शिमला: प्रदेश सरकार शिक्षा विभाग में जल्द ही आठ हजार के करीब मल्टी टास्क वर्करों की भर्ती करने वाली है. इनमें से चार हजार के करीब पद सीधी भर्ती से और चार हजार पद करुणामूलक कोटे से भरने की योजना बनाई जा रही है. जानकारी के अनुसार इस विषय पर आज कैबिनेट की बैठक में चर्चा हुई और उम्मीद लगाई जा रही है कि आने वाली कैबिनेट बैठकों में इसके लिए अनुमति दे दी जाएगी.
दरअसल प्रदेश में लंबे समय से करुणामूलक आधार पर नौकरी का इंतजार कर रहे नौजवानों को एडजस्ट करने को लेकर प्रदेश सरकार ने यह योजना तैयार की है. मल्टी टास्क वर्करों में पहले 4 हजार पद भरने की बात की जा रही थी लेकिन अब करुणामूलक आधार पर नौकरी का इंतजार कर रहे लोगों को भी इसमें एडजस्ट करने का प्लान है. जो नई नीति के तहत पात्र होंगे.
इसके लिए नई पॉलिसी के रूल 18 का इस्तेमाल किया जाएगा, जिसमें मुख्यमंत्री को सीधे तौर पर नौकरी देने का अधिकार है. अंशकालीन जलवाहक भर्ती नीति में यही प्रावधान रूल 12 में था. आखिरी चरण में आए. हालांकि शिक्षा विभाग ने उन स्कूलों की लिस्ट तैयार कर ली है, जिनमें ये नियुक्तियां होनी है. राज्य सरकार ने अंशकालीन जलवाहक कैडर को डाइंग कैडर घोषित कर मल्टी टास्क वर्कर नया पद बनाया था.
इसके लिए 8000 पद मुख्यमंत्री ने बजट में घोषित किए हैं, लेकिन अभी इन्हें भरा जाना है. इस भर्ती का लाखों लोग इंतजार कर रहे हैं. सरकारी स्कूलों में होने वाली इन नियुक्ति के लिए पात्रता पॉलिसी पहले से तय है. संबंधित स्कूल के गांव से ही यह नियुक्ति आर्थिक स्थिति के हिसाब से होगी. घर से स्कूल की दूरी को प्रमाणित करने का अधिकार भी पटवारी से लेकर पंचायत सचिव को दे दिया था. हालांकि अब जबकि भर्ती के लिए सारी प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई है, तो सरकार से विभाग को निर्देश मिले हैं कि इसमें से कितने पद करुणामूलक भर्ती के आवेदकों को जाने हैं, पहले यह तय होगा.
गौरतलब है कि करुणामूलक भर्ती कोटा राज्य के उन सरकारी कर्मचारियों के परिजनों के मिलता है, जिनका सेवाकाल के दौरान निधन हो जाता है. हर विभाग में इन मामलों के लिए पांच फीसदी का कोटा तय है. केवल एचआरटीसी में ही इस कोटा में छूट दी गई है, क्योंकि यहां डेथ रेट और रिस्क ज्यादा है. 4000 से ज्यादा ऐसे आवेदन सरकारी विभागों में अभी लंबित हैं और निराश आवेदक बार-बार धरना प्रदर्शन भी कर रहे हैं.
चूंकि मल्टी टास्क वर्कर भर्ती में पांच फीसदी की बंदिश नहीं है, इसलिए इसमें ज्यादा आवेदन निपटाए जा सकते हैं. जब तक यह चर्चा पूरी नहीं हो जाती, तब तक इस भर्ती की प्रक्रिया शुरू नहीं होती
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