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गुरु ग्रंथ साहिब भुंतर के स्वामित्व को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई, DC को दिए गए ये आदेश - गुरु ग्रंथ साहिब भुंतर

हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय (Himachal Pradesh High Court) ने दो दशक से अधिक पुरानी दीवानी अपील का निर्णय करते हुए कोर्ट ने संपत्ति के प्रबंधन पर अधिकार का दावा करने वाले पक्षकारों को दो सप्ताह की अवधि के भीतर सम्बंधित संपत्ति को उपायुक्त कुल्लू आशुतोष गर्ग (Deputy Commissioner Kullu Ashutosh Garg) को सौंपने के आदेश भी दिए.

Himachal Pradesh High Court
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय.
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Published : Sep 8, 2021, 9:35 PM IST

शिमला: गुरु ग्रंथ साहिब, भुंतर (कुल्लू) के स्वामित्व वाली संपत्ति की रक्षा और सुरक्षा की दृष्टि से हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय (Himachal Pradesh High Court) ने जिलाधीश कुल्लू को संपत्ति के केयर टेकर और रिसीवर के रूप में नियुक्त किया है. दो दशक से अधिक पुरानी दीवानी अपील का निर्णय करते हुए कोर्ट ने संपत्ति के प्रबंधन पर अधिकार का दावा करने वाले पक्षकारों को दो सप्ताह की अवधि के भीतर सम्बंधित संपत्ति को उपायुक्त कुल्लू आशुतोष गर्ग (Deputy Commissioner Kullu Ashutosh Garg) को सौंपने के आदेश भी दिए.

न्यायाधीश सुरेश्वर ठाकुर ने उपायुक्त को आदेश दिए कि वह सिख विद्वानों की सहायता से उस परिधि का उचित रखरखाव सुनिश्चित करें, जिसमें पवित्र ग्रंथ स्थापित है. अदालत ने उपायुक्त को यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि सिख समर्पित धर्म पालन से विधि पूर्वक नियमित रूप से अनुष्ठान जारी रहे. इसके अलावा वे इनके नियमित अर्जित राजस्व का लेखा-जोखा और दिए जाने वाले वेतन का पूरा हिसाब रखें.

इसके साथ ही अदालत ने उपायुक्त को यह सुनिश्चित करने का निर्देश भी दिया कि संपत्ति की आय से सिख सेवादारों/विद्वानों की सहायता से पवित्र तीर्थ का भविष्य में जीर्णोद्धार किया जाए. वर्ष 1997 से संबंधित अपील का निपटारा करते हुए हाईकोर्ट ने उपरोक्त आदेश पारित किए. जिसमें एक परिवार के सदस्यों और गुरु ग्रंथ समिति सदस्यों के बीच गुरुद्वारा ग्रंथ साहिब के प्रबंधन और उनके संबंधित अधिकारों से जुड़ा विवाद अदालत के समक्ष उठाया गया था.

शिमला: गुरु ग्रंथ साहिब, भुंतर (कुल्लू) के स्वामित्व वाली संपत्ति की रक्षा और सुरक्षा की दृष्टि से हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय (Himachal Pradesh High Court) ने जिलाधीश कुल्लू को संपत्ति के केयर टेकर और रिसीवर के रूप में नियुक्त किया है. दो दशक से अधिक पुरानी दीवानी अपील का निर्णय करते हुए कोर्ट ने संपत्ति के प्रबंधन पर अधिकार का दावा करने वाले पक्षकारों को दो सप्ताह की अवधि के भीतर सम्बंधित संपत्ति को उपायुक्त कुल्लू आशुतोष गर्ग (Deputy Commissioner Kullu Ashutosh Garg) को सौंपने के आदेश भी दिए.

न्यायाधीश सुरेश्वर ठाकुर ने उपायुक्त को आदेश दिए कि वह सिख विद्वानों की सहायता से उस परिधि का उचित रखरखाव सुनिश्चित करें, जिसमें पवित्र ग्रंथ स्थापित है. अदालत ने उपायुक्त को यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि सिख समर्पित धर्म पालन से विधि पूर्वक नियमित रूप से अनुष्ठान जारी रहे. इसके अलावा वे इनके नियमित अर्जित राजस्व का लेखा-जोखा और दिए जाने वाले वेतन का पूरा हिसाब रखें.

इसके साथ ही अदालत ने उपायुक्त को यह सुनिश्चित करने का निर्देश भी दिया कि संपत्ति की आय से सिख सेवादारों/विद्वानों की सहायता से पवित्र तीर्थ का भविष्य में जीर्णोद्धार किया जाए. वर्ष 1997 से संबंधित अपील का निपटारा करते हुए हाईकोर्ट ने उपरोक्त आदेश पारित किए. जिसमें एक परिवार के सदस्यों और गुरु ग्रंथ समिति सदस्यों के बीच गुरुद्वारा ग्रंथ साहिब के प्रबंधन और उनके संबंधित अधिकारों से जुड़ा विवाद अदालत के समक्ष उठाया गया था.

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