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भूस्खलन से एनएच-707 बंद, जान जोखिम में डालकर सड़क तक पहुंच रहे लोग - गिरी नदी

सिरमौरी ताल के पास कच्ची ढांग में भूस्खलन से पांवटा-सतोन एनएच-707 पर आवाजाही ठप है. ऐसे में बसों सहित सभी छोटे वाहन गिरी नदी से होकर गुजरते हैं, जिससे सवारियों को हमेशा जान का खतरा बना रहता है

भूस्खलन से एनएच-707 बंद
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Published : Oct 11, 2019, 12:44 PM IST

नाहन: सिरमौरी ताल के पास कच्ची ढांग में भूस्खलन से पांवटा-सतोन एनएच-707 पर आवाजाही ठप है. ऐसे में बसों सहित सभी छोटे वाहन गिरी नदी से होकर गुजरते हैं, जिससे सवारियों को हमेशा जान का खतरा बना रहता है.

बसों सहित छोटे वाहन सहित कई यात्री गिरी नदी में फंसे हुए हैं, जिन्हें जेसीबी व ऐलएनटी मशीनों और लोगों की मदद से बाहर निकाला जा रहा है. हालांकि एनएच प्राधिकरण ने मुख्य एनएच से मलबा हटाकर सड़क दुरूस्त करने का कार्य शुरू कर दिया है, लेकिन उसमे भी अभी काफी समय और लग सकता है.

वीडियो

शिलाई के लोगों ने बताया कि शिलाई विधानसभा के नेताओं ने मौके पर आकर न समस्या का समाधान किया और ना ही जनता का हाल जानना. ऐसे में जनता नेताओं को चुनाव के दौरान करारा जवाब देगी. उन्होंने बताया कि 7 दिन बाद भी प्रशासन पांवटा-शिलाई आने-जाने के लिए कोई उपयुक्त रास्ता नहीं बना है, जो वैकल्पिक मार्ग बनाया गया है उस पर छोटी गाड़ियां को चलाना बहुत मुश्किल है.

स्थानीय लोगों ने बताया कि लगभग आधा दर्जन बसें घंटों तक बीच नदी में फंस रही है, जिन्हें जेसीबी के माध्यम से बाहर निकाला जा रहा है. ऐसे में सवारियों के साथ भी खिलवाड़ हो रहा है. उन्होंने बताया कि अगर प्रदेश के किसी अन्य जगह पर ऐसा भारी भूस्खलन होता तो लोगों की सुरक्षा के लिए कई बंदोबस्त किए जाते थे, लेकिन प्रशासन यहां कुछ नहीं कर रहा.

नाहन: सिरमौरी ताल के पास कच्ची ढांग में भूस्खलन से पांवटा-सतोन एनएच-707 पर आवाजाही ठप है. ऐसे में बसों सहित सभी छोटे वाहन गिरी नदी से होकर गुजरते हैं, जिससे सवारियों को हमेशा जान का खतरा बना रहता है.

बसों सहित छोटे वाहन सहित कई यात्री गिरी नदी में फंसे हुए हैं, जिन्हें जेसीबी व ऐलएनटी मशीनों और लोगों की मदद से बाहर निकाला जा रहा है. हालांकि एनएच प्राधिकरण ने मुख्य एनएच से मलबा हटाकर सड़क दुरूस्त करने का कार्य शुरू कर दिया है, लेकिन उसमे भी अभी काफी समय और लग सकता है.

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शिलाई के लोगों ने बताया कि शिलाई विधानसभा के नेताओं ने मौके पर आकर न समस्या का समाधान किया और ना ही जनता का हाल जानना. ऐसे में जनता नेताओं को चुनाव के दौरान करारा जवाब देगी. उन्होंने बताया कि 7 दिन बाद भी प्रशासन पांवटा-शिलाई आने-जाने के लिए कोई उपयुक्त रास्ता नहीं बना है, जो वैकल्पिक मार्ग बनाया गया है उस पर छोटी गाड़ियां को चलाना बहुत मुश्किल है.

स्थानीय लोगों ने बताया कि लगभग आधा दर्जन बसें घंटों तक बीच नदी में फंस रही है, जिन्हें जेसीबी के माध्यम से बाहर निकाला जा रहा है. ऐसे में सवारियों के साथ भी खिलवाड़ हो रहा है. उन्होंने बताया कि अगर प्रदेश के किसी अन्य जगह पर ऐसा भारी भूस्खलन होता तो लोगों की सुरक्षा के लिए कई बंदोबस्त किए जाते थे, लेकिन प्रशासन यहां कुछ नहीं कर रहा.

Intro:गिरी नदी में फंसे दर्जनों वाहन जेसीबी ट्रैक्टर से निकाले बाहर
नेताओं के झूठे चुनावी वादे का करारा जवाब देंगे ग्रामीण
मौत के रास्ते जंग लड़कर पहुंच रहे हैं घर
नेताओं पर लगाए लोगों ने आरोप पर आरोपBody:


सिरमौरी ताल के समीप कच्ची ढांग में भूस्खलन से पांवटा-सतोन एनएच-707 पर आवाजाही ठप्प है। यातायात बहाल न होने के कारण जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो चुका है। एनएच प्राधिकरण और लोनिवि के वैकल्पिक मार्ग के प्रयास भी रंग नही ला सके हैं। क्योकि इस वैकल्पिक मार्ग से बड़े वाहन और बसें नही जा पा रही हैं। बसों सहित सभी छोटे वाहन अभी भी गिरि नदी से होकर गुजर रहे है जिससे सवारियों की जान पर भी आफत बन रही है। बसों सहित छोटे वाहन गिरी नदी मे फंस रहे है और यात्रियों सहित मोटरसाइकिल ऊफनती गिरी नदी में बह रहे हैं जिन्हें बाद में जेसीबी व ऐलएनटी मशीनों और लोगों की मदद से बाहर निकाला जा रहा है। हालांकि एनएच प्राधिकरण ने मुख्य एनएच से मलबा हटाकर सड़क दुरूस्त करने का कार्य शुरू कर दिया है लेकिन उसमे भी अभी काफी समय और लग सकता है। वही लोग नेताओं को कोसते भी नजर आ रहे हैं।
शिलाई के बाशिंदों ने कहा है कि ने कहा कि इस मुश्किल समय में भी शिलाई विधानसभा के नेता पच्छाद चुनाव में व्यस्त हैं। उन्होंने मौके पर आकर इसका समाधान करना व समस्त जनता का हाल तक जानना जरूरी नहीं समझा। ऐसे बेपरवाह नेताओं को जनता करारा जवाब जरूर देगी उन्होंने कहा कि शिलाई के वर्तमान व पूर्व विधायक को अब पच्छाद में ही रहकर वहीं राजतीनि करनी चाहिए शिलाई वापस ही नहीं आना चाहिए।
7 दिन बाद भी प्रशासन पांवटा-शिलाई आने जाने के लिए कोई उपयुक्त रास्ता नहीं बना पाया है। जो वैकल्पिक मार्ग बनाया गया है उस पर छोटी गाड़ियों तक का चलना बहुत मुश्किल है जिसके बाद उफनती गिरी नदी पार करनी पड़ती है जिसमें छोटी गाड़ियां वह मोटरसाइकिल नदी के बहाव में बह रही है जिसके कारण आने जाने वाले मुसाफिरों को बहुत सी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बीज नदी में फंसे लोगों को अपने चिंता सताना शुरू हो गया है लगभग आधा दर्जन बसें घंटो घंटो तक बीच नदी मैं फस रही है जिन्हें जेसीबी के माध्यम से बाहर निकाला जा रहा है ऐसे में सवारियों के साथ भी खिलवाड़ हो रहा है
लोगों का यह भी कहना है कि अगर हिमाचल के किसी अन्य जगह पर ऐसा भारी भूस्खलन होता तो लोगों की सुरक्षा के लिए कई बंदोबस्त किए जाते थे पर यहां के नेताओं की लापरवाही बेरुखी से सिरमौर यों को ट्रैक्टर और जेसीबी में बिठाकर नदी पार करवाई जा रही है जिससे सिरमौर यों को उनके पिछड़े पन का एहसास भी दिलाया जा रहा है क्यों सिरमौरियो के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा हैConclusion:
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