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सऊदी अरब में दफन पति की अस्थियां भारत वापस लाने के हाईकोर्ट ने दिए आदेश

दिल्ली हाईकोर्ट में सऊदी अरब निवासी एक महिला की अपने मृत पति की अस्थियों को भारत वापस लाने की मांग में दाखिल याचिका पर कोर्ट ने विदेश मंत्रालय को निर्देश देते हुए कहा है कि वह सऊदी अरब में दफन शव की अस्थियों को भारत वापस लाने की कार्रवाई में तेजी लाए. इस मामले की अगली सुनवाई 24 मार्च को होगी.

delhi high court order in man bones buried after death in saudi arabia case
सऊदी अरब में दफन पति की अस्थियां भारत वापस लाने के हाईकोर्ट ने दिए आदेश
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Published : Mar 18, 2021, 9:59 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट में सऊदी अरब निवासी एक महिला की अपने मृत पति की अस्थियों को भारत वापस लाने की मांग पर दाखिल याचिका में कोर्ट ने विदेश मंत्रालय को निर्देश दिया है कि वो सऊदी अरब में दफन शव की अस्थियों को भारत वापस लाने की कार्रवाई में तेजी लाए. जस्टिस प्रतिभा सिंह ने विदेश मंत्रालय को इस मामले की स्टेटस रिपोर्ट 24 मार्च तक पेश करने के आदेश दिए हैं. इस मामले की अगली सुनवाई 24 मार्च को होगी.

अंजु शर्मा नामक महिला ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा था कि उसके पति की मौत सऊदी अरब में डायबिटीज, हाईपरटेंशन और हार्ट अटैक होने के बाद उनके शव को वहां मुस्लिम समझकर दफना दिया गया.

वीडियो.

मृतक के नियोक्ता ने गलती से मृत को मुस्लिम बताया

सुनवाई के दौरान विदेश मंत्रालय के पासपोर्ट और वीजा डिवीजन के डायरेक्टर विष्णु कुमार शर्मा ने हाईकोर्ट को बताया कि महिला के पति संजीव कुमार के मृत्यु प्रमाण-पत्र में मुस्लिम होने की गलती उनके नियोजक सालेम अब्दुल्ला साद अल सकर की तरफ से की गई थी.

पढ़ेंः लोन लिमिट बिल पर हंगामा: सुरेश भारद्वाज बोले- वीरभद्र सिंह के समय लिया लोन वापिस कर रही जयराम सरकार

प्रोटोकॉल का नहीं हुआ पालन

शर्मा ने बताया कि सऊदी अरब में जब भी किसी भारतीय की मौत की खबर भारतीय दूतावास को दी जाती है तो बिना भारतीय दूतावास के अनापत्ति प्रमाण पत्र के उसका शव नहीं दफनाया जा सकता है, लेकिन संजीव कुमार के मामले में ऐसा नहीं किया गया.

गौरतलब है कि मृतक संजीव कुमार का अंतिम संस्कार 17 फरवरी को भारतीय दूतावास को बिना बताए गैर मुस्लिम कब्रिस्तान में किया गया था, जिसके बाद भारतीय दूतावास को इसकी जानकारी 18 फरवरी को मिली. मामले की जानकारी मिलने के बाद भारतीय दूतावास की तरफ से सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय को 21 और 24 फरवरी और 7 मार्च को इस संबंध में पत्र लिखा गया. शर्मा ने आगे बताया कि भारतीय विदेश मंत्रालय के अधिकारी संजीव कुमार के शव की अस्थियों को निकालने की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए सऊदी अरब के प्रशासन के साथ लगातार संपर्क बनाए हुए हैं.

नियोक्ता ने भेजी मुआवजे की रकम

शर्मा ने कहा कि संजीव कुमार के नियोक्ता ने मुआवजे की कुछ रकम जेद्दाह स्थित भारतीय दूतावास के खाते में ट्रांसफर कर दी है, जिसके बाद पैसा हिमाचल प्रदेश के ऊना डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर को भेज दिया गया है, जहां संजीव कुमार का परिवार रहता है.

पिता की अस्थियां जल्द आने की उम्मीद

इस मामले पर संजीव कुमार की बेटी नैनसी शर्मा ने बताया कि उनके पिता की मौत 24 जनवरी को हुई थी और हमने शव को भारत लाने के लिए सभी जरूरी प्रक्रियाएं पूरी की थीं. नैनसी ने कहा कि 18 फरवरी को उनके पिता के नियोक्ता ने बताया कि उनका शव दफना दिया गया है. उन्होंने कहा कि शव को दफनाए जाने के दो महीने बीत जाने के बाद वकील सुभाष चंद्रन की मदद से हमने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की. नैनसी ने उम्मीद जताई की हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद जल्द ही उनके पिता की अस्थियां भारत लाई जा सकेंगी.

ये भी पढ़ेंः 3 साल में महिलाओं से छेड़छाड़ के सबसे अधिक मामले मंडी में, लाहौल में रेप का एक भी केस नहीं

नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट में सऊदी अरब निवासी एक महिला की अपने मृत पति की अस्थियों को भारत वापस लाने की मांग पर दाखिल याचिका में कोर्ट ने विदेश मंत्रालय को निर्देश दिया है कि वो सऊदी अरब में दफन शव की अस्थियों को भारत वापस लाने की कार्रवाई में तेजी लाए. जस्टिस प्रतिभा सिंह ने विदेश मंत्रालय को इस मामले की स्टेटस रिपोर्ट 24 मार्च तक पेश करने के आदेश दिए हैं. इस मामले की अगली सुनवाई 24 मार्च को होगी.

अंजु शर्मा नामक महिला ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा था कि उसके पति की मौत सऊदी अरब में डायबिटीज, हाईपरटेंशन और हार्ट अटैक होने के बाद उनके शव को वहां मुस्लिम समझकर दफना दिया गया.

वीडियो.

मृतक के नियोक्ता ने गलती से मृत को मुस्लिम बताया

सुनवाई के दौरान विदेश मंत्रालय के पासपोर्ट और वीजा डिवीजन के डायरेक्टर विष्णु कुमार शर्मा ने हाईकोर्ट को बताया कि महिला के पति संजीव कुमार के मृत्यु प्रमाण-पत्र में मुस्लिम होने की गलती उनके नियोजक सालेम अब्दुल्ला साद अल सकर की तरफ से की गई थी.

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प्रोटोकॉल का नहीं हुआ पालन

शर्मा ने बताया कि सऊदी अरब में जब भी किसी भारतीय की मौत की खबर भारतीय दूतावास को दी जाती है तो बिना भारतीय दूतावास के अनापत्ति प्रमाण पत्र के उसका शव नहीं दफनाया जा सकता है, लेकिन संजीव कुमार के मामले में ऐसा नहीं किया गया.

गौरतलब है कि मृतक संजीव कुमार का अंतिम संस्कार 17 फरवरी को भारतीय दूतावास को बिना बताए गैर मुस्लिम कब्रिस्तान में किया गया था, जिसके बाद भारतीय दूतावास को इसकी जानकारी 18 फरवरी को मिली. मामले की जानकारी मिलने के बाद भारतीय दूतावास की तरफ से सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय को 21 और 24 फरवरी और 7 मार्च को इस संबंध में पत्र लिखा गया. शर्मा ने आगे बताया कि भारतीय विदेश मंत्रालय के अधिकारी संजीव कुमार के शव की अस्थियों को निकालने की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए सऊदी अरब के प्रशासन के साथ लगातार संपर्क बनाए हुए हैं.

नियोक्ता ने भेजी मुआवजे की रकम

शर्मा ने कहा कि संजीव कुमार के नियोक्ता ने मुआवजे की कुछ रकम जेद्दाह स्थित भारतीय दूतावास के खाते में ट्रांसफर कर दी है, जिसके बाद पैसा हिमाचल प्रदेश के ऊना डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर को भेज दिया गया है, जहां संजीव कुमार का परिवार रहता है.

पिता की अस्थियां जल्द आने की उम्मीद

इस मामले पर संजीव कुमार की बेटी नैनसी शर्मा ने बताया कि उनके पिता की मौत 24 जनवरी को हुई थी और हमने शव को भारत लाने के लिए सभी जरूरी प्रक्रियाएं पूरी की थीं. नैनसी ने कहा कि 18 फरवरी को उनके पिता के नियोक्ता ने बताया कि उनका शव दफना दिया गया है. उन्होंने कहा कि शव को दफनाए जाने के दो महीने बीत जाने के बाद वकील सुभाष चंद्रन की मदद से हमने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की. नैनसी ने उम्मीद जताई की हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद जल्द ही उनके पिता की अस्थियां भारत लाई जा सकेंगी.

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