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प्रवासी भारतीय सम्मेलन में पीएम मोदी बोले- प्रवासियों की उपस्थिति उत्साह बढ़ाता है - PRAVASI BHARATIYA DIVAS

ओडिशा के भुवनेश्वर में आज प्रवासी भारतीय सम्मेलन में पीएम मोदी ने प्रवासी भारतीयों के योगदान की सराहना की.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (ANI VIDEO)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 12 hours ago

भुवनेश्वर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ओडिशा के भुवनेश्वर में 18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन को संबोधित किया. इस मौके पर विदेश मंत्री एस जयशंकर, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी समते कई बड़े नेता मौजूद रहे. इस अवसर पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने प्रवासियों के देश से जुड़ाव पर प्रकाश डाला.

प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर उत्सव के समय प्रवासियों की उपस्थिति के महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि त्योहारों के दौरान प्रवासियों की मौजूदगी खुशियों को बढ़ाती है और उनके जुड़ाव को गहरा करती है. पीएम मोदी ने कहा कि कुछ ही दिनों में प्रयागराज में महाकुंभ शुरू हो जाएगा. मकर संक्रांति, माघ बिहू का त्योहार भी आने वाला है. हर जगह खुशी का माहौल है.

उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को भी याद और कहा कि इसी समय में 1915 में उन्होंने लंबे समय के बाद विदेश से भारत लौटे थे. ऐसे शानदार समय में भारत में आपकी (प्रवासियों) उपस्थिति उत्सव की भावना को और बढ़ा रही है. प्रधानमंत्री ने कहा कि संकट काल में प्रवासी लोगों की मदद करना सरकार की जिम्मेदारी है.

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार प्रवासियों की सुविधा और आराम को बहुत महत्व देती है. उनकी सुरक्षा और कल्याण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. संकट की स्थिति में अपने प्रवासी भारतीयों की मदद करना सरकार की जिम्मेदारी है. यह आज भारत की विदेश नीति के मार्गदर्शक सिद्धांतों में से एक है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले एक दशक में हमारे दूतावास और कार्यालय दुनिया भर में संवेदनशील और सक्रिय रहे हैं. प्रधानमंत्री पहले की सुविधाओं का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि पहले कई देशों में लोगों को दूतावास की सुविधाओं का उपयोग करने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी. उन्हें मदद के लिए कई दिनों तक इंतजार करना पड़ता था. अब ये समस्याएं हल हो रही हैं. पिछले दो वर्षों में ही 14 दूतावास और वाणिज्य दूतावास खोले गए हैं.

प्रधानमंत्री मोदी ने प्रवासी भारतीयों के प्रति पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के योगदान का उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीय दिवस का विशेष महत्व है क्योंकि हम अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी के बाद एकत्र हुए हैं. इस कार्यक्रम के पीछे उनकी दूरदर्शिता महत्वपूर्ण थी.

यह भारत और उसके प्रवासी भारतीयों के बीच संबंधों को मजबूत करने वाली एक संस्था बन गई है. प्रवासी भारतीय यहां आकर अपनी जड़ों से जुड़ाव का जश्न मनाते हैं. ओडिशा अपनी कला, संस्कृति और परंपरा के माध्यम से भारत को कैसे दर्शाता है, इस पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने उदयगिरि, कोणार्क, ताम्रलिप्ति जैसे राज्य के कई महत्वपूर्ण स्थानों का उल्लेख किया. उन्होंने ओडिशा के तटों से लेकर बाली, सुमात्रा, जावा और भारतीय कारोबारियों के प्राचीन संबंधों पर प्रकाश डाला.

ये भी पढ़ें- प्रवासी भारतीय दिवस में विदेश मंत्री जयशंकर बोले- ओडिशा की संस्कृति और इतिहास अनूठा - PBD CONVENTION

भुवनेश्वर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ओडिशा के भुवनेश्वर में 18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन को संबोधित किया. इस मौके पर विदेश मंत्री एस जयशंकर, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी समते कई बड़े नेता मौजूद रहे. इस अवसर पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने प्रवासियों के देश से जुड़ाव पर प्रकाश डाला.

प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर उत्सव के समय प्रवासियों की उपस्थिति के महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि त्योहारों के दौरान प्रवासियों की मौजूदगी खुशियों को बढ़ाती है और उनके जुड़ाव को गहरा करती है. पीएम मोदी ने कहा कि कुछ ही दिनों में प्रयागराज में महाकुंभ शुरू हो जाएगा. मकर संक्रांति, माघ बिहू का त्योहार भी आने वाला है. हर जगह खुशी का माहौल है.

उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को भी याद और कहा कि इसी समय में 1915 में उन्होंने लंबे समय के बाद विदेश से भारत लौटे थे. ऐसे शानदार समय में भारत में आपकी (प्रवासियों) उपस्थिति उत्सव की भावना को और बढ़ा रही है. प्रधानमंत्री ने कहा कि संकट काल में प्रवासी लोगों की मदद करना सरकार की जिम्मेदारी है.

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार प्रवासियों की सुविधा और आराम को बहुत महत्व देती है. उनकी सुरक्षा और कल्याण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. संकट की स्थिति में अपने प्रवासी भारतीयों की मदद करना सरकार की जिम्मेदारी है. यह आज भारत की विदेश नीति के मार्गदर्शक सिद्धांतों में से एक है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले एक दशक में हमारे दूतावास और कार्यालय दुनिया भर में संवेदनशील और सक्रिय रहे हैं. प्रधानमंत्री पहले की सुविधाओं का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि पहले कई देशों में लोगों को दूतावास की सुविधाओं का उपयोग करने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी. उन्हें मदद के लिए कई दिनों तक इंतजार करना पड़ता था. अब ये समस्याएं हल हो रही हैं. पिछले दो वर्षों में ही 14 दूतावास और वाणिज्य दूतावास खोले गए हैं.

प्रधानमंत्री मोदी ने प्रवासी भारतीयों के प्रति पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के योगदान का उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीय दिवस का विशेष महत्व है क्योंकि हम अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी के बाद एकत्र हुए हैं. इस कार्यक्रम के पीछे उनकी दूरदर्शिता महत्वपूर्ण थी.

यह भारत और उसके प्रवासी भारतीयों के बीच संबंधों को मजबूत करने वाली एक संस्था बन गई है. प्रवासी भारतीय यहां आकर अपनी जड़ों से जुड़ाव का जश्न मनाते हैं. ओडिशा अपनी कला, संस्कृति और परंपरा के माध्यम से भारत को कैसे दर्शाता है, इस पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने उदयगिरि, कोणार्क, ताम्रलिप्ति जैसे राज्य के कई महत्वपूर्ण स्थानों का उल्लेख किया. उन्होंने ओडिशा के तटों से लेकर बाली, सुमात्रा, जावा और भारतीय कारोबारियों के प्राचीन संबंधों पर प्रकाश डाला.

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