शिमला: विधानसभा अध्यक्ष के इस्तीफे की मांग को लेकर विपक्ष द्वारा किए वॉकआउट और नोटिस पर बोलते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस के पास कोई सर्वमान्य नेता नहीं बचा है. विपक्ष पूरी तरह बिखरा हुआ है.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि सदन में नेता प्रतिपक्ष हर वक्त खुद ही बोलते हैं. कांग्रेस के दूसरे नेताओं को भी बोलने नहीं देते. हालांकि नेता विपक्ष के पद पर होने के कारण उनको अपने दल के दूसरे नेताओं को बोलने का मौका भी देना चाहिए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि नेता विपक्ष और नेता सदन को तभी बोलना चाहिए जब किसी विषय पर स्थिति स्पष्ट न हुई हो या फिर बात में अधिक जानकारी देनी हो, लेकिन यहां तो नेता विपक्ष चाहते हैं कि हर विषय को खुद ही शुरू करें और खुद ही खत्म.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस की स्थिति दयनीय है. मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष सांविधानिक पद है. उनकी ओर से किए गए व्यवहार पर सत्ता पक्ष को आपत्ति है. अध्यक्ष को हटाने के लिए 14 दिन पहले नोटिस दिया जाता है. यह नोटिस सत्र के अंतिम दिन दिया है. वैसे भी इसके लिए एक तिहाई बहुमत की आवश्यक रहती है, जो विपक्ष के पास नहीं है. ऐसे में नोटिस खुद व खुद खारिज माना जाता है.
इससे पहले संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि राज्यपाल सत्र को आहूत करते हैं. 1975 में भी आपातकाल लगाया है. इनकी नीयत ठीक नहीं है. उन्होंने प्रस्ताव को ध्वनिमत से अस्वीकार करने की बात कही. मुख्यमंत्री ने कहा कि संख्या के हिसाब के ये विचार करने के योग्य नहीं है. आज इस सदन का अंतिम दिन है. जैसा प्रावधान है, उसके अनुसार इसमें 14 दिन चाहिए. न चर्चा, न ही इस पर बात कही है. ये खुद ब खुद तकनीकी तौर पर खत्म हो जाता है.
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