किन्नौरः जनजातीय जिला किन्नौर में इस वर्ष बर्फबारी काफी कम हुई है. वहीं, कम बर्फबारी के बाद जिला में करीब डेढ़ महीने से सूखा भी पड़ रहा है और गर्मी ने दस्तक दे दी है. ज्यादा गर्मी के कारण जिला के पहाड़ियों पर बर्फ के पिघलने का सिलसिला भी तेजी से शुरू हो चुका है.
बर्फ के पिघलने के कारण सतलुज व बास्पा में नदी का जलस्तर बढ़ रहा है जो अब खतरे का संकेत भी है. ऐसे में प्रशासन की ओर से जिला के लोगों को नदी नालों के समीप जाने से मनाही की है.
किन्नौर में इस वर्ष बर्फबारी कम
जानकारी देते हुए एसडीएम कल्पा एवं जिला पर्यटन अधिकारी डॉ. मेजर अवनीन्द्र शर्मा ने रिकांगपिओ में कहा कि जिला किन्नौर में इस वर्ष कम बर्फबारी हुई है. उसी के साथ गर्मियों ने भी जल्द ही दस्तक दे दी है. ऐसे में पहाड़ों से बर्फ व ग्लेशियरों के पिघलने का सिलसिला भी जल्द ही जारी हुआ है.
नदी नालों में जलस्तर बढ़ा
ऐसे में जिला के सभी नदी नालों में जलस्तर बढ़ गया है, जिसके चलते अब नदी नालों में बाढ़ की संभावना भी बढ़ रही है. ऐसे में एसडीएम एवं जिला पर्यटन अधिकारी अवनिन्द्र शर्मा ने लोगों को नदी नालों के समीप जाने से मनाही की है. खासकर वे लोग जो नदी से रेता इत्यादि व अन्य कार्यों से जाते है वे नदी के समीप जाने से परहेज करें.
तापमान बढ़ना भी चिंता का विषय
अवनीन्द्र शर्मा ने कहा कि इस वर्ष जिला के कल्पा में सर्दियों के जाने से पहले ही रिकार्ड तोड़ गर्मी हुई है. जिला के कल्पा में 19 डिग्री तापमान बढ़ना भी आने वाले समय के लिए काफी चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि अत्यधिक गर्मी होने से भी जिला में नदी नालों के जलस्तर बढ़ने लगा है.
नदी, नालों में बाढ़ जैसी सम्भावनाएं
ऐसे में कभी भी नदी, नालों में बाढ़ जैसी सम्भावनाए बन सकती है. इसलिए लोग नदी नालों से दूर रहे क्योंकि अब जिला के जलविद्युत परियोजनाओं की ओर से भी अपने बांध से पानी छोड़ सकते है, जिससे सतलुज में उफान भी आ सकता है.
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