शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में हुई छात्र हिंसा की रिपोर्ट एचपीयू प्रशासन ने विवि के कुलाधिपति राज्यपाल आचार्य देवव्रत को नहीं सौंपी है. विवि प्रशासन की ओर से गठित कमेटी की ओर से घटना की जांच को लेकर सभी तथ्यों को जुटा कर रिपोर्ट बनानी शुरू कर दी है.
मामले में एचपीयू के छात्रवासों की सीसीटीवी फुटेज भी खंगाल ली है और अब उन्हीं सब तथ्यों को आधार मान कर एचपीयू की जांच कमेटी अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप दे रही है. इसके बाद रिपोर्ट कुलपति को सौंपी जाएगी और फिर राज्यपाल को भी मामले से जुड़ी पूरी रिपोर्ट एचपीयू प्रशासन देगा.
एचपीयू में एबीपीवी और एसएफआई के बीच हुए खूनी संघर्ष की जांच के लिए कुलपति ने एचपीयू प्रति कुलपति की अध्यक्षता में 6 सदस्यीय कमेटी का गठन मामले की जांच को लेकर किया था. इस कमेटी को कुलपति ने तीन दिन का समय जांच रिपोर्ट देने के लिए दिया था, लेकिन कमेटी ने अतिरिक्त समय अपनी इस रिपोर्ट को तैयार करने के लिए मांगा था. कमेटी ने एचपीयू के छात्रावासों में छात्र गुटों के बीच हुई खूनी झड़प में कौन छात्र शामिल हैं इसका पता लगाने के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगाली है. इसमें तकनीकी विशेषज्ञों की भी मदद ली गई है. दो-दो डीवीडी हॉस्टलों की सीसीटीवी कैमरा की एचपीयू ने तैयार करवाई है. इसमें दो बॉयज और दो गर्ल्स हॉस्टलों की सीसीटीवी फुटेज की डीवीडी निकाली है. अन्य आम छात्रों से भी बात कमेटी ने उस दिन की घटना को लेकर बात की है और अब रिपोर्ट में भी इन्हीं सब पहलुओं को शामिल किया जा रहा है.
एचपीयू कुलपति ने माना था कि पूरे मामले की रिपोर्ट तैयार की जा रही है. इसे राज्यपाल को सौंप दिया जाएगा, लेकिन अब रिपोर्ट के कुछ एक पहलुओं पर के रह जाने और कमेटी के अध्यक्ष प्रतिकुलपति के एचपीयू में ना होने के चलते इस रिपोर्ट को दो तीन दिनों के भीतर राज्यपाल को सौंपा जाएगा.
कुलपति प्रो. सिंकदर कुमार ने कहा कि रिपोर्ट में जो भी छात्र दोषी पाए जाएंगे उनके अभिभावकों को कुलपति एचपीयू बुलवाएंगे जिसके बाद उनसे भी छात्रों की गतिविधियों को लेकर बातचीत की जाएगी ताकि उन्हें भी अपने बच्चों की इस तरह की गतिविधियों में शामिल होने की जानकारी मिल सके और वो अपने छात्रों को समय रहते इस तरह की गतिविधियों से बाहर निकाल सकें.