शिमलाः शिक्षा विभाग की ओर से 15 अक्टूबर से नौंवी कक्षा से लेकर बाहरवीं कक्षा तक के छात्रों को स्कूल बुलाने को लेकर प्रस्ताव तैयार किया गया है, लेकिन शिक्षा मंत्री ने यह सपष्ट किया है कि स्कूल खोलने में अभी कोई जल्दबाजी नहीं है.
सोच समझकर ही इस बारे में फैसला सरकार की ओर से लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि 9 अक्टूबर को कैबिनेट की बैठक होनी है. इस बैठक में स्कूलों को खोलने को लेकर चर्चा की जाएगी, हालांकि सरकार परिस्थितियों को देखते हुए, इस बारे में फैसला लेगी.
शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने स्पष्ट किया कि इस समय हमारा एक ही उद्देश्य है कि किस तरह से बच्चों को इस संक्रमण से बचाया जा सके. उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले पर कोई जल्दबाजी नहीं है ओर इसके पीछे की वजह यह है कि कोरोना के संक्रमण से बच्चों को किस तरह से बचाया जाए, यह सबसे महत्वपूर्ण है.
उन्होंने कहा कि अगर हमें लगता है कि छोटे बच्चों में सामाजिक दूरी नहीं बन पाएगी और इससे समस्या उत्पन्न होगी तो हो सकता है कि स्कूलों को न खोला जाए. शिक्षा मंत्री ने कहा कि अभी इस पर चर्चा करने के बाद सभी परिस्थितियों पर विचार करने के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा.
सरकार को सही लगेगा तो क्रमवार तरीके से स्कूलों को खोला जा सकता है, हालांकि शिक्षा मंत्री ने मजाकिया लहजे में यह भी कहा कि यह कोई कुंभ का मेला नहीं है और हर 12 साल बाद आएगा. तो ऐसे में आवश्यक नहीं है कि कोरोना संक्रमण के दौर में स्कूल खोले जाएं और छात्रों को स्कूल बुलाया जाए.
बता दें कि अनलॉक-5 की गाइडलाइन आने के बाद शिक्षा विभाग की ओर से प्रदेश के स्कूलों में 100 फीसदी स्टाफ को बुलाने के साथ ही नौवीं कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा तक के छात्रों को बुलाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है. इस प्रस्ताव को अंतिम मंजूरी के लिए कैबिनेट में भेजा जा रहा है.