शिमला: भारत में ब्रिटेन की डिप्टी हाई कमिश्नर कैरोलिन रोवेट ने हिमाचल के प्राकृतिक खेती मॉडल (natural farming in himachal pradesh) की जानकारी ली. वे शुक्रवार को शिमला में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर (Himachal Governor Rajendra Vishwanath Arlekar) से मिलने आई थी. राज्यपाल ने उन्हें हिमाचल में किसानों के प्राकृतिक खेती के मॉडल को लेकर रुचि के बारे में बताया. हिमाचल में लाखों किसान प्राकृतिक खेती के मॉडल से जुड़े हैं. राज्यपाल ने बताया कि हिमाचल की 90 फीसदी जनता ग्रामीण इलाकों में रहती है और 9 लाख से अधिक किसान खेती बाड़ी से जुड़े हैं. हिमाचल फल राज्य भी है और यहां चार लाख बागवान परिवार हैं. राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ ने कैरोलिन को हिमाचल की सांस्कृतिक विरासत की भी जानकारी दी.
हालांकि यह शिष्टाचार भेंट थी, लेकिन दोनों के बीच भारत-ब्रिटेन संबंध और हिमाचल के विकास पर भी चर्चा हुई. राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में जैव विविधता का अपार भंडार (Biodiversity Reserve in Himachal Pradesh) है. उन्होंने कहा कि हिमाचल में अनेक ऐसे स्थल हैं, जिन्हें पर्यटन की दृष्टि से विकसित (Tourist Places In Himachal) करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि हिमाचल और ब्रिटेन दोनों ही विश्वविद्यालय स्तर पर शिक्षा के क्षेत्र में समन्वय से कार्य कर विचारों और ज्ञान का आदान-प्रदान कर सकते हैं.
हिमाचल की ग्रामीण संस्कृति (Rural Culture of Himachal) सही मायने में हमारा खजाना है, जिसे संरक्षित करने की आवश्यकता है. राज्यपाल ने उप उच्चायुक्त को हिमाचली टोपी व शॉल भेंट कर सम्मानित भी किया. ब्रिटिश डिप्टी हाई कमिश्नर ने हिमाचल के विकास पर खुशी जताई और कहा कि छोटा पहाड़ी प्रदेश होने के बावजूद यहां काफी तरक्की हुई है.
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