शिमला: बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत (Bollywood actress Kangana Ranaut) के आजादी को लेकर दिए बयान पर विवाद दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है. कांग्रेस सहित अन्य दल इस बयान का विरोध कर रहे हैं और कंगना रनौत से माफी मांगने की मांग कर रहे हैं. रविवार को शिमला में युवा कांग्रेस और सेवा दल यंग ब्रिगेड ने उपायुक्त कार्यालय (Deputy Commissioner Office ) के बाहर कंगना रनौत का पुतला फूंका और पद्मश्री वापस लेने की मांग की.
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि कंगना को योग्यता के आधार पर नहीं बल्कि चमचागिरी करने पर ये अवार्ड मिला है. युवा कांग्रेस का कहना है उन्हें खुद आगे आ कर पद्मश्री वापस करना चाहिए. सेवा दल यंग ब्रिगेड के अध्यक्ष वीरेंद्र बांष्टु ने कहा कि हिमाचल की बेटी को पद्मश्री मिलने से लोग खुश थे, लेकिन जिस तरह से अवार्ड मिलने के बाद उन्होंने बयान दिया कि देश को आजादी 2014 में मिली है, इस तरह का बयान शहीदों का अपमान है.
उन्होंने इस तरह के बयान देकर उन शहीदों का अपमान किया है, जिन्होंने देश को आजाद करवाया है. ऐसे में कंगना को माफी मांगनी चाहिए और उनसे पद्मश्री अवार्ड वापस लिया जाना चाहिए.
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दरअसल एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में कंगना रनौत ने ये बयान दिया था जिसके बाद सोशल मीडिया पर वायरल हुई 24 सेकेंड की एक क्लिप में रनौत को कहते सुना जा सकता है कि, '1947 में आजादी नहीं, बल्कि भीख मिली थी और जो आजादी मिली है वह 2014 में मिली है.' इस बयान के बाद कंगना को लेकर सोशल मीडिया पर मीम की बाढ़ आ गई थी, कई लोग उन्हें पद्मश्री देने पर भी सवाल उठा रहे हैं. कांग्रेस से लेकर शिवसेना समेत कई दलों के नेता भी बीजेपी सरकार पर हमलावर हैं.
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