एक नए अध्ययन में यह बात सामने आई है कि चीनी से भरपूर खाद्य पदार्थ (Sweetened beverages) दुनिया भर में डायबिटीज और हार्ट डिजीज के लाखों मामलों को बढ़ावा दे रहे हैं. इस अध्ययन के अनुसार, चीनी से भरपूर ड्रिंक्स की वजह से हर साल दुनिया भर में टाइप 2 डायबिटीज के 2.2 मिलियन नए मामले और हार्ट डिजीज के 1.2 मिलियन नए मामले सामने आते हैं. टफ्ट्स विश्वविद्यालय के फ्रीडमैन स्कूल ऑफ न्यूट्रिशन साइंस एंड पॉलिसी के शोधकर्ताओं का कहना है कि नियमित रूप से मीठे ड्रिंक्स पीने से डायबिटीज और हार्ट डिजीज के मामलों में ग्लोबल लेवल पर बढ़ोतरी हो रही है. बता दें, शोधकर्ताओं द्वारा 184 देशों से लिए गए डेटा और नेचर मेडिसिन में प्रकाशित किए गए निष्कर्ष से यह पता चलता है कि चीनी युक्त ड्रिंक्स के कारण होने वाली बीमारियों का खतरा डेवलपिंग एरिया के लिए खास तौर से चिंताजनक हैं.
अध्ययन में क्या हुआ खुलासा
शोधकर्ताओं ने यह भी अनुमान लगाया कि मीठे ड्रिंक्स के कारण हर साल डायबिटीज और दिल से जुड़ी बीमारी से 330,000 से अधिक मौतें होती हैं. अध्ययन में सबसे ज्यादा प्रभावित देशों का कंट्री वाइज डेटा भी दिया गया है. जिसमें लैटिन अमेरिका और कैरिबियन में, 2020 में डायबिटीज के नए मामलों में से लगभग एक चौथाई (24 फीसदी) मामलों में चीनी युक्त पेय पदार्थों का योगदान था. उप-सहारा अफ्रीका में 1990 से 2020 तक मामलों में सबसे ज्यादा वृद्धि देखी गई और यहां चीनी युक्त पेय पदार्थों के कारण पांच में से एक नए डायबिटीज के मामले और 10 में से एक नए हार्ट डिजीज के मामले सामने आए. कोलंबिया में सभी नए डायबिटीज के मामलों में से लगभग आधे मीठे पेय पदार्थों के कारण थे, जबकि मेक्सिको में सभी नए डायबिटीज के मामलों में से लगभग एक तिहाई मीठे पेय पदार्थों से जुड़े थे. दक्षिण अफ्रीका में नए डायबिटीज के मामलों में से एक चौथाई से ज्यादा लोग मीठे पेय पदार्थों के कारण थे, वहीं, हार्ट डिजीज के मामले में 14.6 फीसदी मामले मीठे पेय पदार्थों के कारण थे.
चीनी युक्त पेय पदार्थों से डायबिटीज और हार्ट डिजीज क्यों होते हैं
शरीर में चीनी युक्त ड्रिंक्स (Sweetened beverages) को सरल कार्बोहाइड्रेट के रूप में तेजी से पचाया जाता है, मीठे ड्रिंक्स रक्तप्रवाह में तेजी से अवशोषित हो जाते हैं, जिससे आवश्यक पोषक तत्व प्रदान किए बिना ब्लड शुगर लेवल में तेज उछाल आता है. लंबे समय तक सेवन से वजन बढ़ता है , इंसुलिन प्रतिरोध और चयापचय संबंधी विकार होते हैं, जिससे डायबिटीज और हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ जाता है. जानकारी के लिए बता दे कि दोनों ही बीमारी मृत्यु के दो प्रमुख वैश्विक कारण में से एक हैं.
अध्ययन के वरिष्ठ लेखक और टफ्ट्स विश्वविद्यालय में फूड इज मेडिसिन संस्थान के निदेशक दारीश मोजाफेरियन ने कहा कि लोअर और मिडिल आय वाले देशों के लोग सबसे ज्यादा इन हानिकारक मीठे पेय पदार्थों का सेवन कर रहे हैं.
मीठे पेय पदार्थों (sugar-rich beverages) के हानिकारक परिणाम
डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है: नियमित रूप से मीठे पेय पदार्थों का सेवन करने से इंसुलिन प्रतिरोध हो सकता है, जिससे समय के साथ टाइप 2 डायबिटीज का खतरा विकसित होने की संभावना काफी बढ़ जाती है.
हार्ट हेल्थ के लिए हानिकारक: चीनी का अधिक सेवन हाई ब्लड प्रेशर, बढ़े हुए ट्राइग्लिसराइड्स और मोटापे से जुड़ा हुआ है, जो सभी हार्ट डिजीज और स्ट्रोक के रिस्क को बढ़ाते हैं
वजन बढ़ना: मीठे पेय पदार्थों में खाली कैलोरी होती है, जो आपको ज्यादा मात्रा में सेवन के लिए लालसा बढ़ाती है, बता दें, मीठे पेय पदार्थों के अधिक सेवन से लंबे समय तक वजन बढ़ने की संभावना होती है, जो वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख स्वास्थ्य चिंता है.
दांतों की सड़न: मीठे पेय पदार्थों में हाई अमाउंट में शुगर कंटेंट होता है, जो मुंह में एक एसिडिक एनवायरनमेंट को जन्म देता है, जो इनैमल को नष्ट कर और कैविटी और मसूड़ों की बीमारी के रिस्क को को बढ़ावा देता है.
लिवर को नुकसान: चीनी से भरपूर खाद्य पदार्थ का बार-बार सेवन करने से लीवर पर अधिक भार पड़ सकता है, जिससे गैर-अल्कोहल फैटी लीवर रोग जैसी स्थितियां और लीवर की सूजन का खतरा बढ़ जाता है.
(डिस्क्लेमर: इस रिपोर्ट में आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सलाह केवल आपकी सामान्य जानकारी के लिए है. हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान करते हैं. आपको इसके बारे में विस्तार से जानना चाहिए और इस विधि या प्रक्रिया को अपनाने से पहले अपने निजी चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए.)