वाशिंगटन (डीसी) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सवाल पर तीखा पलटवार किया कि क्या उनके और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई चर्चा में अडाणी समूह का मामला शामिल था. उन्होंने कहा कि दो देशों के दो प्रमुख नेता कभी भी ऐसे व्यक्तिगत मुद्दों पर चर्चा नहीं करते.
भारत एक लोकतंत्र है और हमारी संस्कृति 'वसुधैव कुटुम्बकम' की है, हम पूरी दुनिया को एक परिवार मानते हैं. मेरा मानना है कि हर भारतीय मेरा है. उन्होंने कहा कि दो देशों के दो प्रमुख नेता कभी भी ऐसे व्यक्तिगत मुद्दों पर चर्चा नहीं करते हैं. उनसे पूछा गया कि क्या डोनाल्ड ट्रंप के साथ बैठक में 'गौतम अडाणी मामले' पर चर्चा हुई थी.
पीएम मोदी ने अमेरिका की 'एक बहुत ही सार्थक और उत्पादक यात्रा' के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप के साथ द्विपक्षीय चर्चा की. राष्ट्रपति ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ लेने के बाद यह प्रधानमंत्री की अमेरिका की पहली यात्रा थी. व्हाइट हाउस में चर्चा चार घंटे तक चली. चर्चाओं में बहुत सारे विषयों को शामिल किया गया और क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों के अलावा संबंधों के पूरे दायरे पर चर्चा की गई.
पिछले साल नवंबर में, न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले के लिए यूनाइटेड स्टेट्स डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में एक अभियोग खोला गया था, जिसमें अडाणी समूह के अध्यक्ष गौतम अडाणी सहित प्रमुख भारतीय अधिकारियों पर कथित रिश्वतखोरी योजना से जुड़े होने का आरोप लगाया गया था.
#WATCH | Washington, DC: When asked if the matter against businessman Gautam Adani was discussed in the meeting with US President Donald Trump, PM Modi says, " india is a democracy and our culture is 'vasudhaiva kutumbakam', we consider the whole world as one family. i believe… pic.twitter.com/F8DlNcV8gY
— ANI (@ANI) February 13, 2025
अडाणी समूह ने अडाणी ग्रीन के निदेशकों के खिलाफ अमेरिकी न्याय विभाग और अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग द्वारा लगाए गए रिश्वतखोरी के आरोपों का जोरदार खंडन किया और उन्हें 'निराधार' बताया. इस सप्ताह की शुरुआत में, छह अमेरिकी सांसदों ने जो बाइडेन के तहत अमेरिकी न्याय विभाग (डीओजे) द्वारा किए गए 'संदिग्ध निर्णयों' पर नव-नियुक्त अमेरिकी अटॉर्नी जनरल पामेला बॉन्डी को लिखे एक पत्र में अडाणी अभियोग को उजागर किया.
सांसदों ने कहा कि इनमें से कुछ निर्णयों में चुनिंदा मामलों को आगे बढ़ाना और छोड़ना शामिल था, जो अक्सर घर और विदेश में अमेरिका के हितों के खिलाफ काम करते थे, जिससे भारत जैसे करीबी सहयोगियों के साथ संबंध खतरे में पड़ जाते थे. पत्र में, अमेरिकी कांग्रेसियों ने भारत स्थित कंपनी अडाणी समूह के खिलाफ मामले का उल्लेख किया.