शिमला: भारतीय चित्र साधना और हिम सिने सोसायटी सिनेमा के माध्यम से राष्ट्रभाव की भावना युवाओं में पैदा करने के लिए कार्य कर रही है ताकि संस्कार युक्त विचार समाज में प्रवाहित हो सकें. यह बात शहरी विकास, आवास, नगर नियोजन, संसदीय कार्य, विधि एवं सहकारिता मंत्री सुरेश भारद्वाज ने आज हिम सिने सोसायटी एवं भारतीय चित्र साधना द्वारा गेयटी थियेटर (Gaiety theatre shimla) में आयोजित 2 दिवसीय हिमचित्रोत्सव-2022 कार्यक्रम (Himchitrotsav 2022 inaugurated in Shimla) के शुभारंभ अवसर पर अपने संबोधन में कही.
उन्होंने कहा कि भारतीय चित्र साधना और हिमसीने सोसायटी का यह सराहनीय प्रयास है. विगत वर्षों में फिल्म फेस्टिवल के माध्यम से प्रदेश के कलाकारों और फिल्म निर्देशकों को मंच प्रदान किया जा रहा है, जो अत्यंत सराहनीय हैं. उन्होंने कहा कि भविष्य में भी हिम सिने सोसायटी अपने प्रयासों को गति प्रदान करेगी. शिमला शहर लगभग 150 से 200 वर्ष पुराना शहर है. अंग्रेजों के कार्यकाल के दौरान भी गेयटी थिएटर में कला साधना का प्रमुख स्थान था. दुनिया का दूसरा गौथिक थिएटर भी गेयटी थिएटर में मौजूद है.
उन्होंने कहा कि आजादी के उपरांत अटल बिहारी वाजपेई के कार्यकाल के दौरान गेयटी थियेटर का जीर्णोद्धार किया गया था. जिसके उपरांत थिएटर में अनेकों कलाकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन कर देश तथा विदेश में अपनी पहचान बनाई. आज भी शिमला तथा आस पास के क्षेत्र फिल्म बनाने के लिए आदर्श माने जाते है. उन्होंने कहा कि आज के समय में अनेकों प्रकार की फिल्मों, शॉर्ट फिल्म, डॉक्यूमेंट्री तथा सीरियल का निर्माण किया जा रहा है जिस से सिनेमा जगत आगे बढ़ रहा है.
उन्होंने कहा कि आज प्रदेश हर क्षेत्र में अपनी एहम भूमिका अदा कर रहा है. हमे आज के दौर में स्थानीय स्तर पर उचित मार्गदर्शन मिलना जरूरी है ताकि स्थानीय स्तर के कलाकारों को आगे बढ़ने का मौका मिले. उन्होंने कहा की राष्ट्रीय एकीकरण में फिल्म का महत्वपूर्ण योगदान रहा है.
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