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इंडियन टेक्नोमेक कंपनी को नीलाम कर सकती है सरकार, इन्वेस्टर्स समिट के जरिये बेचने की होगी कवायद

इंडियन टेक्नोमेक कंपनी की नीलामी सरकार इन्वेस्टर्स समिट में कर सकती है. इस कंपनी में 2100 करोड़ से अधिक का टैक्स फ्रॉड, 2300 करोड़ के लोन फ्रॉड व आयकर विभाग के 780 करोड़ रुपये की देनदारी शामिल है.

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Published : Aug 7, 2019, 11:28 AM IST

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नाहन: करीब 6 हजार करोड़ के बहुचर्चित महाघोटाले में संलिप्त इंडियन टेक्नोमेक कंपनी की नीलामी सरकार इन्वेस्टर्स समिट में कर सकती है. हाईकोर्ट के आदेशों के अनुसार आबकारी एवं कराधान विभाग कंपनी को नीलाम करने की दिशा में कार्य कर रहा है.

बता दें कि 265 बीघा में फैली इस कंपनी परिसर में सभी तरह की सुविधाएं मौजूद हैं, जो कि औद्योगिकरण के लिहाज एक बेहतर विकल्प साबित हो सकती है. दरअसल साल 2009 में इंडियन टेक्नोमेक कंपनी सिरमौर के उपमंडल पांवटा साहिब के तहत माजरा पंचायत के जगतपुर में स्थापित की गई थी.

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बता दें कि हजारों करोड़ रुपये के महाघोटाले को लेकर इंडियन टेक्नोमेक कंपनी सुर्खियों में रही है. इसमें 2100 करोड़ से अधिक का टैक्स फ्रॉड, 2300 करोड़ के लोन फ्रॉड व आयकर विभाग के 780 करोड़ रुपये की देनदारी शामिल है. स्टेट टैक्स एंड एक्साइज डिपार्टमेंट के डिप्टी कमीशनर जीडी ठाकुर ने कहा कि संबंधित कंपनी की नीलामी प्रक्रिया का रास्ता साफ हो गया है. उन्होंने कहा कि उद्योग के लिहाज से यह एक डेवलप लैंड है, जो सभी सुविधाओं से लैस है.

डिप्टी कमीशनर ने कहा कि बिल्डिंग के साथ-साथ मशीनरी इत्यादि सभी नई स्थिति में हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इन्वेस्टर्स समिट के जरिए राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय निवेशकों को आमंत्रित कर रही है. उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के आदेशों के मुताबिक पहले इस प्लांट को वैसे ही बेचा जाए, जिस रनिंग कंडीशन में यह वर्तमान में है.

गौरतलब है कि जब यह कंपनी काम कर रही थी, उस वक्त यहां दर्जनों ठेकेदारों के माध्यम से करीब 3500 कामगार व 250 कर्मचारी काम कर रहे थे. वर्तमान में हालत यह है कि कभी पूरी शानोशौकत के साथ चलने वाली यह कंपनी अब करोड़ों रुपये के महाघोटाले के चलते नीलाम होने की दहलीज पर खड़ी है.

नाहन: करीब 6 हजार करोड़ के बहुचर्चित महाघोटाले में संलिप्त इंडियन टेक्नोमेक कंपनी की नीलामी सरकार इन्वेस्टर्स समिट में कर सकती है. हाईकोर्ट के आदेशों के अनुसार आबकारी एवं कराधान विभाग कंपनी को नीलाम करने की दिशा में कार्य कर रहा है.

बता दें कि 265 बीघा में फैली इस कंपनी परिसर में सभी तरह की सुविधाएं मौजूद हैं, जो कि औद्योगिकरण के लिहाज एक बेहतर विकल्प साबित हो सकती है. दरअसल साल 2009 में इंडियन टेक्नोमेक कंपनी सिरमौर के उपमंडल पांवटा साहिब के तहत माजरा पंचायत के जगतपुर में स्थापित की गई थी.

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बता दें कि हजारों करोड़ रुपये के महाघोटाले को लेकर इंडियन टेक्नोमेक कंपनी सुर्खियों में रही है. इसमें 2100 करोड़ से अधिक का टैक्स फ्रॉड, 2300 करोड़ के लोन फ्रॉड व आयकर विभाग के 780 करोड़ रुपये की देनदारी शामिल है. स्टेट टैक्स एंड एक्साइज डिपार्टमेंट के डिप्टी कमीशनर जीडी ठाकुर ने कहा कि संबंधित कंपनी की नीलामी प्रक्रिया का रास्ता साफ हो गया है. उन्होंने कहा कि उद्योग के लिहाज से यह एक डेवलप लैंड है, जो सभी सुविधाओं से लैस है.

डिप्टी कमीशनर ने कहा कि बिल्डिंग के साथ-साथ मशीनरी इत्यादि सभी नई स्थिति में हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इन्वेस्टर्स समिट के जरिए राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय निवेशकों को आमंत्रित कर रही है. उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के आदेशों के मुताबिक पहले इस प्लांट को वैसे ही बेचा जाए, जिस रनिंग कंडीशन में यह वर्तमान में है.

गौरतलब है कि जब यह कंपनी काम कर रही थी, उस वक्त यहां दर्जनों ठेकेदारों के माध्यम से करीब 3500 कामगार व 250 कर्मचारी काम कर रहे थे. वर्तमान में हालत यह है कि कभी पूरी शानोशौकत के साथ चलने वाली यह कंपनी अब करोड़ों रुपये के महाघोटाले के चलते नीलाम होने की दहलीज पर खड़ी है.

Intro:-सभी सुविधाओं से लैस है यह कंपनी, 265 बीघा में एक साथ ही ये प्रापर्टी 
नाहन। करीब 6 हजार करोड़ के बहुचर्चित महाघोटाले में संलिप्त इंडियन टेक्नोमेक कंपनी की नीलामी सरकार इन्वेस्टर मीट के माध्यम से भी कर सकती है। हाईकोर्ट के आदेशों के अनुसार आबकारी एवं कराधान विभाग कंपनी को नीलाम करने की दिशा में कार्य कर रहा है। 265 बीघा में फैली इस कंपनी परिसर में सभी तरह की सुविधाएं मौजूद है, जोकि औद्योगिकरण के लिहाज एक एक बेहतर विकल्प साबित हो सकती है। साल 2009 में इंडियन टेक्नोमेक कंपनी सिरमौर के उपमंडल पांवटा साहिब के तहत माजरा पंचायत के जगतपुर में स्थापित की गई थी। आबकारी एवं कराधान विभाग की पिछले 5 साल की मेहनत का ही नतीजा है कि प्रदेश में अब तक के सबसे बड़े महाघोटाले को अंजाम देने वाले कंपनी को आखिरकार नीलामी की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया गया है। 


Body:बता दें कि हजारों करोड़ रूपए के महाघोटाले को लेकर इंडियन टेक्नोमेक कंपनी सुर्खियों में रही है। इसमें 2100 करोड़ से अधिक का टैक्स फ्राड, 2300 करोड़ के लोन फ्राड व आयकर विभाग के 780 करोड़ रूपए की देनदारी शामिल है। आबकारी व कराधान विभाग की मूल राशि में यदि ब्याज जोड़ा जाए, तो यह आंकड़ा 6 हजार करोड़ के आसपास बनता है। इस उद्योग में रिफाइंड एलॉय-हवाई जहाज व अन्य जहाजों के पुर्जे बनाए जाते थे।
स्टेट टैक्स एंड एक्साइज डिपार्टमेंट के डिप्टी कमीशनर जीडी ठाकुर ने बताया कि संबंधित कंपनी की नीलामी प्रक्रिया का रास्ता साफ हो गया है। उन्होंने कहा कि 265 बीघा में कंपनी का यह प्रापर्टी है, जोकि एक साथ है, जिसमें कोई विवाह नहीं है। उद्योग के लिहाज से यह एक डेवल्प लैंड है, जोकि सभी सुविधाओं से लैस है। वर्ष 2009 में यह प्लांट स्थापित किया गया था। बिल्डिंग के साथ-साथ मशीनरी इत्यादि सभी नई स्थिति में है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इन्वेस्टर मीट के जरिये राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय निवेशकों को आमंत्रित कर रही है। ऐसे में उन निवेशकों के लिए यह कंपनी एक बेहतर विकल्प हो सकती है। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के आदेशों के मुताबिक पहले इस प्लांट को वैसे ही बेचा जाए, जिस रनिंग कंडीशन में यह वर्तमान में है। इस तरह का हिमाचल में ओर कोई यूनिट भी नहीं है। उन्होंने बताया कि आबकारी एवं कराधान विभाग के सुझाव पर विभाग के प्रिंसीपल सैक्रेटरी ने भी इस बारे अपनी सहमति जताई है और कहा है कि संबंधित कंपनी की सारी डिटेल इन्वेस्टर मीट के लिए बने पोर्टल पर डाली जाए, ताकि देश-विदेश से आने वाले बड़े औद्योगिक घराने संबंधित कंपनी परिसर को खरीद सकें।
बाइट: जीडी ठाकुर, डिप्टी कमीश्नर स्टेट टैक्स एंड एक्साइज 


Conclusion:गौरतलब है कि जब यह कंपनी काम कर रही थी, उस वक्त यहां दर्जनों ठेकेदारों के माध्यम से करीब 3500 कामगार व 250 कर्मचारी कार्यरत हुआ करते थे। वर्तमान में हालत यह है कि कभी पूरी शानोशौकत के साथ चलने वाली यह कंपनी अब करोड़ों रूपए के महाघोटाले के चलते नीलाम होने की दहलीज पर खड़ी है। 
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