कुल्लू: उपमंडल निरमंड के रहने वाले अंकुश कुमार ने पहले ही प्रयास में HAS के एग्जाम में सफलता पाई है. उन्होंने हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा में 18वां रैंक हासिल किया है. ऐसे में अंकुश ने अपने पिता का सपना पूरा किया है.
लक्ष्य को पाने के लिए सोशल मीडिया से बनाई दूरी
अंकुश ने बताया "तैयारी के दौरान वह 3 साल तक सोशल मीडिया से दूर रहे जिसके बाद उन्हें पहले ही प्रयास में ये सफलता मिली है. इस सपने को पूरा करने के लिए रोजाना पढ़ाई की और जो भी पढ़ा उसे लिखकर याद किया."
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स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत हैं अंकुश के पिता
अंकुश कुमार के पिता अशोक कुमार स्वास्थ्य विभाग में मुख्य चिकित्सा अधिकारी कुल्लू के कार्यालय में बतौर सुपरवाइजर अपनी सेवाएं दे रहे हैं और माता कुसुमलता गृहिणी हैं. अंकुश की बहन स्वाति ने HR में एमबीए किया है.
NIT हमीरपुर से अंकुश ने की है बीटेक
अंकुश ने बताया कि उनकी प्राथमिक शिक्षा मणिकर्ण के स्कूल से साल 2010 में हुई और उसके बाद 12वीं तक कि पढ़ाई नवोदय स्कूल कुल्लू (मंडी) से 2016 में पूरी हुई. जेईई की परीक्षा पास करने के बाद अंकुश कुमार ने एनआईटी हमीरपुर से कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया.
निजी कंपनी में कर चुके हैं जॉब
अंकुश कुमार बीटेक करने के बाद रिलायंस डिजिटल कंपनी में बतौर इंजीनियर जॉब कर रहे थे. जब देश में कोरोना महामारी फैली तो अंकुश जॉब छोड़कर घर वापस आए और उसके बाद उन्होंने एचएएस की परीक्षा की तैयारी शुरू की और साल 2024 के HAS एग्जाम में अपने पहले प्रयास में उन्होंने यह सफलता हासिल की.