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किसानों-बागवानों के लिए वरदान साबित हुई बारिश-बर्फबारी, मुरझाई फसलें फिर लगी खिलने - HIMACHAL WEATHER

हिमाचल प्रदेश में लंबे समय बाद हुई बारिश-बर्फबारी के कारण कृषि और बागवानी कार्यों में तेजी आ गई है.

HIMACHAL RAIN AND SNOWFALL
बारिश-बर्फबारी से कृषि और बागवानी को लाभ (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Dec 31, 2024, 9:39 AM IST

Updated : Dec 31, 2024, 2:32 PM IST

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में लंबे समय के बाद हुई बारिश और बर्फबारी किसानों और बागवानों के लिए वरदान बनकर आई है. वहीं, अब मौसम साफ होने के बाद किसान और बागवान अपने कृषि और बागवानी कार्यों में जुट गए हैं. इससे पहले सूखा होने के चलते किसान न और बागवान न तो सेब समेत अन्य फलदार पौधों का रोपण कर पा रहे थे और न ही अन्य कृषि कार्यों का पूरा कर पा रहे थे. बारिश न होने के चलते लहसुन, प्याज, गेहूं की फसल भी खतरे में पड़ गई थी, लेकिन अब बारिश और बर्फबारी होने के चलते इन सभी फसलों को भी संजीवनी मिली है.

किसानों-बागवानों के बारिश-बर्फबारी वरदान (ETV Bharat)

पिछली बार भी समय पर नहीं हुई थी बारिश-बर्फबारी

ऐसे में प्रदेश में मौसम साफ होने के बाद किसानों और बागवानों ने अपने खेतों और बगीचों का रुख कर लिया है. बागवान भी अपने बगीचों में अब नए फलदार पौधों को रोप रहे हैं. वहीं, कुल्लू घाटी के लोगों का कहना है कि पिछले साल भी बारिश और बर्फबारी समय पर नहीं हुई थी. जिसके चलते उन्हें खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था, लेकिन अबकी बार दिसंबर माह में ही बर्फबारी हुई है. ऐसे में पहाड़ों में ग्लेशियर को भी इससे काफी फायदा होगा.

सैलानी कर रहे कुल्लू-मनाली का रुख

जिला कुल्लू के निवासी रवींद्र रत्न, डीएस राणा, सिद्धार्थ का कहना है, "मौसम के ड्राई होने के चलते लोगों में बीमारियों का भी प्रकोप फैल रहा था और खेतों में फसल भी मुरझाने लगी थी. ऐसे में कृषि कार्यों के लिए भी बारिश और बर्फबारी संजीवनी बनकर आई है." इसके अलावा जिला कुल्लू में अब सैलानियों की आमद भी बढ़ गई है, क्योंकि बर्फबारी देखने के लिए बाहरी राज्यों से यहां पर लगातार सैलानी आ रहे हैं. नए साल के जश्न के लिए भी सैलानी कुल्लू मनाली का रुख कर रहे हैं. जिससे यहां के पर्यटन कारोबार को भी काफी फायदा हो रहा है.

ये भी पढ़ें: नए साल के जश्न के लिए मनाली तैयार, 90 प्रतिशत होटल हुए एडवांस में बुक, सैलानियों को दिए जा रहे विशेष पैकेज

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में लंबे समय के बाद हुई बारिश और बर्फबारी किसानों और बागवानों के लिए वरदान बनकर आई है. वहीं, अब मौसम साफ होने के बाद किसान और बागवान अपने कृषि और बागवानी कार्यों में जुट गए हैं. इससे पहले सूखा होने के चलते किसान न और बागवान न तो सेब समेत अन्य फलदार पौधों का रोपण कर पा रहे थे और न ही अन्य कृषि कार्यों का पूरा कर पा रहे थे. बारिश न होने के चलते लहसुन, प्याज, गेहूं की फसल भी खतरे में पड़ गई थी, लेकिन अब बारिश और बर्फबारी होने के चलते इन सभी फसलों को भी संजीवनी मिली है.

किसानों-बागवानों के बारिश-बर्फबारी वरदान (ETV Bharat)

पिछली बार भी समय पर नहीं हुई थी बारिश-बर्फबारी

ऐसे में प्रदेश में मौसम साफ होने के बाद किसानों और बागवानों ने अपने खेतों और बगीचों का रुख कर लिया है. बागवान भी अपने बगीचों में अब नए फलदार पौधों को रोप रहे हैं. वहीं, कुल्लू घाटी के लोगों का कहना है कि पिछले साल भी बारिश और बर्फबारी समय पर नहीं हुई थी. जिसके चलते उन्हें खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था, लेकिन अबकी बार दिसंबर माह में ही बर्फबारी हुई है. ऐसे में पहाड़ों में ग्लेशियर को भी इससे काफी फायदा होगा.

सैलानी कर रहे कुल्लू-मनाली का रुख

जिला कुल्लू के निवासी रवींद्र रत्न, डीएस राणा, सिद्धार्थ का कहना है, "मौसम के ड्राई होने के चलते लोगों में बीमारियों का भी प्रकोप फैल रहा था और खेतों में फसल भी मुरझाने लगी थी. ऐसे में कृषि कार्यों के लिए भी बारिश और बर्फबारी संजीवनी बनकर आई है." इसके अलावा जिला कुल्लू में अब सैलानियों की आमद भी बढ़ गई है, क्योंकि बर्फबारी देखने के लिए बाहरी राज्यों से यहां पर लगातार सैलानी आ रहे हैं. नए साल के जश्न के लिए भी सैलानी कुल्लू मनाली का रुख कर रहे हैं. जिससे यहां के पर्यटन कारोबार को भी काफी फायदा हो रहा है.

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Last Updated : Dec 31, 2024, 2:32 PM IST
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