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SHIMLA SMART CITY PROJECT: तीसरी 'आंख' रखेगी नजर, चप्पा-चप्पा रहेगा CCTV कैमरे की जद में - शिमला में लगेंगे सीसीटीवी कैमरे

पहाड़ों की रानी शिमला में अब तीसरी आंख से बचना मुश्किल होगा.चप्पे-चप्पे पर यानि 88 जगहों पर 209 सीसीटीवी कैमरे (cctv cameras in shimla)हर आने-जाने वाले की गतिविधियों पर नजर रखेंगे.स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट (Shimla Smart City Project)के तहत बजट जारी हो चुका और जून में काम पूरा हो जाएगा.

SHIMLA SMART CITY PROJECT
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Published : May 26, 2022, 11:03 AM IST

शिमला: पहाड़ों की रानी शिमला में अब तीसरी आंख से बचना मुश्किल होगा. सुरक्षा का चक्रव्यू अभेद होगा,क्योंकि सुरक्षा कवच को मजबूती देने के लिए चप्पे-चप्पे पर यानि 88 जगहों पर 209 सीसीटीवी कैमरे (cctv cameras in shimla)हर आने-जाने वाले की गतिविधियों पर नजर रखेंगे.

2.64 करोड़ खर्च होंगे: जानकारी के मुताबिक सीसीटीवी कैमरों को लगाने के लिए 2.64 करोड़ का खर्चा आएगा. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट (Shimla Smart City Project)के तहत बजट जारी हो चुका है. जून महीने तक सारा काम पूरा हो जाएगा. इन कैमरों को एंट्री प्वाइंट ,चौराहों और ऐसे स्थानों पर लगाया जाएगा, जहां पर ओवर स्पीड में गाड़ियां चलाने की शिकायत पुलिस को बार-बार मिलती है. सीसीटीवी कैमरे की जद में चाहे टुटू का इलाका हो या फिर संजौली बाईपास सब जगहों को शामिल किया गया है.

वाहनों की लोकेशन चलेगी पता: यह कैमरे साधारण सीसीटीवी कैमरे से पूरी तरह अलग होंगे, क्योंकि नाइट विजन इन कैमरों में हर गतिविधियों की मूवमेंट कैद हो जाती है. इन कैमरों की खासियत वाहनों के डाटा बेस को कैद करने की भी है. इन कैमरे की जद में आने वाले वाहन की लोकेशन का पता आसानी से चल सकेगा.बता दे कि पुलिस पहले ही शहर के मुख्य चौराहों पर एएनपीआर ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर कैमरे लगा चुकी है.

गुनाहगारों को पकड़ने में मिलेगी मदद: पुलिस अधिकारियों के मुताबिक शहर में जो पहले केमरे लगाए गए और अब जो कैमरों को लगाया जाएगा. इससे वारदात को अंजाम देने वाले गुनाहगारों तक आसानी से पहुंचने में मदद मिलेगी,क्योंकि उसकी हर हरकत कहीं न कहीं कैमरे में कैद होगी. वहीं,ट्रैफिक को नियंत्रण करने में भी मदद मिलेगी. सैटेलाइट की मदद से कैमरों को एसपी ऑफिस में कंट्रोल रूम से लिंक कर डाटा बेस को एकत्रित करने में आसानी रहेगी.

पुलिस नहीं कर पाई खुलासा: शिमला पुलिस चोरियों सहित कई मामलों का खुलासा अभी तक करने में नाकामयाब रही है. हाल ही में कुछ जगहों पर चोरियों की वारदातों को बदमाशों ने आसानी से अंजाम दिया और फरार हो गए. उन जगह के बाहर कैमरे नहीं होने पर पुलिस को कोई सुराग हाथ नहीं लगा और पुलिस के हाथ अभी तक खाली है. वहीं,पुलिस अधिकारियों ने लोगों से आग्रह किया है कि घरों और दुकान के बाहर सीसीटीवी कैमरे लगाए,ताकि कोई वारदात होने के बाद आरोपियों तक जल्द पहुंचा जा सके.

शिमला में कैमरों की स्थिति: शिमला शहर में सरकारी भवनों में 959 कैमरे लगे हुए ,जबकि निजी भवनों के घरों के बाहर 575 कैमरे स्थापित है. इनमें पुलिस ने 418 कैमरे लगाए ,जिनमें से 404 वर्किंग कंडीशन में और 14 कैमरे खराब हो गए. डीएसपी हेडक्वार्टर कमल वर्मा ने बताया कि शिमला शहर में 209 सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम जल्द शुरू होगा सीसीटीवी कैमरे लगने के बाद यातायात सहित चोरी की घटनाओं के मामले सुलझाने में काफी मदद मिलेगी.

शिमला: पहाड़ों की रानी शिमला में अब तीसरी आंख से बचना मुश्किल होगा. सुरक्षा का चक्रव्यू अभेद होगा,क्योंकि सुरक्षा कवच को मजबूती देने के लिए चप्पे-चप्पे पर यानि 88 जगहों पर 209 सीसीटीवी कैमरे (cctv cameras in shimla)हर आने-जाने वाले की गतिविधियों पर नजर रखेंगे.

2.64 करोड़ खर्च होंगे: जानकारी के मुताबिक सीसीटीवी कैमरों को लगाने के लिए 2.64 करोड़ का खर्चा आएगा. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट (Shimla Smart City Project)के तहत बजट जारी हो चुका है. जून महीने तक सारा काम पूरा हो जाएगा. इन कैमरों को एंट्री प्वाइंट ,चौराहों और ऐसे स्थानों पर लगाया जाएगा, जहां पर ओवर स्पीड में गाड़ियां चलाने की शिकायत पुलिस को बार-बार मिलती है. सीसीटीवी कैमरे की जद में चाहे टुटू का इलाका हो या फिर संजौली बाईपास सब जगहों को शामिल किया गया है.

वाहनों की लोकेशन चलेगी पता: यह कैमरे साधारण सीसीटीवी कैमरे से पूरी तरह अलग होंगे, क्योंकि नाइट विजन इन कैमरों में हर गतिविधियों की मूवमेंट कैद हो जाती है. इन कैमरों की खासियत वाहनों के डाटा बेस को कैद करने की भी है. इन कैमरे की जद में आने वाले वाहन की लोकेशन का पता आसानी से चल सकेगा.बता दे कि पुलिस पहले ही शहर के मुख्य चौराहों पर एएनपीआर ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर कैमरे लगा चुकी है.

गुनाहगारों को पकड़ने में मिलेगी मदद: पुलिस अधिकारियों के मुताबिक शहर में जो पहले केमरे लगाए गए और अब जो कैमरों को लगाया जाएगा. इससे वारदात को अंजाम देने वाले गुनाहगारों तक आसानी से पहुंचने में मदद मिलेगी,क्योंकि उसकी हर हरकत कहीं न कहीं कैमरे में कैद होगी. वहीं,ट्रैफिक को नियंत्रण करने में भी मदद मिलेगी. सैटेलाइट की मदद से कैमरों को एसपी ऑफिस में कंट्रोल रूम से लिंक कर डाटा बेस को एकत्रित करने में आसानी रहेगी.

पुलिस नहीं कर पाई खुलासा: शिमला पुलिस चोरियों सहित कई मामलों का खुलासा अभी तक करने में नाकामयाब रही है. हाल ही में कुछ जगहों पर चोरियों की वारदातों को बदमाशों ने आसानी से अंजाम दिया और फरार हो गए. उन जगह के बाहर कैमरे नहीं होने पर पुलिस को कोई सुराग हाथ नहीं लगा और पुलिस के हाथ अभी तक खाली है. वहीं,पुलिस अधिकारियों ने लोगों से आग्रह किया है कि घरों और दुकान के बाहर सीसीटीवी कैमरे लगाए,ताकि कोई वारदात होने के बाद आरोपियों तक जल्द पहुंचा जा सके.

शिमला में कैमरों की स्थिति: शिमला शहर में सरकारी भवनों में 959 कैमरे लगे हुए ,जबकि निजी भवनों के घरों के बाहर 575 कैमरे स्थापित है. इनमें पुलिस ने 418 कैमरे लगाए ,जिनमें से 404 वर्किंग कंडीशन में और 14 कैमरे खराब हो गए. डीएसपी हेडक्वार्टर कमल वर्मा ने बताया कि शिमला शहर में 209 सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम जल्द शुरू होगा सीसीटीवी कैमरे लगने के बाद यातायात सहित चोरी की घटनाओं के मामले सुलझाने में काफी मदद मिलेगी.

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