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म्यूचुअल फंड में निवेश करने का है प्लान, पहले जान लें कितनी तरह की होती है SIP? इंवेस्टमेंट के वक्त आएगा काम - TYPES OF SIP

मुख्य रूप से एसआईपी 5 तरह की होती है. इसमें रेगूलर एसआईपी, फ्लेक्सिबल एसआईपी, टॉप-अप एसआईपी, ट्रिगर एसआईपी और प्रीपेचु्ल एसआईपी शामिल है.

कितनी तरह की होती है SIP?
कितनी तरह की होती है SIP? (सांकेतिक तस्वीर)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 12, 2024, 7:53 PM IST

नई दिल्ली: सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान (SIP) शेयर बाजार में निवेश करने के सबसे आसान और सबसे प्रभावी तरीकों में से एक है. SIP एक ऐसा विकल्प है जिसके जरिए कोई भी शख्स नियमित रूप से म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकता है और अपने वित्तीय लक्ष्य हासिल करने कर सकता है.

SIP कई तरह की होती है. आप अपनी सहूलियत के एसआईपी चुन सकते हैं और पैसे निवेश कर सकते हैं. एसआईपी निवेश का एक ऐसा विकल्प है, जिसमें आप एकमुश्त राशि के बजाय आप छोटी-छोटी राशि इंवेस्ट कर सकते हैं.

सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान क्या है?
सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान निवेश का एक तरीका है, जिसमें आपको नियमित मासिक कॉन्ट्रिब्यूशन करना होता है. इन कॉन्ट्रिब्यूशन का इस्तेमाल म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए किया जाता है. जब आप SIP के जरिए नियमित मासिक निवेश करते हैं, तो आप न केवल रुपये की लागत औसत का लाभ उठाते हैं, बल्कि आपको चक्रवृद्धि ब्याज भी मिलती है.

यह बाजार की अस्थिरता की वजह से पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों को दूर करने में भी मदद करता है और आपको लॉन्ग टर्म में अच्छा रिटर्न कमाने में मदद करता है. इस निवेश योजना का फायदा यह है कि यह बेहद फ्लेक्सिबल होती है. जब आप SIP शुरू करते हैं, तो आपको वह मासिक राशि चुनने का मौका मिलता है जिसे आप निवेश करना चाहते हैं. इसे सरल शब्दों में कहें तो आप अपनी जरूरतों के हिसाब से SIP को कस्टमाइज कर सकते हैं.

कितनी तरह की होती है SIP?
मुख्य रूप से एसआईपी 5 तरह की होती है. इसमें रेगूलर एसआईपी, फ्लेक्सिबल एसआईपी, टॉप-अप एसआईपी, ट्रिगर एसआईपी और प्रीपेचु्ल एसआईपी शामिल है.

रेगूलर एसआईपी
जैसा कि नाम से ही पता चलता है, रेगूलर एसआईपी एक सिस्टैमेटिक इंवेस्टमेंट योजना का सबसे सरल रूप है. इस योजना के तहत आपको रेगूलर इंटरवेल पर कॉन्ट्रिब्यूशन करना होता है, जो मंथली, बाई-मंथली, क्वार्टरली या अर्ध-वार्षिक हो सकता है. इसके बाद आपके द्वारा किए गए कॉन्ट्रिब्यूशन को फिर आपके पसंद के म्यूचुअल फंड में इंवेस्ट किया जाता है. गौरतलब है कि एक बार जब आप कॉन्ट्रिब्यूशन राशि चुन लेते हैं, तो आप इसे बाद में बदल नहीं सकते.

फ्लेक्सिबल एसआईपी
फ्लेक्सिबल एसआईपी नियमित एसआईपी की ही तरह होता है. हालांकि, दोनों के बीच एकमात्र अंतर निवेश राशि का है. एक फ्लेक्सी प्लान में, आप निवेश की राशि को किसी भी समय एडजस्ट या बदल सकते हैं. आपको निवेश राशि बदलने की अनुमति देकर, फ्लेक्सी एसआईपी आपको एक नियमित योजना की तुलना में अपने निवेश पर अधिक नियंत्रण प्रदान करती है.

टॉप-अप एसआईपी
इसे स्टेप-अप एसआईपी के नाम से भी जाना जाता है. इस तरह की सिस्टैमेटिक निवेश योजना आपको कुछ पूर्व निर्धारित कॉन्ट्रिब्यूशन पर अपना योगदान बढ़ाने की अनुमति देती है. उदाहरण के लिए अगर आप टॉप-अप एसआईपी के जरिए 5,000 रुपये से निवेश करते हैं तो बाद में अपने फंड हाउस को निर्देश दे सकते हैं कि अवधि के अंत तक हर छह महीने में योगदान की राशि में 1,000 रुपये की वृद्धि की जाए.

ट्रिगर एसआईपी
ट्रिगर सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान केवल तभी म्यूचुअल फंड में ऑनलाइन निवेश करता है जब कोई निर्दिष्ट घटना घटित होती है. यह निर्दिष्ट घटना अनुकूल मार्केट मूवमेंट, एक इंडेक्स लेवल या एक एनएवी लेवल कुछ भी हो सकती है. उदाहरण के लिए आप केवल तभी निवेश शुरू करने के लिए एक ट्रिगर एसआईपी सेट कर सकते हैं जब म्यूचुअल फंड का एनएवी स्तर एक विशेष स्तर से नीचे चला जाता है.

परपेचुअल एसआईपी
जैसा कि नाम से ही पता चलता है परपेचुअल एसआईपी की कोई निश्चित अवधि नहीं होती. जब तक व्यक्ति नियमित अंतराल पर निवेश करता रहता है, तब तक निवेश योजना जारी रहती है. यह तभी बंद होती है जब निवेशक फंड हाउस को स्टॉप इंस्ट्रक्शन देता है. इसके अलावा, परपेचुअल एसआईपी और रेगुलर प्लान में ज़्यादा अंतर नहीं है.

यह भी पढ़ें- क्या Demat Account के बिना म्यूचुअल फंड में SIP कर सकते हैं?

नई दिल्ली: सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान (SIP) शेयर बाजार में निवेश करने के सबसे आसान और सबसे प्रभावी तरीकों में से एक है. SIP एक ऐसा विकल्प है जिसके जरिए कोई भी शख्स नियमित रूप से म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकता है और अपने वित्तीय लक्ष्य हासिल करने कर सकता है.

SIP कई तरह की होती है. आप अपनी सहूलियत के एसआईपी चुन सकते हैं और पैसे निवेश कर सकते हैं. एसआईपी निवेश का एक ऐसा विकल्प है, जिसमें आप एकमुश्त राशि के बजाय आप छोटी-छोटी राशि इंवेस्ट कर सकते हैं.

सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान क्या है?
सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान निवेश का एक तरीका है, जिसमें आपको नियमित मासिक कॉन्ट्रिब्यूशन करना होता है. इन कॉन्ट्रिब्यूशन का इस्तेमाल म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए किया जाता है. जब आप SIP के जरिए नियमित मासिक निवेश करते हैं, तो आप न केवल रुपये की लागत औसत का लाभ उठाते हैं, बल्कि आपको चक्रवृद्धि ब्याज भी मिलती है.

यह बाजार की अस्थिरता की वजह से पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों को दूर करने में भी मदद करता है और आपको लॉन्ग टर्म में अच्छा रिटर्न कमाने में मदद करता है. इस निवेश योजना का फायदा यह है कि यह बेहद फ्लेक्सिबल होती है. जब आप SIP शुरू करते हैं, तो आपको वह मासिक राशि चुनने का मौका मिलता है जिसे आप निवेश करना चाहते हैं. इसे सरल शब्दों में कहें तो आप अपनी जरूरतों के हिसाब से SIP को कस्टमाइज कर सकते हैं.

कितनी तरह की होती है SIP?
मुख्य रूप से एसआईपी 5 तरह की होती है. इसमें रेगूलर एसआईपी, फ्लेक्सिबल एसआईपी, टॉप-अप एसआईपी, ट्रिगर एसआईपी और प्रीपेचु्ल एसआईपी शामिल है.

रेगूलर एसआईपी
जैसा कि नाम से ही पता चलता है, रेगूलर एसआईपी एक सिस्टैमेटिक इंवेस्टमेंट योजना का सबसे सरल रूप है. इस योजना के तहत आपको रेगूलर इंटरवेल पर कॉन्ट्रिब्यूशन करना होता है, जो मंथली, बाई-मंथली, क्वार्टरली या अर्ध-वार्षिक हो सकता है. इसके बाद आपके द्वारा किए गए कॉन्ट्रिब्यूशन को फिर आपके पसंद के म्यूचुअल फंड में इंवेस्ट किया जाता है. गौरतलब है कि एक बार जब आप कॉन्ट्रिब्यूशन राशि चुन लेते हैं, तो आप इसे बाद में बदल नहीं सकते.

फ्लेक्सिबल एसआईपी
फ्लेक्सिबल एसआईपी नियमित एसआईपी की ही तरह होता है. हालांकि, दोनों के बीच एकमात्र अंतर निवेश राशि का है. एक फ्लेक्सी प्लान में, आप निवेश की राशि को किसी भी समय एडजस्ट या बदल सकते हैं. आपको निवेश राशि बदलने की अनुमति देकर, फ्लेक्सी एसआईपी आपको एक नियमित योजना की तुलना में अपने निवेश पर अधिक नियंत्रण प्रदान करती है.

टॉप-अप एसआईपी
इसे स्टेप-अप एसआईपी के नाम से भी जाना जाता है. इस तरह की सिस्टैमेटिक निवेश योजना आपको कुछ पूर्व निर्धारित कॉन्ट्रिब्यूशन पर अपना योगदान बढ़ाने की अनुमति देती है. उदाहरण के लिए अगर आप टॉप-अप एसआईपी के जरिए 5,000 रुपये से निवेश करते हैं तो बाद में अपने फंड हाउस को निर्देश दे सकते हैं कि अवधि के अंत तक हर छह महीने में योगदान की राशि में 1,000 रुपये की वृद्धि की जाए.

ट्रिगर एसआईपी
ट्रिगर सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान केवल तभी म्यूचुअल फंड में ऑनलाइन निवेश करता है जब कोई निर्दिष्ट घटना घटित होती है. यह निर्दिष्ट घटना अनुकूल मार्केट मूवमेंट, एक इंडेक्स लेवल या एक एनएवी लेवल कुछ भी हो सकती है. उदाहरण के लिए आप केवल तभी निवेश शुरू करने के लिए एक ट्रिगर एसआईपी सेट कर सकते हैं जब म्यूचुअल फंड का एनएवी स्तर एक विशेष स्तर से नीचे चला जाता है.

परपेचुअल एसआईपी
जैसा कि नाम से ही पता चलता है परपेचुअल एसआईपी की कोई निश्चित अवधि नहीं होती. जब तक व्यक्ति नियमित अंतराल पर निवेश करता रहता है, तब तक निवेश योजना जारी रहती है. यह तभी बंद होती है जब निवेशक फंड हाउस को स्टॉप इंस्ट्रक्शन देता है. इसके अलावा, परपेचुअल एसआईपी और रेगुलर प्लान में ज़्यादा अंतर नहीं है.

यह भी पढ़ें- क्या Demat Account के बिना म्यूचुअल फंड में SIP कर सकते हैं?

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