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पटवारी भर्ती परीक्षा में नहीं हुई अनियमितता, हाई कोर्ट के फैसले में हुआ सपष्ट

जल शक्ति मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर और शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बुधवार को कहा कि प्रदेश में पटवारी भर्ती परीक्षा में कोई भी अनियमितता नहीं हुई है. यह माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय से स्पष्ट हो गया है.

suresh bhardwaj on patwari bharti
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Published : Jun 3, 2020, 10:40 PM IST

शिमलाः प्रदेश हाई कोर्ट ने बुधवार को पटवारी भर्ती को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया. 2 जून 2020 को हाईकोर्ट ने सीबीआई की विस्तृत जांच रिपोर्ट का अवलोकन किया था और यह स्पष्ट पाया कि प्रदेश सरकार ने इस पटवारी भर्ती परीक्षा प्रक्रिया में कोई भी अनियमितता नहीं की है.

इसे लेकर जल शक्ति मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर और शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बुधवार को कहा कि प्रदेश में पटवारी भर्ती परीक्षा में कोई भी अनियमितता नहीं हुई है. यह माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय से स्पष्ट हो गया है.

विपक्ष द्वारा इस मामले को व्यर्थ में उछाला जा रहा है. इस मामले में विपक्ष के आरोप पूरी तरह से तथ्यहीन व निराधार है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने प्रदेश में 1,200 पटवारी भर्ती करने का फैसला लिया था, जिसके लिए प्रदेशभर से लगभग 3,00,000 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था.

17 नवंबर 2019 को हुई थी भर्ती के लिए लिखित परीक्षा

गौरतलब है कि 17 नवंबर 2019 को इस भर्ती की लिखित परीक्षा प्रदेश के विभिन्न उपायुक्तों के माध्यम से जिलों के विभिन्न केंद्रों में ली गई. इस भर्ती को कुछ व्यक्तियों ने हिमाचल प्रदेश माननीय उच्च न्यायालय में चुनौती दी व भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं का आरोप लगाया और अधिवक्ता के माध्यम से हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में चुनौती दी.

हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने 8 जनवरी 2020 को इस पटवारी भर्ती मामले की जांच सीबीआई को करने के लिए कहा. सीबीआई ने 29 मई 2020 को माननीय उच्च न्यायालय में बंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट सौंपी. वहीं, बुधवार को हाई कोर्ट ने पटवारी भर्ती को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया.

ये भी पढ़ें- मंडी में कोरोना के दो नए मामले, मेडिकल कॉलेज नेरचौक किए गए शिफ्ट

शिमलाः प्रदेश हाई कोर्ट ने बुधवार को पटवारी भर्ती को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया. 2 जून 2020 को हाईकोर्ट ने सीबीआई की विस्तृत जांच रिपोर्ट का अवलोकन किया था और यह स्पष्ट पाया कि प्रदेश सरकार ने इस पटवारी भर्ती परीक्षा प्रक्रिया में कोई भी अनियमितता नहीं की है.

इसे लेकर जल शक्ति मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर और शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बुधवार को कहा कि प्रदेश में पटवारी भर्ती परीक्षा में कोई भी अनियमितता नहीं हुई है. यह माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय से स्पष्ट हो गया है.

विपक्ष द्वारा इस मामले को व्यर्थ में उछाला जा रहा है. इस मामले में विपक्ष के आरोप पूरी तरह से तथ्यहीन व निराधार है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने प्रदेश में 1,200 पटवारी भर्ती करने का फैसला लिया था, जिसके लिए प्रदेशभर से लगभग 3,00,000 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था.

17 नवंबर 2019 को हुई थी भर्ती के लिए लिखित परीक्षा

गौरतलब है कि 17 नवंबर 2019 को इस भर्ती की लिखित परीक्षा प्रदेश के विभिन्न उपायुक्तों के माध्यम से जिलों के विभिन्न केंद्रों में ली गई. इस भर्ती को कुछ व्यक्तियों ने हिमाचल प्रदेश माननीय उच्च न्यायालय में चुनौती दी व भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं का आरोप लगाया और अधिवक्ता के माध्यम से हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में चुनौती दी.

हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने 8 जनवरी 2020 को इस पटवारी भर्ती मामले की जांच सीबीआई को करने के लिए कहा. सीबीआई ने 29 मई 2020 को माननीय उच्च न्यायालय में बंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट सौंपी. वहीं, बुधवार को हाई कोर्ट ने पटवारी भर्ती को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया.

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