शिमलाः हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के नौवें दिन सिरमौर के शिलाई से कांग्रेस विधायक हर्षवर्धन द्वारा प्वाइंट ऑफ ऑर्डर के तहत लाए गए विषय पर सदन में हंगामा हो गया. हर्षवर्धन ने विधायक निधि के समय से पहले अधिकारियों द्वारा आवंटन का प्रश्न उठाया.
हर्षवर्धन ने सवाल उठाया कि तीन लाभार्थियों को अप्रैल 2019 का चैक फरवरी में ही कैसे जारी किया गया. उन्होंने लरोप लगाए कि उनकी ऐच्छिक निधि के तीन चेक पांवटा साहिब के एसडीएम ने तीन चेक अप्रैल 2019 के जारी कर दिए.
इस प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा, "मैंने जानकारी हासिल की है जिसमें यह पता चला की ये टाइपिंग मिस्टेक के कारण हुआ है. डीसी सिरमौर ने बताया कि टाइपिंग मिस्टेक को जल्दी ही ठीक कर लिया जाएगा. इस विषय को इतनी गंभीरता से नहीं लेना चाहिए."
इसके अलावा सदन में विधायकों के अधिकारों और एमएलए के संस्थान को कमजोर करने का मुद्दा भी गूंजा. इसपर बोलते हुए वीरभद्र सिंह ने कहा कि रोहड़ू विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी सरकार ने पूर्व के अनेक कामों और परियोजनाओं का शुभारंभ किया, लेकिन बीजेपी शिलान्यास व योजनाओं पर भी कांग्रेस से भेदभाव कर रही है.
इस पर सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि ये परंपराएं कांग्रेस ने ही डाली हैं. जब वह विपक्ष में थे तो उनकी भी यही पीड़ा थी. सरकारें बदलती हैं तो काम जब पूरे होते हैं तो वर्तमान सरकार ही उद्घाटन करती है. उद्घाटन व शिलान्यास में कांग्रेस सरकार बीजेपी के विधायकों के नाम हटा कर हारे हुए कांग्रेसियों के नाम लगाए गए. यहां तक की पट्टिकाओं के पत्थर तोड़े गए.