शिमला: पर्यटन विकास निगम ने पहली अप्रैल 2020 से 28 फरवरी 2021 तक 35.56 करोड़ रुपये का राजस्व एकत्रित किया है. जबकि खर्च 73.76 करोड़ रुपये का रहा. इस समय अवधी में निगम की सभी पर्यटन ईकाइयां काफी घाटे में रही. निगम के अधिकारियों के अनुसार यह घाटा कोरोना संक्रमण के कारण अर्थव्यवस्था पर पड़े असर का परिणाम है.
एचपीटीडीसी के निदेशक मंडल की 156वीं बैठक
प्रदेश सचिवालय में एचपीटीडीसी के निदेशकमंडल की 156वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए मख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि निगम के होटलों के शुल्कों की समीक्षा की जानी चाहिए. आस-पास में स्थापित होटलों के शुल्कों की तुलना के बाद अपने शुल्क पुनर्निर्धारित करने चाहिए. सीएम ने कहा कि निगम को अपने मेन्यू से अनावश्यक व्यंजन निकालकर नए व्यंजन शामिल करने चाहिए. इससे ईर्द-गिर्द के रेस्तरां के साथ प्रतिस्पर्धा करने में सहायता मिलेगी.
जयराम ठाकुर ने कहा कि निगम के अधिकारियों को अन्य राज्यों की पर्यटन ईकाइयों का भी अध्ययन करना चाहिए ताकि वांछित परिणाम हासिल किए जा सकें. उन्होंने कहा कि होटलों की ऑक्यूपेंसी 50 प्रतिशत तक बढ़ाने के प्रयास किए जाने चाहिए. पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए निगम की प्रमुख परिसंपत्तियों कुन्जुम, मनाली और होटल होलीडे होम, शिमला का जीर्णाद्धार किया जाना चाहिए.
होटलों की प्रभावी मार्केटिंग पर बल दिया जाना चाहिए
उपभोक्ताओं तक पहुंचने के लिए होटलों की प्रभावी मार्केटिंग पर बल दिया जाना चाहिए. ज्यादा पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए आधुनिक मीडिया का अधिक से अधिक उपयोग सुनिश्चित किया जाना चाहिए. उन्होंने मापदंडों और लक्ष्यों को निर्धारित करने की आवश्यकता पर बल दिया. जिससे उन्हें व्यवसायिक तरीके से हासिल किया जा सके और निगम की इकाइयों को आर्थिक रूप से लाभकारी बनाया जा सके.
ये भी पढ़ें: धर्मशाला नगर निगम चुनाव: मंगलवार को 41 प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र भरा