शिमलाः मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं को फोर लेन करने पर काम में तेजी लाई जाए ताकि इन्हें निर्धारित समयावधि में पूरा किया जा सके और यात्रियों को इनकी सुविधा मिले. मुख्यमंत्री मंगलवार को यहां उच्च प्राथमिकता वाली बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण के संबंध में समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे.
सीएम जयराम ने कहा कि भूमि अधिग्रहण की सर्किल दरों को युक्तिसंगत बनाने पर विचार किया जा रहा है और राज्य मंत्रिमंडल से सहमति के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग-105 के पिंजौर-बद्दी-नालागढ़ खंड के संबंध में भूमि अधिग्रहण की सर्किल दरों में संशोधन को अधिसूचित किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को शेष 4.43 हेक्टेयर निजी भूमि और शेष संरचनाओं का अधिग्रहण करना होगा ताकि इस सड़क पर फोर लेन का कार्य शुरू किया जा सके.
यह सड़क उद्यमियों को बेहतरीन अधोसंरचना सुविधाएं उपलब्ध कराएगी और क्षेत्र में औद्योगीकरण को व्यापक स्तर पर बढ़ावा मिलेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि परवाणू-शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग के कैथलीघाट से ढली तक कार्य में तेजी लाई जानी चाहिए.
उन्होंने कहा कि सभी ढांचों को ध्वस्त कर, मुआवजे का वितरण कर और पेड़ों को काटकर इस सड़क के लिए भूमि उपलब्ध करवाई जाएगी ताकि इस कार्य में किसी प्रकार की बाधा ना आए. जयराम ठाकुर ने कहा कि राष्ट्रीय उच्च मार्ग-05 के परवाणू-सोलन हिस्से पर कार्य मै. जी.आर इंफ्रा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को दिया गया है और अब तक लगभग 85 प्रतिशत भौतिक प्रगति हो चुकी है.
एनएच-05 के सोलन-कैथलीघाट खंड का निष्पादन मै. ऐरफ इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड और मै. प्रकाश एस्फलेंटिग्स एंड टोल हाइवे (आई) लिमिटेड ने किया जा रहा है और लगभग 12.50 प्रतिशत भौतिक प्रगति हासिल की गई है. उन्होंने कीरतपुर-नेर चैक खंड के फोर लेन निर्माण में देरी पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आज तक इस परियोजना में केवल लगभग 62 प्रतिशत भौतिक प्रगति हुई है.
इसी तरह नेर चैक-पंडोह परियोजना में भी केवल 4.92 प्रतिशत प्रगति हुई है और इस कार्य में शीघ्रता लाने की आवश्यकता है. उन्होंने इस सड़क की खराब हालत पर भी चिंता जताई और यात्रियों की सुविधा के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को इस परियोजना का रखरखाव शुरू करने का निर्देश दिया. वहीं, वन स्वीकृतियों और डंपिंग साइटों की पहचान जैसी सभी अड़चनों को प्राथमिकता के आधार पर लिया जाएगा ताकि इन सभी परियोजनाओं को निर्धारित समयावधि में पूरा किया जा सके.
उन्होंने राज्य बिजली बोर्ड के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अपने विद्युत ढांचों और बिजली लाइनों को उपयुक्त स्थानों पर बदले ताकि सड़कों के सुचारू निर्माण में बाधा उत्पन्न न हो.
लोक निर्माण विभाग के प्रधान सचिव जेसी शर्मा ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया. बैठक में मुख्य सचिव अनिल त्रखाची, अतिरिक्त मुख्य सचिव राम सुभाग सिंह व मनोज कुमार, प्रधान सचिव ओंकार शर्मा व संजय कुंडू, सचिव डा. आरएन बत्ता, लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर-इन-चीफ (परियोजना) ललित भूषण, उपायुक्त सोलन केसी चमन, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के प्रतिनिधि व अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे.
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