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अब हिमाचल के बागवान उगाएंगे इटली के सेब, जुब्बल में बनेगा इटैलियन ऑर्चर्ड - Himachal Pradesh

हिमाचल की प्रोग्रेसिव ग्रोवर एसोसिएशन और इंडो इटैलियन चेम्बर ऑफ कॉमर्स के बीच एमओयू साइन हुआ है. इस एमओयू के तहत प्रदेश के बागवानों को वायरस मुक्त सेब के पौधे, दवाई स्प्रे और मशीनिरी मुहैय्या कराने के साथ ही प्रशिक्षण भी दिया जाएगा.

Himachal's gardeners will grow apple of Italy, mou sign
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Published : Jun 22, 2019, 5:42 PM IST

शिमला: हिमाचल के बागवानों को इटली की तर्ज पर अच्छे सेबों की पैदावार के लिए अब इटली के विशेषज्ञ मदद करेंगे. इसके लिए हिमाचल की प्रोग्रेसिव ग्रोवर एसोसिएशन और इंडो इटैलियन चेम्बर ऑफ कॉमर्स के बीच एक एमओयू साइन हुआ है. इस एमओयू को पीजीए के अध्यक्ष लोकेंद्र बिष्ट और इंडो इटैलियन चेम्बर ऑफ कॉमर्स एन्ड इंड्रस्टी के सेक्रेट्री जनरल क्लैडियो मफैलेटी (claudio maffioletti) के बीच साइन किया गया है.

Himachal's gardeners will grow apple of Italy, mou sign
एमओयू साइन करते पीजीए के अध्यक्ष और इंडो इटैलियन चेम्बर ऑफ कॉमर्स एन्ड इंड्रस्टी के जनरल सेक्रेट्री.

इस एमओयू के तहत बागवानों को वायरस मुक्त सेब के पौधे, दवाई स्प्रे और मशीनिरी मुहैय्या करवाया जाएगा. सेब के जो पौधे बागवानों को दिए जाएंगे वे इटली की सर्टिफाई नर्सरी से मंगाए जाएंगे. इसके साथ ही बागवानों को मुफ्त में प्रक्षिक्षण देने के साथ ही नए बगीचों को किस तरफ से ऊपर उठाया जाए इसके बारे में जानकारी दी जाएगी.

जुब्बल में बनाया जाएगा इटैलियन ऑर्चर्ड
इंडो इटैलियन चेम्बर ऑफ कॉमर्स के साथ एमओयू साइन करने का सबसे फायदा ये होगा कि शिमला के जुब्बल के कदरोट में इटैलियन ऑर्चर्ड बनाया जाएगा. जहां पर बागवानों को सेब की अच्छी किस्मों के उगाने की तकनीक के बारे में प्रशक्षिण दिया जाएगा.

बता दें कि इससे पहले भी इंडो इटैलियन चेम्बर ऑफ कॉमर्स ने शेरे कश्मीर विश्वविद्यालय के साथ एमओयू साइन किया है. जिसके तहत घाटी बागवानों को नए अविष्कारों के बारे में बताकर सेब उत्पादन को बढ़ाने में मदद की जा रही है. इसके साथ ही चेम्बर के विशेषज्ञ बागवानों को एंटी हेल नेट के बारे में बताया जाएगा.

Himachal's gardeners will grow apple of Italy, mou sign
बागवानों से बातचीत करते इंडो इटैलियन चेम्बर ऑफ कॉमर्स एन्ड इंड्रस्टी के सेक्रेट्री जनरल क्लैडियो मफैलेटी.

प्रदेश के बागवानों को दिया जाएगा प्रशिक्षण
शनिवार को इंडो इटैलियन चेम्बर ऑफ कॉमर्स के सदस्य और इटली के नर्सरी के विशेषज्ञ जुब्बल के कदरोट में इटली के सेब के पौधों से तैयार किए गए बगीचे में पहुंचे जहां उन्होंने बगीचे का जायजा लिया. इंडो इटैलियन चेम्बर ऑफ कॉमर्स के डिप्टी सेक्रेट्री जनरल अमर जोशी ने कहा कि हमें खुशी है कि पीजीए के साथ एमओयू साइन किया है. इस एमओयू का उद्देश्य यहां के बागवानों को प्रशिक्षण देना है जिसके तहत बागवानों को ट्री प्लांटेशन, कल्टीवेशन और मेंटेनेंस तकनीक के बारे में जानकारी देना है. जिसके बाद हम भारत मे प्लांटिंग मैटेरियल इटली से उपलब्ध करवाएंगे. इसके अलावा बागवानों को सेब उत्पादन को लेकर क्या किया जाना चाहिए, क्या नहीं इसके बारे में ही यहां के स्थानीय बागवानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा.

इटली के सेब की खासियत
प्रदेश में बागवान अब इटली के सेब के बगीचे तैयार कर रहे हैं. बागीचों में लगे पौधे दो साल में फसल देना शुरू कर देंगे. वहीं, बाजार में इस सेब के अच्छे दाम भी मिलते है. अन्य सेब के पौधों से इटली के पौधे ज्यादा फसल देते है. प्रदेश में करीब 15 प्रतिशत बागवानों ने इटली के पौधे लगाए हैं. पीजीए के महासचिव कुनाल चौहान ने कहा कि प्रदेश में कई बागवान इटली के सेब का बगीचा तैयार कर रहे हैं और अब इंडो इटैलियन चेम्बर ऑफ कॉमर्स के साथ एमओयू साइन करके बागवानों को काफी फायदा होगा. इटली के सेब के पौधे से कम समय मे फसल मिलती है और दाम भी अच्छे मिलते है.

शिमला: हिमाचल के बागवानों को इटली की तर्ज पर अच्छे सेबों की पैदावार के लिए अब इटली के विशेषज्ञ मदद करेंगे. इसके लिए हिमाचल की प्रोग्रेसिव ग्रोवर एसोसिएशन और इंडो इटैलियन चेम्बर ऑफ कॉमर्स के बीच एक एमओयू साइन हुआ है. इस एमओयू को पीजीए के अध्यक्ष लोकेंद्र बिष्ट और इंडो इटैलियन चेम्बर ऑफ कॉमर्स एन्ड इंड्रस्टी के सेक्रेट्री जनरल क्लैडियो मफैलेटी (claudio maffioletti) के बीच साइन किया गया है.

Himachal's gardeners will grow apple of Italy, mou sign
एमओयू साइन करते पीजीए के अध्यक्ष और इंडो इटैलियन चेम्बर ऑफ कॉमर्स एन्ड इंड्रस्टी के जनरल सेक्रेट्री.

इस एमओयू के तहत बागवानों को वायरस मुक्त सेब के पौधे, दवाई स्प्रे और मशीनिरी मुहैय्या करवाया जाएगा. सेब के जो पौधे बागवानों को दिए जाएंगे वे इटली की सर्टिफाई नर्सरी से मंगाए जाएंगे. इसके साथ ही बागवानों को मुफ्त में प्रक्षिक्षण देने के साथ ही नए बगीचों को किस तरफ से ऊपर उठाया जाए इसके बारे में जानकारी दी जाएगी.

जुब्बल में बनाया जाएगा इटैलियन ऑर्चर्ड
इंडो इटैलियन चेम्बर ऑफ कॉमर्स के साथ एमओयू साइन करने का सबसे फायदा ये होगा कि शिमला के जुब्बल के कदरोट में इटैलियन ऑर्चर्ड बनाया जाएगा. जहां पर बागवानों को सेब की अच्छी किस्मों के उगाने की तकनीक के बारे में प्रशक्षिण दिया जाएगा.

बता दें कि इससे पहले भी इंडो इटैलियन चेम्बर ऑफ कॉमर्स ने शेरे कश्मीर विश्वविद्यालय के साथ एमओयू साइन किया है. जिसके तहत घाटी बागवानों को नए अविष्कारों के बारे में बताकर सेब उत्पादन को बढ़ाने में मदद की जा रही है. इसके साथ ही चेम्बर के विशेषज्ञ बागवानों को एंटी हेल नेट के बारे में बताया जाएगा.

Himachal's gardeners will grow apple of Italy, mou sign
बागवानों से बातचीत करते इंडो इटैलियन चेम्बर ऑफ कॉमर्स एन्ड इंड्रस्टी के सेक्रेट्री जनरल क्लैडियो मफैलेटी.

प्रदेश के बागवानों को दिया जाएगा प्रशिक्षण
शनिवार को इंडो इटैलियन चेम्बर ऑफ कॉमर्स के सदस्य और इटली के नर्सरी के विशेषज्ञ जुब्बल के कदरोट में इटली के सेब के पौधों से तैयार किए गए बगीचे में पहुंचे जहां उन्होंने बगीचे का जायजा लिया. इंडो इटैलियन चेम्बर ऑफ कॉमर्स के डिप्टी सेक्रेट्री जनरल अमर जोशी ने कहा कि हमें खुशी है कि पीजीए के साथ एमओयू साइन किया है. इस एमओयू का उद्देश्य यहां के बागवानों को प्रशिक्षण देना है जिसके तहत बागवानों को ट्री प्लांटेशन, कल्टीवेशन और मेंटेनेंस तकनीक के बारे में जानकारी देना है. जिसके बाद हम भारत मे प्लांटिंग मैटेरियल इटली से उपलब्ध करवाएंगे. इसके अलावा बागवानों को सेब उत्पादन को लेकर क्या किया जाना चाहिए, क्या नहीं इसके बारे में ही यहां के स्थानीय बागवानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा.

इटली के सेब की खासियत
प्रदेश में बागवान अब इटली के सेब के बगीचे तैयार कर रहे हैं. बागीचों में लगे पौधे दो साल में फसल देना शुरू कर देंगे. वहीं, बाजार में इस सेब के अच्छे दाम भी मिलते है. अन्य सेब के पौधों से इटली के पौधे ज्यादा फसल देते है. प्रदेश में करीब 15 प्रतिशत बागवानों ने इटली के पौधे लगाए हैं. पीजीए के महासचिव कुनाल चौहान ने कहा कि प्रदेश में कई बागवान इटली के सेब का बगीचा तैयार कर रहे हैं और अब इंडो इटैलियन चेम्बर ऑफ कॉमर्स के साथ एमओयू साइन करके बागवानों को काफी फायदा होगा. इटली के सेब के पौधे से कम समय मे फसल मिलती है और दाम भी अच्छे मिलते है.

Intro:हिमाचल के बागवानों को इटली की तर्ज पर अच्छे सेबों की पैदावार के लिए अब इटली के विशेषज्ञ मदद करेंगे। इसको लेकर हिमाचल की प्रोग्रेसिव ग्रोवर एसोसिएशन ओर इंडो इटैलियन चेम्बर ऑफ कॉमर्स के बीच एमओयू साइन हुआ है। इस एमओयू को पीजीए के अध्यक्ष लोकेंद्र बिष्ट ओर इंडो इटैलियन चेम्बर ऑफ कॉमर्स एन्ड इंड्रस्टी के सेकेट्री जनरल claudio maffioletti के बीच हस्ताक्षरित किया गया है।
इसके तहत बागवानों को वायरस मुक्त सेब के पौधे ओर दवाई स्प्रे ओर मशीनिरी मुहैया करवाएगा। ओर जो पौधे बागवानों को दिए जाएंगे वे इटली की सर्टिफाई नर्सरी से मुहैया करवाए जायेगे। इसके साथ ही बागवानों को मुफ्त में प्रक्षिक्षण देने के साथ ही नए बगीचों को किस तरफ से ऊपर उठाया जाए इसके बारे में जानकरी दी जाएगी।

नोट। शॉट्स बाईट वट्सएप्प से उठा ले


Body:इंडो इटैलियन चेम्बर ऑफ कॉमर्स के साथ एमओयू साइन करने का सबसे फायदा ये होगा कि शिमला के जुब्बल के कदरोट में इटैलियन ऑर्चर्ड बनाया जाएगा जहा पर बागवानों को सेब की अच्छी किस्मो के उगाने की तकनीक के बारे में प्रशक्षिण दिया जाएगा। बता दे कि इससे पहले भी इंडो इटैलियन चेम्बर ऑफ कॉमर्स ने शेरे कश्मीर विश्वविद्यालय के साथ एमओयू साइन किया है। जिसके तहत घाटी बागवानों को नए अविष्कारों के बारे में बता कर सेब उत्पादन को बढ़ाने में मदद की जा रही है। इसके साथ ही चेम्बर के विशेषज्ञ बागवानों को एंटी हेल नेट के बारे में प्रस्तुति दी गई।


Conclusion:शनिवार को इंडो इटैलियन चेम्बर ऑफ कॉमर्स के सदस्य और इटली के नर्सरी के विशेषज्ञ जुब्बल के कदरोट में इटली के सेब के पौधों से तैयार किए गए बगीचे में पहुचे जहा उन्होने बगीचे का जायजा लिया। इंडो इटैलियन चेम्बर ऑफ कॉमर्स के डिप्टी सेकेट्री जनरल अमर जोशी ने कहा कि हमे इसकी खुशी है कि पीजीए के साथ एमओयू साइन किया है । इस एमओयू का उद्देश्य यहां के बागवानों को प्रशिक्षण देना है जिसके तहत बागवानों को ट्री प्लांटेशन ,कल्टीवेशन ओर मेंटेनेंस तकनीक के बारे में जानकारी देना है। जिसके बाद हम भारत मे प्लांटिंग मैटीरियल इटली से उपलब्ध करवाएंगे।इसके अलावा बागवानों को सेब उत्पादन को लेकर क्या किया जाना चाहिए क्या नही इसके बारे में ही यहां के स्थानीय बागवानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।

इटली के सेब की खासियत

प्रदेश में बागवानों द्वारा अब इटली के सेब के बगीचे तैयार किए जा रहे है जिसका सबसे ज्यादा फायदा जहा ये दो साल में फसल देना शुरू कर देते है वही बाजार में सेब के अच्छे दाम भी मिलते है। अन्य सेब के पौधों से इटली के पौधे ज्यादा फसल देते है। प्रदेश में करीब 15 प्रतिशत बागवानों ने इटली के पौधे लगाए है। पीजीए के महासचिव कुनाल चौहान ने कहा कि प्रदेश में कई बागवान इटली के सेब का बगीचा तैयार कर रहे है और अब इंडो इटैलियन चेम्बर ऑफ कॉमर्स के साथ एमओयू साइन करने बागवानों को काफी फायदा होगा। इटली के सेब के पौधे से कम समय मे फसल मिलती है और दाम भी अच्छे मिलते है।
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