शिमला: हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड में विभिन्न श्रेणियों के 706 पदों को समाप्त किया गया है. इसको लेकर बोर्ड प्रबंधन की ओर से आदेश जारी किए गए हैं. इन आदेशों के विरोध में बिजली बोर्ड के कर्मचारी मोर्चा खोलते हुए आज से काले बिल्ले लगाकर काम करेंगे. शिमला स्थित बिजली बोर्ड के मुख्य कार्यालय सहित विद्युत मंडलों व उप मंडलों में कार्यरत इंजीनियर, तकनीकी कर्मचारियों सहित अन्य सभी कर्मचारी काले बिल्ले लगाकर काम करेंगे.
वर्क टू रूल के तहत होगा काम
वहीं, सोमवार से ही कर्मचारियों ने वर्क टू रूल के तहत भी काम करने का फैसला लिया है. यानी बिजली बोर्ड के इंजीनियर और कर्मचारी अब 8 घंटे ही अपनी सेवाएं देंगे. इस अवधि के दौरान जो भी कर्मचारी व अधिकारी का संबधित कार्य होगा वही किया जाएगा. आठ घंटे का समय पूरा होने के बाद बिजली बोर्ड के कर्मचारी अपनी सेवाएं नहीं देंगे. ऐसे में लोगों को बिजली की आपूर्ति को लेकर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.
फैसला वापस न लेने तक जारी रहेगा विरोध
हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड से जुड़े कर्मचारियों के ज्वाइंट फ्रंट के सह संयोजक हीरा लाल वर्मा का कहना है, "कर्मचारी सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं. ये विरोध फैसला वापस नहीं लिए जाने तक जारी रहेगा. सरकार कर्मचारी विरोधी फैसले ले रही है. आज तक किसी भी सरकार ने इस तरह के फैसले नहीं लिए थे. ऐसे में इंजीनियर और कर्मचारी आज से काले बिल्ले लगाकर सरकार के फैसले का विरोध करेंगे."
कर्मचारी की भारी कमी
हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड पहले की कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है. ऐसे में कर्मचारियों पर पहले ही काम का अधिक दबाव है. इस बीच बिजली बोर्ड में विभिन्न श्रेणियों के 706 पदों को समाप्त किया गया है. जिससे बिजली बोर्ड के कर्मचारियों में सरकार के खिलाफ भारी रोष है. ऐसे में कर्मचारियों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
हमीरपुर में होगा पंचायत का आयोजन
वहीं, 11 फरवरी को हमीरपुर जिले में 7 मांगों को लेकर पंचायत का आयोजन किया जाएगा. इसके बाद अन्य जिलों में भी जिला बिजली पंचायत का आयोजन होगा. जिसकी घोषणा हमीरपुर से की जाएगी. हीरा लाल वर्मा ने बताया, "अगर सरकार ने अपने फैसले को वापस नहीं लिया तो प्रदेश भर में सभी बिजली कर्मचारी व अभियंता 24 फरवरी को सामूहिक आकस्मिक अवकाश (मास कैजुअल लीव) पर जाने को मजबूर होंगे."