मंडी: पूर्व की जयराम सरकार के समय मंडी में खोली गई सरदार पटेल यूनिवर्सिटी पर प्रदेश सरकार मेहरबान होती हुई नजर नहीं आ रही है. सरदार पटेल यूनिवर्सिटी की एफसी यानी फाइनेंस कमेटी की बैठक में 99 प्रतिशत एजेंडे नॉट अप्रूवड रहे.
प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद सरदार पटेल यूनिवर्सिटी की फाइनेंस कमेटी की पहली बैठक बीती 4 नवंबर को हुई थी, जिसमें सरकार के नुमाइंदों ने ही हर एजेंडे पर मुहर लगानी थी. यूनिवर्सिटी की प्रति कुलपति प्रोफेसर अनुपमा सिंह ने बताया कि, ' 99 प्रतिशत विषयों को फाइनेंस कमेटी ने नॉट अप्रूव्ड किया है,जिसमें मुख्य रूप से यूनिवर्सिटी की भर्ती का परिणाम घोषित करना, नई भर्ती करना, सेल्फ फाइनेंसिंग के तहत कोर्स चलाना, भवन निर्माण के लिए चयनित की जा रही जमीन की कागजी प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए एजेंसी हायर करना जैसे महत्वपूर्ण विषय भी नॉट अप्रूवड़ किए गए, जिससे अब यूनिवर्सिटी के सही संचालन में काफी ज्यादा दिक्कतें आ रही हैं.'
हैरानी तो इस बात की है कि यूनिवर्सिटी प्रबंधन के पास अब इलेक्ट्रीशियन और प्लंबर तक नहीं रहे हैं. इन्हें हायर करने से भी फाइनेंस कमेटी ने साफ मना कर दिया है. प्रति कुलपति प्रोफेसर अनुपमा सिंह ने बताया कि, 'इस बात का अधिक दुख है कि छोटी-छोटी जरूरतों को भी अप्रूव नहीं किया जा रहा है. आए दिन बिजली पानी से जुड़ी समस्याएं हो रही हैं. विवि में इलेक्ट्रीशियन और प्लंबर का होना जरूरी है, लेकिन उन्हें भी अप्रूव नहीं किया गया है. इससे यूनिवर्सिटी के छात्रों को ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ रही है.' प्रति कुलपति ने सरकार से यूनिवर्सिटी के सही संचालन में सहयोग की अपील की है.
बता दें कि सत्ता परिवर्तन के बाद से ही मंडी में पूर्व भाजपा सरकार के समय खोली गई सरदार पटेल यूनिवर्सिटी के दायरे को कम करने का प्रयास हुआ है. बीजेपी इसे कई बार मुद्दा भी बना चुकी है. बीजेपी कई बार कह चुकी है कि प्रदेश सरकार यूनिवर्सिटी के सही संचालन की तरफ सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है. यहां दी जाने वाली सुविधाओं को लगातार कम करने का कार्य किया जा रहा है.