ़ें: शीतकालीन सत्र से पहले बीजेपी विधायक दल की बैठक, सीएम बोले- विपक्ष के हर सवालों को देंगे जवाब

शिमला: राजधानी शिमला में बर्फ पर स्केटिंग के रोमांच का सफर शुरू हो चुका है. ऐतिहासिक आइस स्केटिंग रिंक में सीजन का पहला मॉर्निंग सेशन सोमवार सुबह आयोजित किया गया. इस सेशन में क्लब के सदस्य जिसमें बच्चे और अन्य लोग शामिल हुए.

क्लब के सदस्यों ने मैदान पर जमी बर्फ की परत पर स्केटिंग करने का लुत्फ उठाया. बता दें कि रविवार को स्केटिंग का ट्रायल सफल रहने के बाद स्केटिंग क्लब की ओर से सुबह के सत्र शुरू कर दिए गए हैं. स्केटर्स ने स्केटिंग के मैदान में स्केटिंग का मजा लिया. क्लब ने अभी दोपहर और शाम के सत्र मैदान में शुरू नहीं किए है.

वीडियो रिपोर्ट

बता दें कि तापमान में थोड़ी और अधिक गिरावट आने पर मैदान में और बर्फ जमती है जिसके बाद शाम के सत्र में स्केटिंग शुरू की जाएगी. यह साउथ एशिया का एकमात्र सेमी नेचुरल आइस स्केटिंग रिंक है जहां पर पूरी तरह से प्राकृतिक तरीके से ही बर्फ जमाई जाती है.

1920 से चल रहे इस स्केटिंग रिंक में सर्दियों के दिनों में पानी मिट्टी के मैदान में छिड़का जाता है जिसके बाद तापमान की गिरावट के चलते पानी बर्फ की एक परत में तब्दील हो जाता है जिस पर लोग स्केटिंग करते हैं. इसके साथ ही स्केटिंग से जुड़ी कई तरह की प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती हैं लेकिन बीते कुछ वर्षों से मौसम की वजह से जिमखाना और विंटर कार्निवाल का आयोजन नहीं हो पा रहा है.

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Intro:नोट:शॉट्स ओर बाइट व्रैप से चैक करें।

राजधानी शिमला में बर्फ पर स्केटिंग के रोमांच का सफर शुरू हो चुका है। ऐतिहासिक आइस स्केटिंग रिंक में सीजन का पहला मॉर्निंग सेशन सोमवार सुबह आयोजित किया गया। इस सेशन में क्लब के सदस्य जिसमें बच्चे और अन्य लोग शामिल थे उन्होंने मैदान पर जमी बर्फ की परत पर स्केटिंग करने का लुत्फ उठाया। रविवार को स्केटिंग का ट्रायल सफल रहने के बाद स्केटिंग क्लब की ओर से सुबह के सत्र शुरू कर दिए गए हैं। सुबह के सत्र में स्केटर्स जिन्हें स्केटिंग का शौक है वह स्केटिंग के मैदान में पहुंचे और उन्होंने बर्फ पर स्केटिंग करने का मजा लिया।


Body:अभी क्लब की ओर से मात्र सुबह के ही सत्र स्केटिंग के लिए शुरू किए गए हैं । दोपहर और शाम के सत्र अभी मैदान में शुरू कर पाना स्केटिंग क्लब के लिए आसान नहीं है। तापमान में अभी उस तरह की गिरावट नहीं आई है जिससे कि शाम के सत्र भी स्केटिंग के लिए शुरू किए जाए, ऐसे में जैसे ही तापमान में थोड़ी और अधिक गिरावट आती है और मैदान में बर्फ और जमती है तभी शाम के सत्र स्केटिंग के लिए शुरू किए जाएंगे। जबकि शाम के सत्र में ही स्केटर्स की अधिक भीड़ स्केटिंग मैदान में रहती है। सुबह का सत्र बहुत जल्दी होता है ऐसे में ठंड में सुबह के सत्र में स्केटर्स ज्यादा नहीं मिल पाते हैं इसलिए क्लब का भी प्रयास है कि शाम के सत्र की शुरुआत भी जल्द से जल्द की जा सके।


Conclusion:यह साउथ एशिया यह एकमात्र सेमी नेचुरल आइस स्केटिंग रिंक है जहां पर पूरी तरह से प्राकृतिक तरीके से ही बर्फ जमाई जाती है। 1920 से चल रहे इस स्केटिंग रिंक में सर्दियों के दिनों में पानी मिट्टी के मैदान में छिड़का जाता है जिसके बाद तापमान की गिरावट के चलते यह पानी बर्फ की एक परत में तब्दील हो जाता है जिस पर स्केटिंग स्थानीय लोगों के साथ-साथ पर्यटक भी करते हैं। इसके साथ ही यहां स्केटिंग से जुड़ी कई तरह की प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती हैं,लेकिन बीते कुछ वर्षों से स्केटिंग के लिए मौसम अनुकूल नहीं साबित हो रहा है जिसके चलते यहां जिमखाना और विंटर कार्निवाल का आयोजन नहीं हो पा रहा है। इस बार जब यह आइस स्केटिंग रिंक अपने 100 वर्ष पूरे करने जा रहा है तो क्लब की ओर से प्रयास किया जा रहा है कि इस बार जिमखाना और कार्निवाल का आयोजन स्केटर्स के लिए यहां किया जा सकें।
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