शिमला: हिमाचल प्रदेश की आर्थिक सेहत को सुधारने के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हाल ही में आईएएस-आईपीएस को लेकर बड़ा फैसला लिया था. सीएम सुक्खू ने केंद्र से नए आईएएस-आईपीएस लेने के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था. प्रदेश में वेतन देने से सरकारी खजाने पर पड़ने वाले आर्थिक बोझ को कम करने के लिए सरकार ने नए आईएएस-आईपीएस लेने से इनकार कर दिया था. जिसके चलते प्रदेश में जहां पहले से ही उच्च प्रशासनिक अधिकारियों को कमी चल रही है. वहीं, इसके बीच प्रदेश में एक और आईएएस कम होने जा रहा है.
दिल्ली जाएंगे रोहन चंद ठाकुर
हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर भी अब केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने वाले हैं. पिछले साल ही रोहन चंद ठाकुर की पत्नी मानसी सहाय ठाकुर भी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली गई थी. जो की एक साल से अब केंद्र में अपनी सेवाएं दे रही हैं. वहीं, अब रोहन चंद ठाकुर भी दिल्ली जाएंगे. कार्मिक मंत्रालय ने युवा आईएएस की नियुक्ति निदेशक वित्तीय सेवाएं के पद पर की है. सीएसएस (सेंट्रल स्टाफिंग स्कीम) के तहत उनकी नियुक्ति पांच साल के लिए की गई है. केंद्रीय कार्मिक विभाग की तरफ से रोहन चंद ठाकुर की प्रतिनियुक्ति को लेकर प्रदेश के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना को पत्र भेजा गया है.
2009 बैच के आईएएस रोहन चंद ठाकुर
रोहन चंद ठाकुर साल 2009 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. जो वर्तमान में हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) में प्रबंध निदेशक के पद पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं. ऐसे में उनकी प्रतिनियुक्ति होने के बाद HRTC में प्रबंध निदेशक का पद खाली होने जा रहा है. जिसके बाद अब HRTC को नया प्रबंध निदेशक मिलेगा. प्रदेश सरकार ने जनवरी में 2009 बैच के चार आईएएस अधिकारियों को सचिव स्तर पर पदोन्नत किया था. इसमें रोहन चंद ठाकुर सहित उनकी पत्नी मानसी सहाय ठाकुर, डॉ. राज कृष्ण पुरुथी व विनोद कुमार शामिल थे. ऐसे में दो अधिकारियों डॉ. राज कृष्ण पुरुथी व विनोद कुमार को भी विभागों के सचिवों का जिम्मा मिलेगा. वर्तमान में प्रदेश के कई वरिष्ठ अधिकारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जा रहे हैं.
केंद्र में सेवाएं दे रहे ये अधिकारी
वहीं, के संजय मूर्ति को हाल ही में भारत का नियंत्रक एवं महालेखाकार नियुक्त गया था. इसके अलावा भरत खेड़ा, अनुराधा ठाकुर, रजनीश, मनीष गर्ग, सुभाशीष पंडा, पुष्पेंद्र राजपूत, डॉ. अमनदीप गर्ग व आर सेलवम केंद्र सरकार में सेवाएं दे रहे हैं. इसके बाद एक और अधिकारी केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली जा रहे है. इस तरह से प्रदेश में आईएएस की संख्या और कम हो जाएगी. जिस कारण कई अधिकारियों को अतिरिक्त कार्यभार देखना पड़ सकता है.