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हर घर तिरंगा अभियान: अपने नजदीकी पोस्ट ऑफिस जाकर 25 रुपये में खरीदें राष्ट्रीय ध्वज - hp news hindi

आजादी के अमृत महोत्सव के तहत केन्द्र सरकार की ओर से देश के लोगों में देशभक्ति की भावना को बढ़ावा देने के लिए चलाए जा रहे हर घर तिरंगा अभियान के लिए अब डाक विभाग 25 रुपए में तिरंगा उपलब्ध करा रहा है. दरअसल, आजादी की 75वीं वर्षगांठ के तहत चल रहे हर घर तिरंगा अभियान (har ghar tiranga abhiyan) के लिए सरकार ने विभिन्न विभागों को तिरंगे उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी दी है. इसी के तहत पहली बार डाक विभाग भी क्षेत्रवासियों को तिरंगा उपलब्ध करा रहा है.

national flag available in Head Post Office Shimla
मुख्य डाकघर शिमला
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Published : Aug 8, 2022, 7:53 PM IST

शिमला: हर घर तिरंगा अभियान (har ghar tiranga abhiyan) के तहत तिरंगा उपलब्ध कराने के लिए डाक विभाग महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. इसके लिए डाक विभाग ने व्यवस्था कर ली है. हिमाचल प्रदेश के सभी डाकखानों में लोग तिरंगा खरीद सकेंगे. हिमाचल डाक विभाग ने 3 लाख तिरंगा बेचने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए 3000 डाक खानों में व्यवस्था की है और अभी तक 93000 तिरंगा डाकखानों में पहुंच चुका है. एक तिरंगा 25 रुपये में मिलेगा.

मुख्य डाकघर में ऐसी है व्यवस्था: राजधानी स्थित ऐतिहासिक मुख्य डाक घर में जहां तिरंगा बेचने के लिए विशेष काउंटर लगाया गया है. वहीं, पोस्ट ऑफिस के बाहर सेल्फी पॉइंट बनाया गया है. जहां पर पर्यटक व स्थानीय निवासी तिरंगे के साथ सेल्फी ले सकते हैं.अभियान (national flag available in Head Post Office Shimla) के तहत डाक विभाग की ओर से बहुत ही कम कीमत पर लोगों को राष्ट्रीय ध्वज उपलब्ध कराया जा रहा है. राष्ट्रीय ध्वज की कीमत मात्र 25 रुपए प्रति ध्वज रखी गई है. आम जन राष्ट्रीय ध्वज खरीदने के लिए अपने नजदीकी डाकघर से संपर्क कर सकता है. बता दें कि देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ को अमृत महोत्सव रूप में मना रहा है. 13 से 15 अगस्त तक हर घर तिरंगा अभियान की घोषणा पीएम ने की है. भारतीय तिरंगा ध्वज उपलब्ध कराने के लिए डाक विभाग को भी जिम्मेदारी सौंपी गई है.

har ghar tiranga abhiyan
हर घर तिरंगा अभियान

मुख्य डाकघर शिमला का इतिहास: मुख्य डाकघर की बिल्डिंग को कोनी लॉज के नाम (Post Office Shimla history) से जाना जाता था. 1880 में डाक विभाग ने अंग्रेज पीटरसन से बिल्डिंग को खरीदा था. 1883 में यहां पोस्ट आफिस खोला गया. एफ डालटन पोस्ट आफिस शिमला के पहले पोस्टमास्टर थे. आजाद भारत के पहले पोस्टमास्टर एके हजारी नियुक्त हुए थे. तीन मंजिला बिल्डिंग टिंबर की लकड़ी और पत्थर से बनाई गई थी.

1972 में आग लगने से जला पोस्ट आफिस: माल रोड स्थित मुख्य डाकघर का (Head Post Office Shimla) भवन 23 सितंबर 1972 को आग लगने से राख हो गया था. भवन की पहली मंजिल में आग लगी थी. आग लगने के चलते ब्रिटिशकाल से रखा सारा रिकार्ड नष्ट हो गया था. 1992 में बिल्डिंग को हेरिटेज पोस्ट आफिस का खिताब दिया गया. साल 2009 में पोस्ट आफिस को लाल और सफेद रंग से रंगा गया. इससे पहले बिल्डिंग हरे और सफेद रंग की होती थी.

विदेश से आई डाक की सूचना घंटी बजाकर दी जाती थी: ब्रिटिशकाल में (Post Office Shimla history) देश की ग्रीष्मकालीन राजधानी शिमला में विदेश से आने वाली डाक की सूचना घंटी बजाकर दी जाती थी. जैसे ही विलायती डाक पोस्ट ऑफिस शिमला में पहुंचती थी तो एक लाल रंग का झंडा डाकघर के ऊपर लहराया जाता था. डाक विभाग का कर्मी, जिसे घंटीवाला कहा जाता था, घंटी बजाकर दफ्तर से पीछे स्थित स्टाफ कालोनी में रहने वाले डाकिये को बुलाता था. आधी रात के वक्त भी अंग्रेज अफसरों को डाक पहुंचाई जाती थी. शहर के डाकखानों में डाक मेल रिक्शा से पहुंचाई जाती थी. मेल रिक्शा को चार कर्मी चलाते थे. इसका रंग लाल होता था. वर्ष 1905 तक कालका से शिमला तक टांगे पर डाक पहुंचाई जाती थी. माल रोड पर स्कैंडल प्वाइंट से सटी मुख्य डाकघर की बिल्डिंग हेरिटेज भवनों में शुमार है.

ये भी पढ़ें: Tiranga Yatra in Nurpur: एनडीआरएफ की 14वीं वाहिनी ने निकाली तिरंगा यात्रा, भारत माता की जय से गूंजा शहर

शिमला: हर घर तिरंगा अभियान (har ghar tiranga abhiyan) के तहत तिरंगा उपलब्ध कराने के लिए डाक विभाग महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. इसके लिए डाक विभाग ने व्यवस्था कर ली है. हिमाचल प्रदेश के सभी डाकखानों में लोग तिरंगा खरीद सकेंगे. हिमाचल डाक विभाग ने 3 लाख तिरंगा बेचने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए 3000 डाक खानों में व्यवस्था की है और अभी तक 93000 तिरंगा डाकखानों में पहुंच चुका है. एक तिरंगा 25 रुपये में मिलेगा.

मुख्य डाकघर में ऐसी है व्यवस्था: राजधानी स्थित ऐतिहासिक मुख्य डाक घर में जहां तिरंगा बेचने के लिए विशेष काउंटर लगाया गया है. वहीं, पोस्ट ऑफिस के बाहर सेल्फी पॉइंट बनाया गया है. जहां पर पर्यटक व स्थानीय निवासी तिरंगे के साथ सेल्फी ले सकते हैं.अभियान (national flag available in Head Post Office Shimla) के तहत डाक विभाग की ओर से बहुत ही कम कीमत पर लोगों को राष्ट्रीय ध्वज उपलब्ध कराया जा रहा है. राष्ट्रीय ध्वज की कीमत मात्र 25 रुपए प्रति ध्वज रखी गई है. आम जन राष्ट्रीय ध्वज खरीदने के लिए अपने नजदीकी डाकघर से संपर्क कर सकता है. बता दें कि देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ को अमृत महोत्सव रूप में मना रहा है. 13 से 15 अगस्त तक हर घर तिरंगा अभियान की घोषणा पीएम ने की है. भारतीय तिरंगा ध्वज उपलब्ध कराने के लिए डाक विभाग को भी जिम्मेदारी सौंपी गई है.

har ghar tiranga abhiyan
हर घर तिरंगा अभियान

मुख्य डाकघर शिमला का इतिहास: मुख्य डाकघर की बिल्डिंग को कोनी लॉज के नाम (Post Office Shimla history) से जाना जाता था. 1880 में डाक विभाग ने अंग्रेज पीटरसन से बिल्डिंग को खरीदा था. 1883 में यहां पोस्ट आफिस खोला गया. एफ डालटन पोस्ट आफिस शिमला के पहले पोस्टमास्टर थे. आजाद भारत के पहले पोस्टमास्टर एके हजारी नियुक्त हुए थे. तीन मंजिला बिल्डिंग टिंबर की लकड़ी और पत्थर से बनाई गई थी.

1972 में आग लगने से जला पोस्ट आफिस: माल रोड स्थित मुख्य डाकघर का (Head Post Office Shimla) भवन 23 सितंबर 1972 को आग लगने से राख हो गया था. भवन की पहली मंजिल में आग लगी थी. आग लगने के चलते ब्रिटिशकाल से रखा सारा रिकार्ड नष्ट हो गया था. 1992 में बिल्डिंग को हेरिटेज पोस्ट आफिस का खिताब दिया गया. साल 2009 में पोस्ट आफिस को लाल और सफेद रंग से रंगा गया. इससे पहले बिल्डिंग हरे और सफेद रंग की होती थी.

विदेश से आई डाक की सूचना घंटी बजाकर दी जाती थी: ब्रिटिशकाल में (Post Office Shimla history) देश की ग्रीष्मकालीन राजधानी शिमला में विदेश से आने वाली डाक की सूचना घंटी बजाकर दी जाती थी. जैसे ही विलायती डाक पोस्ट ऑफिस शिमला में पहुंचती थी तो एक लाल रंग का झंडा डाकघर के ऊपर लहराया जाता था. डाक विभाग का कर्मी, जिसे घंटीवाला कहा जाता था, घंटी बजाकर दफ्तर से पीछे स्थित स्टाफ कालोनी में रहने वाले डाकिये को बुलाता था. आधी रात के वक्त भी अंग्रेज अफसरों को डाक पहुंचाई जाती थी. शहर के डाकखानों में डाक मेल रिक्शा से पहुंचाई जाती थी. मेल रिक्शा को चार कर्मी चलाते थे. इसका रंग लाल होता था. वर्ष 1905 तक कालका से शिमला तक टांगे पर डाक पहुंचाई जाती थी. माल रोड पर स्कैंडल प्वाइंट से सटी मुख्य डाकघर की बिल्डिंग हेरिटेज भवनों में शुमार है.

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